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‘मैं भारत वापस लौटना चाहता हूं, मगर बिना केस के जेल…’, विजय माल्या का दावा

Vijay Mallya: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि वह भारत लौटना चाहते थे, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय के समन पर उपस्थित न होने के चलते उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया. माल्या ने कहा कि यदि उन्हें भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक व्यवहार का भरोसा मिले, तो वह जरूर लौटेंगे. उन्होंने ब्रिटेन में चल रही कानूनी लड़ाई, प्रत्यर्पण मामला और जेल की चिंताओं पर भी विस्तार से चर्चा की.

Vijay Mallya: भारत के भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या का मामला वर्षों से सुर्खियों में बना रहा है. बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने, भारत से भागने और प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी लड़ाई ने इस केस को वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है. एक इंटरव्यू में भारत के आर्थिक अपराधी विजय माल्या ने कई बड़े खुलासे किए हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे भारत लौटना चाहते थे, लेकिन उनका पासपोर्ट ही रद्द कर दिया गया. आइए, जानते हैं कि उन्होंने इस इंटरव्यू में उन्होने अपने बारे में और क्या-क्या कहा है?

विजय माल्या पासपोर्ट क्यों हुआ रद्द

यूट्यूबर राज शमानी को करीब चार घंटे से अधिक वक्त तक दिए गए इंटरव्यू में विजय माल्या ने कहा कि वह भारत लौटना चाहते थे, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर उपस्थित न होने के कारण उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया. उनके अनुसार, उन्होंने ED को जवाब भेजा था कि उन्हें कुछ समय चाहिए, ताकि वे बकाया कर्ज चुका सकें और अपनी वित्तीय स्थिति संभाल सकें. लेकिन, इससे पहले ही 15 अप्रैल 2016 को उनका पासपोर्ट निलंबित कर दिया गया और 24 अप्रैल को उसे रद्द कर दिया गया.

सरकार का पक्ष और प्रत्यर्पण मामला

भारत सरकार के मुताबिक, माल्या ने समय पर जवाब नहीं दिया, इसलिए विदेश मंत्रालय को पासपोर्ट रद्द करना पड़ा. इसके बाद भारत ने माल्या को प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू की. हालांकि ब्रिटेन के हाईकोर्ट में माल्या केस हार गए, लेकिन उन्होंने यह दलील दी कि भारत की हिरासत शर्तें मानवाधिकारों का उल्लंघन करती हैं और यह अनुच्छेद 3 (ईसीएचआर) का उल्लंघन है.

माल्या की दलील और न्यायिक व्यवस्था पर सवाल

इंटरव्यू में विजय माल्या ने दावा किया है कि यदि उन्हें भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक व्यवहार का भरोसा हो, तो वे जरूर लौटेंगे. वे यह भी कहते हैं कि कई बार भारत में बिना मुकदमे के लंबे समय तक जेल में रखा जाता है, जो एक चिंताजनक बात है. ऐसे उदाहरणों के आधार पर उन्हें लगता है कि भारत में उन्हें न्याय नहीं मिलेगा.

कानूनी लड़ाई और आगे का रास्ता

विजय माल्या ने कहा कि वह कानूनी रास्ता अपनाकर अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. पासपोर्ट दोबारा पाने और भारत लौटने के लिए उन्हें भारतीय संविधान के तहत अपने अधिकारों का दावा करना होगा. लेकिन, इस प्रक्रिया में वकीलों की फीस, कानूनी कागजात और समय की जटिलताएं हैं, जिन्हें वे स्वीकार करते हैं.

केस हारने के बाद ब्रिटेन में क्यों?

इस सवाल के जवाब में विजय माल्या ने कहा, ”हां, केस हारना एक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन कई कानूनी लड़ाइयां अब भी जारी हैं. मैं पूरी तरह वैध तरीके से ब्रिटेन में रह रहा हूं और कानून के अनुसार अपना बचाव कर रहा हूं.”

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क्या होगा विजय माल्या का अगला कदम

उन्होंने कहा, ”मुझे बहुत कुछ सही करना है. मैं एक-एक लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं. वकीलों की फीस, कानूनी दस्तावेज सब महंगे हैं, लेकिन मैं अपने अधिकारों के लिए लड़ूंगा.”

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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