SEBI Chairman: वरिष्ठ नौकरशाह तुहिन कांत पांडेय ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के 11वें चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. सेबी के नए प्रमुख के रूप में उन्होंने पारदर्शिता (Transparency), विश्वास (Trust), टीमवर्क (Teamwork) और प्रौद्योगिकी (Technology) को अपनी प्राथमिकता बताया.
सेबी के नए चेयरमैन का दृष्टिकोण
तुहिन कांत पांडेय पहले वित्त सचिव थे. उन्होंने सेबी को एक “मजबूत बाजार संस्थान” बताया और भरोसा दिलाया कि इसे और सशक्त बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सेबी को वर्षों से विभिन्न दिग्गजों ने आकार दिया है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.
सेबी में हाल के घटनाक्रम
- तुहिन कांत पांडेय माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिन पर कार्यकाल के अंतिम महीनों में अनियमितताओं के आरोप लगे थे.
- हाल ही में सेबी के कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिसे लेकर बाजार में हलचल थी.
- तुहिन कांत पांडेय ऐसे समय में पदभार संभाल रहे हैं, जब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारी निकासी के कारण भारतीय शेयर बाजार दबाव में है. जनवरी 2025 से अब तक विदेशी निवेशकों ने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है.
सेबी चेयरमैन के रूप में तुहिन कांत पांडेय की पृष्ठभूमि
- 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.
- वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग संभाल चुके हैं.
- दीपम (DIPAM) के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सचिव रहे, जो सरकारी कंपनियों में सरकारी इक्विटी का प्रबंधन करता है.
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सेबी में आगे की राह
तुहिन कांत पांडेय के नेतृत्व में सेबी का फोकस पारदर्शिता, निवेशकों का विश्वास बढ़ाने और बाजार नियमन को मजबूत करने पर रहेगा. आने वाले महीनों में उनकी नीतियां और निर्णय भारतीय वित्तीय बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं.
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