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वेदांता-वायसराय विवाद में नया मोड़, पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ बोले—विश्वसनीय नहीं है शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट

Vedanta-Viceroy Controversy: पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वेदांता समूह पर वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट को अविश्वसनीय बताया है. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली और भ्रामक है. वेदांता ने इसे चुनिंदा गलत सूचनाओं पर आधारित बताते हुए कानूनी कार्रवाई की तैयारी जताई है. वायसराय ने वेदांता रिसोर्सेज पर ‘परजीवी’ और ‘पोंजी स्कीम’ जैसे गंभीर आरोप लगाए थे, जिन्हें कंपनी ने पूरी तरह खारिज कर दिया है.

Vedanta-Viceroy Controversy: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने वेदांता समूह को कानूनी राय देते हुए कहा है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट “विश्वसनीय नहीं” है. वेदांता समूह ने शुक्रवार को शेयर बाजार को सूचित किया कि रिपोर्ट में लगे आरोपों को देखते हुए कंपनी ने पूर्व सीजेआई से स्वतंत्र कानूनी राय मांगी थी. उसी के आधार पर यह प्रतिक्रिया आई है.

वायसराय पर गंभीर आरोप

पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी राय में कहा कि वायसराय रिसर्च की रणनीति सूचीबद्ध कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन लेकर उनके खिलाफ भ्रामक और झूठी रिपोर्ट प्रकाशित करना रही है, ताकि अवैध रूप से लाभ कमाया जा सके. उन्होंने कहा कि वेदांता के खिलाफ प्रकाशित रिपोर्ट में “पोंजी स्कीम” और “परजीवी” जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिससे समूह की प्रतिष्ठा और व्यवसाय को नुकसान हो रहा है.

चुनिंदा गलत सूचना और निराधार आरोप: वेदांता समूह

वेदांता समूह ने वायसराय की रिपोर्ट को चुनिंदा गलत सूचना पर आधारित और पूरी तरह निराधार बताया है. कंपनी ने कहा कि इसका मकसद केवल वेदांता को बदनाम करना है. समूह ने साफ किया कि वह इस रिपोर्ट से हुए नुकसान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार है.

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वेदांता रिसोर्सेज ताश का घर: वायसराय

9 जुलाई 2025 को जारी रिपोर्ट में वायसराय रिसर्च ने अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली ब्रिटिश मूल की कंपनी वेदांता रिसोर्सेज को एक “परजीवी” बताया था, जो भारत की वेदांता लिमिटेड को ‘‘व्यवस्थित रूप से खत्म’’ कर रही है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि समूह भारी कर्ज, लूटी गई संपत्ति और झूठे लेखांकन पर टिका है. वेदांता ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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