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Mutual Funds पर टूट पड़ी महिलाएं, कंपनियों के एसेसट्स साइज में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

Mutual Funds: वित्त वर्ष 2024-25 में म्यूचुअल फंड स्कीमों में महिलाओं की भागीदारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है. निवेशकों की संख्या बढ़ने और मजबूत नेट फ्लो के चलते म्यूचुअल फंड एसेट्स 23% बढ़कर 65.74 लाख करोड़ रुपये हो गए. महिलाओं की हिस्सेदारी 26% तक पहुंच गई है. एसआईपी में भी निवेश तेजी से बढ़ा है, जिससे कुल एयूएम में इसका हिस्सा 20% से अधिक हो गया है. इक्विटी और हाइब्रिड योजनाएं निवेश का मुख्य आधार बनी हुई हैं.

Mutual Funds: सेविंग्स स्कीमों में कम रिटर्न मिलने की वजह से पिछले कई सालों से म्यूचुअल फंडों के जरिए शेयर बाजार में निवेश के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. खास बात यह है कि म्यूचुअल फंड में निवेश के प्रति महिलाओं में दिलचस्पी काफी बढ़ी है. यही वजह है कि म्यूचुअल फंड एसेसट्स की साइज वित्त वर्ष 2024-25 में सालाना आधार पर 23% बढ़कर 65.74 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. उद्योग निकाय एम्फी ने सोमवार को जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2023-24 में म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 53.40 लाख करोड़ रुपये थीं.

नेट फ्लो में बढ़ोतरी से एसेट्स में वृद्धि

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में इक्विटी और लोन मार्केट्स में तेजी के बीच मजबूत नेट फ्लो और निवेश के बाजार मूल्य (एमटीएम) में वृद्धि से होने वाले लाभ के कारण एयूएम का आकार बढ़ा है. उद्योग निकाय ने एयूएम में वृद्धि का श्रेय वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 8.15 लाख करोड़ रुपये तक के नेट फ्लो को भी दिया है.

ऑलटाइम हाई पर पहुंची पोर्टफोलियो संख्या

परिसंपत्ति आधार में तेज उछाल निवेशकों और म्यूचुअल फंड कंपनियों की बढ़ती संख्या में भी परिलक्षित हुआ. पोर्टफोलियो की संख्या 23.45 करोड़ के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई और निवेशक आधार भी लगभग 5.67 करोड़ हो गया. पिछले वित्त वर्ष में इक्विटी-उन्मुख योजनाओं का फोलियो सालाना आधार पर 33.4% बढ़कर 16.38 करोड़ हो गया. यह योजना 70% के साथ फोलियो का सबसे बड़ा हिस्सा बनी रही.

हाइब्रिड योजनाओं के पोर्टफोलियो में बढ़ोतरी

इसके साथ ही हाइब्रिड योजनाओं के फोलियो में 16% की वृद्धि हुई और यह 1.56 करोड़ हो गए, जबकि इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) सहित अन्य योजनाएं 48.3% बढ़कर 4.15 करोड़ हो गईं. इसके विपरीत, ऋण-उन्मुख योजना का फोलियो 3% घटकर 69.5 लाख रह गया.

एसआईपी परिसंपत्तियों में जोरदार बढ़ोतरी

व्यवस्थित निवेश योजनाएं (एसआईपी) में वार्षिक योगदान वित्त वर्ष 2024-25 में 45.24 प्रतिशत बढ़कर 2.89 लाख करोड़ रुपये हो गया। एमटीएम लाभ के साथ इस पर्याप्त वृद्धि ने एसआईपी परिसंपत्तियों को 24.6 प्रतिशत बढ़ाकर 13.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जिससे समग्र म्यूचुअल फंड उद्योग के एयूएम में इसका हिस्सा 20.31 प्रतिशत हो गया।

म्यूचुअल फंड में महिलाओं की बढ़ी दिलचस्पी

एम्फी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च, 2025 तक म्यूचुअल फंड उद्योग में कुल 5.34 करोड़ निवेशक थे, जिनमें से 26% यानी 1.38 करोड़ महिलाएं थीं. यह मार्च, 2024 की तुलना में 24.2% अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक, साक्षरता दर में वृद्धि और कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी उनके आर्थिक योगदान को बढ़ाने में मददगार रही है. इस वजह से महिलाएं अब एमएफ निवेशक आधार में एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभर रही हैं.

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म्यूचुअल फंड का रिकॉर्ड फ्लो

पिछले वित्त वर्ष के दौरान इक्विटी-उन्मुख म्यूचुअल फंड में 4.17 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड फ्लो देखा गया, जो किसी वित्त वर्ष में सबसे अधिक है. इस दौरान शुद्ध प्रवाह पिछले वर्ष के नेट फ्लो से दोगुना हो गया. मूल्यांकन लाभ के साथ मिलकर इसने इक्विटी-उन्मुख योजनाओं के एयूएम को मार्च, 2025 के अंत तक 25.4% बढ़ाकर 29.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया. पिछले वित्त वर्ष में ऋण-आधारित फंड योजनाओं ने 1.38 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में 23 हजार करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी. इस श्रेणी का एयूएम मार्च, 2024 के 12.62 लाख करोड़ रुपये से 20.5 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2025 में 15.21 लाख करोड़ रुपये हो गया.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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