Trump Tariff: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत से अमेरिका के लिए निर्यात होने वाले सामानों पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के बाद भारत से अधिक अमेरिका को ही नुकसान होगा. बताया यह जा रहा है कि ट्रंप के इस कदम से अमेरिका के लोग दवा-दारू के लिए तरस जाएंगे. इसका कारण यह है कि अमेरिका में बिकने वाली जेनरिक दवाएं भारत से ही निर्यात की जाती है. डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग और अमेरिकी उपभोक्ताओं दोनों को प्रभावित करेगा.
दुनिया में फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड नाम से प्रसिद्ध है भारत
पूरी दुनिया में भारत ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में जाना जाता है और अपने सस्ते जेनेरिक दवाओं के लिए प्रसिद्ध है. मेडिसर्किल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को लगभग 8.7 अरब डॉलर मूल्य की दवाओं का निर्यात किया, जो कुल फार्मा निर्यात का 31% है. अमेरिकी बाजार से भारतीय कंपनियों जैसे सन फार्मा, डॉ रेड्डीज और सिप्ला को अपनी कुल आय का महत्वपूर्ण हिस्सा प्राप्त होता है. अकेले डॉ रेड्डीज की कुल बिक्री का 47% उत्तरी अमेरिका से आता है.
अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में इस्तेमाल की जाने वाली लगभग 47% जेनेरिक दवाएं भारतीय कंपनियों की ओर से सप्लाई की जाती हैं, जिससे अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली को 2022 में करीब 408 अरब डॉलर की बचत हुई. टैरिफ लागू होने से इन दवाओं की कीमतों में वृद्धि होगी, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है और स्वास्थ्य देखभाल की लागत बढ़ सकती है.
भारतीय कंपनियों की प्रतिक्रिया
भारत की फार्मा कंपनियों ने संकेत दिया है कि डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने पर अतिरिक्त लागत उपभोक्ताओं पर डाली जा सकती है. सन फार्मा के प्रबंध निदेशक दिलीप सांघवी के अनुसार, “हम अमेरिका में 1 से 5 डॉलर प्रति बोतल के बीच उत्पाद बेचते हैं और 10% या 25% का टैरिफ उस लागत को मामूली रूप से बदल सकता है.”
इसे भी पढ़ें: आरबीआई गवर्नर ने ये क्यों कहा, ”मैं संजय हूं, लेकिन महाभारत का नहीं?”
संभावित समाधान और वार्ता
भारतीय फार्मास्युटिकल एलायंस (IPA) के महासचिव सुधर्शन जैन ने कहा है कि यह मामला द्विपक्षीय वार्ताओं के माध्यम से सुलझाया जाएगा. उन्हें विश्वास है कि संबंधित पक्षों के बीच लगातार बातचीत से कोई न कोई समाधान निकलेगा.
इसे भी पढ़ें: सुबह-सुबह लागू हो गया ट्रंप का 26% रेसिप्रोकल टैरिफ, जानें किन सामानों के निर्यात पर पड़ेगा प्रभाव
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.