IIM Ranchi 2025: जब बात साहित्य, करुणा और मानवता की हो, तो मुंशी प्रेमचंद का नाम सबसे पहले लिया जाता है. उनका लेखन केवल कहानियां नहीं, बल्कि समाज के अंतर्मन को झकझोर देने वाले आईने हैं. प्रेमचंद की 145वीं जयंती के अवसर पर IIM रांची ने एक प्रेरणादायक सांस्कृतिक संध्या के जरिए उन्हें याद किया. यह आयोजन न केवल साहित्य के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि युवा पीढ़ी को मानवीय मूल्यों से जोड़ने की एक सार्थक कोशिश भी थी.
IIM Ranchi 2025: “मंत्र” से उठती मानवता की पुकार
IIM रांची की सांस्कृतिक समिति ड्रामेबाज ने प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी “मंत्र” पर आधारित एक प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुति प्रस्तुत की. यह नाटक विज्ञान, वर्गभेद और मानवीय संवेदनाओं के बीच होने वाले संघर्ष को मंच पर जीवंत करता है. एक डॉक्टर और उसकी पत्नी के अंतर्द्वंद्व को दर्शाते हुए यह प्रस्तुति दर्शकों को आत्मबोध, करुणा और पश्चाताप की ओर सोचने पर मजबूर करती है.
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IIM Ranchi 2025: मुख्य अतिथि की प्रेरक उपस्थिति
इस आयोजन के मुख्य अतिथि रहे वरिष्ठ रंगकर्मी और हिंदी विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. कमल कुमार बोस. उन्होंने हिंदी भाषा के संवर्धन की सराहना करते हुए संस्थान में ऐसे कार्यक्रमों की महत्ता पर बल दिया. उन्होंने छात्रों को हिंदी भाषा से आत्मीय संबंध जोड़ने के लिए प्रेरित किया.
IIM Ranchi 2025: कहानी का संदेश: करुणा ही असली चिकित्सा है
“मंत्र” की कथा इस बात को उजागर करती है कि अगर चिकित्सा में करुणा और संवेदना नहीं है, तो वह केवल एक तकनीकी सेवा बनकर रह जाती है. डॉक्टर द्वारा ओझा की गुहार को अनदेखा करना और फिर खुद उसी ओझा द्वारा अपने बेटे की जान बचवाना – यह पूरी कहानी एक सामाजिक और मानवीय संदेश के रूप में सामने आती है.
IIM Ranchi 2025: भविष्य की प्रेरणा
इस आयोजन में प्रो अमित सचान (डीन – IESC) समेत अन्य संकाय सदस्य भी मौजूद रहे. कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल साहित्यिक चेतना को बढ़ावा देना था, बल्कि प्रबंधन के छात्रों में मानवीय मूल्यों और सामाजिक संवेदनशीलता को भी विकसित करना था.
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