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UPS: 23 लाख सरकारी कर्मचारियों की 1 अप्रैल से खुल जाएगी किस्मत, लागू होने वाली है नई पेंशन स्कीम

UPS: यूनिफाइड पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी, जिससे 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. यह योजना पुरानी पेंशन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना के लाभों को समाहित करती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद स्थिर और सुनिश्चित पेंशन मिलेगी.

UPS: देश में केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले 23 लाख सरकारी कर्मचारियों की किस्मत 1 अप्रैल 2025 से खुलने वाली है. इसका कारण यह है कि 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होने वाली है. सरकार की इस स्कीम में पुरानी पेशन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना को समाहित कर दिया गया है. आइए, यूनिफाइड पेंशन स्कीम के बारे में जानते हैं.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है?

केंद्र सरकार ने यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है. यूपीएस पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) की चुनिंदा विशेषताओं को समाहित करते हुए यूनिफाइड पेंशन सिस्टम पेश करती है.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम की खासियत

  • निश्चित पेंशन: 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा. 25 साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों की पेंशन उनकी सेवा अवधि के अनुपात में निर्धारित की जाएगी, जिसमें न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल है.
  • निश्चित पारिवारिक पेंशन: कर्मचारी की मौत होने पर उसके पति या पत्नी को कर्मचारी की पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में प्रदान किया जाएगा.
  • न्यूनतम पेंशन: 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी दी जाएगी.
  • मुद्रास्फीति समायोजन: निश्चित पेंशन और पारिवारिक पेंशन को मुद्रास्फीति के अनुरूप समायोजित किया जाएगा, जिससे महंगाई के प्रभाव से पेंशन की क्रय शक्ति बनी रहे.
  • महंगाई राहत: सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत प्रदान की जाएगी.
  • सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान: ग्रेच्युटी के अतिरिक्त, प्रत्येक कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर अंतिम मासिक वेतन का 10% प्रति छह माह की सेवा अवधि के लिए एकमुश्त भुगतान मिलेगा.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का असर

यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लागू होने से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को तत्काल लाभ होगा. यदि राज्य सरकारें भी इस योजना को अपनाती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 90 लाख तक पहुँच सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को सरकारी कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला कदम बताया है, जो उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम और राष्ट्रीय पेंशन योजना में फर्क

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में पेंशन राशि बाजार आधारित निवेश पर निर्भर करती है, जिससे पेंशन की गारंटी नहीं होती. वहीं, यूनिफाइड पेंशन स्कीमत में निश्चित पेंशन की गारंटी है, जिससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर आय सुनिश्चित होती है. इसके अलावा, यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सरकार का योगदान 18.5% होगा, जबकि एनपीएस में यह 14% है.

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यूनिफाइड पेंशन स्कीम से आर्थिक सुरक्षा

यूनिफाइड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगी. इस योजना के माध्यम से सरकार ने कर्मचारियों के कल्याण और सुरक्षित भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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