Subroto Bagchi: जब दुनिया सफलता को धन, पद और पुरस्कारों से मापती है, वहीं माइंडट्री के सह-संस्थापक सुब्रतो बागची (Subroto Bagchi) ने यह साबित कर दिया कि सच्ची संपत्ति न बैंक बैलेंस से आती है और न ही किसी बड़ी तनख्वाह से, बल्कि सेवा और संकल्प से आती है.
एक रुपये की तनख्वाह, आठ वर्षों की सेवा
हाल ही में बागची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक चेक की तस्वीर साझा की जिसकी राशि मात्र Re 1 थी. यह चेक उन्हें ओडिशा सरकार के प्रमुख सलाहकार (Chief Advisor – Institution and Capacity Building) के रूप में आठ वर्षों की सेवा के बाद मिला अंतिम वेतन था.
उन्होंने एक्स पर लिखा “मैंने हर साल सिर्फ 1 रुपये वेतन लिया और यह मेरा अंतिम वेतन है. यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी दौलत है, जिसे मैं कभी नहीं छोड़ सकता.”
माइंडट्री से राज्य सेवा तक का सफर
सुब्रतो बागची ने IT कंपनी Mindtree की स्थापना की थी और वे एक सफल उद्यमी, लेखक और परोपकारी व्यक्ति माने जाते हैं. लेकिन जब उन्हें ओडिशा सरकार की ओर से संस्थागत निर्माण और क्षमतावर्धन के लिए काम करने का अवसर मिला, तो उन्होंने बिना किसी लालच के केवल प्रतीकात्मक 1 रुपये वेतन पर काम स्वीकार किया. उनका मानना था कि एक राज्य की सेवा करना पैसा कमाने से कहीं अधिक मूल्यवान है.
सोशल मीडिया पर सराहना
बागची की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और देशभर के लोगों ने उनकी नम्रता और सेवा भावना की सराहना की. एक यूज़र ने लिखा, “आपकी यह सेवा सार्वजनिक जीवन के कीचड़ में खिले कमल की तरह है.” कई लोगों ने उन्हें सच्चे नेतृत्व का प्रतीक बताया, खासकर उस दौर में जब ज़्यादातर लोग निजी लाभ के पीछे भागते हैं.
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