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Inflation: मई 2025 में सब्जियों की कीमतों में गिरावट से आम लोगों को राहत मिली है. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, शाकाहारी थाली की कीमत घटकर 26.2 रुपये और मांसाहारी थाली की कीमत 52.6 रुपये हो गई. टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में कमी मुख्य कारण रही. ब्रॉयलर की कीमतों में भी गिरावट से मांसाहारी थाली सस्ती हुई. हालांकि, रसोई गैस के दाम में 6% बढ़ोतरी के कारण थाली की लागत में अधिक गिरावट नहीं आई.

Inflation: सब्जियों की कीमतों ने मई के महीने में आम आदमी को बड़ी राहत दी है. इनके दाम घटने की वजह से लोगों के घर का खाना सस्ता हुआ है और वे कम खर्च पर हरी सब्जियों के साथ पौष्टिक भोजन कर रहे हैं. क्रिसिल इंटेजिजेंस की ओर से हर महीने जारी की जाने वाली ‘रोटी चावल दर’ रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों के दाम घटने से मई के महीने में घर का बना खाना थोड़ा सस्ता हो गया. इस दौरान शाकाहारी भोजन के मुकाबले मांसाहारी थाली के दाम में अधिक गिरावट रही.

शाकाहारी थाली हो गई सस्ती

क्रिसिल इंटेलिजेंस की मासिक ‘रोटी चावल दर’ रिपोर्ट के मुताबिक, घर में बनी शाकाहारी थाली की कीमत मई महीने में घटकर 26.2 रुपये हो गई, जबकि इस साल अप्रैल में इसकी कीमत 26.3 रुपये और पिछले साल मई में 27.8 रुपये थी.

मांसाहारी थाली के खर्च में तेज गिरावट

पिछले महीने मांसाहारी थाली के मामले में गिरावट ज्यादा तेजी से कम होकर 52.6 रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 55.9 रुपये थी. वहीं अप्रैल 2025 में मांसाहारी थाली 53.9 रुपये की थी.

फिर तेज भागेंगी सब्जियों की कीमतें

क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पूषन शर्मा ने कहा, “आगे चलकर मौसमी बदलावों के कारण सब्जियों की कीमतों में वृद्धि की संभावना है. उन्होंने कहा कि मजबूत घरेलू उत्पादन के बीच गेहूं और दालों की कीमतों में थोड़ी नरमी की उम्मीद करते हैं.” शर्मा ने कहा कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के कारण निर्यात किए जाने वाले चावल की मात्रा में 20-25% बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

क्यों सस्ती हुई शाकाहारी थाली

क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में थाली की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण टमाटर की कीमतों में 29%, प्याज में 15% और आलू की कीमतों में 16% की गिरावट को बताया गया है. पिछले साल कम पैदावार से जुड़ी चिंताओं के कारण टमाटर की कीमतों में तेजी देखी गई थी. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में फसल के संक्रमण से आलू की कीमतें बढ़ गई थीं, जबकि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं कर्नाटक में रकबे और पैदावार में कमी के अलावा पानी की उपलब्धता ने भी प्याज की कीमतों को बढ़ा दिया था.

मांसाहारी थाली के सस्ता होने पीछे का कारण

रिपोर्ट के मुताबिक, मांसाहारी थाली की लागत में कमी ब्रॉयलर (मुर्गे) की कीमतों में 6% कमी आने से आई है. ब्रॉयलर की मांसाहारी थाली में कुल लागत का 50% भारांश होता है. रिपोर्ट कहती है कि मुर्गे की कीमत में नरमी का कारण महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट के बीच आपूर्ति अधिक होना और मांग में कमी आना है.

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रसोई गैस की कीमत में 6% बढ़ोतरी

आयात शुल्क और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 6% की वृद्धि होने से घरेलू थाली के दाम में अधिक गिरावट नहीं आई. अप्रैल की तुलना में मई के दौरान आलू के दाम में 3% और टमाटर में 10% की वृद्धि हुई, जबकि प्याज की कीमतों में 10% की गिरावट आई. इससे शाकाहारी थाली के दाम में मासिक आधार पर मामूली रूप से कमी आई. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रॉयलर की कीमतों में भी मासिक आधार पर 4% की गिरावट आने से मांसाहारी थाली की लागत में कमी आई.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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