23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

JNU ने विदेशी छात्रों की फीस में की भारी कटौती, 80% तक कम हुआ ट्यूशन फीस

JNU ने इंटरनेशनल छात्रों के लिए ट्यूशन फीस में 33% से 80% तक की कटौती की है. खासकर SAARC, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के छात्रों को इसका फायदा मिलेगा. यह कदम जेएनयू में घटती विदेशी छात्रों की संख्या को बढ़ाने के लिए उठाया गया है.

JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने इस साल विदेशी छात्रों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों की ट्यूशन फीस में 33% से लेकर 80% तक की कटौती कर दी है. यह फैसला इस शैक्षणिक वर्ष से लागू होगा.

जेएनयू ने यह कदम इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि पिछले कुछ सालों में विदेशी छात्रों के एडमिशन में भारी गिरावट आई है. इसलिए अब फीस को किफायती बनाया गया है, ताकि ज्यादा छात्र दाखिला लें.

किन छात्रों को मिलेगा फायदा?

फीस में सबसे ज्यादा छूट SAARC देशों, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के छात्रों को दी गई है. इन क्षेत्रों के छात्र अब पहले की तुलना में काफी कम फीस देकर जेएनयू में पढ़ाई कर सकेंगे.

  • अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के छात्रों को अब मानविकी कोर्सेस के लिए प्रति सेमेस्टर सिर्फ 300 डॉलर (लगभग 25,680 रुपए) देने होंगे. पहले यह फीस 1500 डॉलर (लगभग 1.28 लाख रुपए) थी.
  • साइंस कोर्स के लिए इन छात्रों की फीस 1900 डॉलर से घटाकर 400 डॉलर (लगभग 34,240 रुपए) कर दी गई है.
  • SAARC देशों के छात्रों को मानविकी कोर्स के लिए अब 700 डॉलर की जगह सिर्फ 200 डॉलर (लगभग 17,120 रुपए) देने होंगे.
  • वहीं साइंस कोर्स की फीस 700 डॉलर से घटकर 300 डॉलर (लगभग 25,680 रुपए) रह गई है.

क्यों लिया गया यह फैसला?

साल 2020-21 में जेएनयू में 152 विदेशी छात्र पढ़ रहे थे, लेकिन 2023-24 में यह संख्या घटकर सिर्फ 51 रह गई. इसके साथ ही जेएनयू में छात्रों को भेजने वाले देशों की संख्या भी 14 से घटकर 8 रह गई. कई छात्रों ने फीस को इस गिरावट का कारण बताया.

जेएनयू में क्या पढ़ते हैं विदेशी छात्र?

जेएनयू में विदेशी छात्र भाषाओं, सामाजिक विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय संबंध और साइंस रिसर्च जैसे विषयों की पढ़ाई करते हैं. यूनिवर्सिटी का स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज दुनियाभर में जाना जाता है. इसमें अरबी, चीनी, जापानी, फ्रेंच, जर्मन, कोरियन, रूसी, हिंदी, उर्दू और संस्कृत जैसी भाषाएं सिखाई जाती हैं.

Also Read: Most Dangerous Job 2025: ऑफिस न बाॅस का झंझट! लाखों में Salary, फिर भी लोग नहीं करना चाहते ये काम

Also Read: किस देश ने सबसे पहले खोजा था हीरा? नाम जानकर रह जाएंगे हैरान

Pushpanjali
Pushpanjali
🎙️ जर्नलिस्ट | 🎓 एजुकेशन बीट स्पेशलिस्ट ✍️ सक्सेस स्टोरीज़, जॉब अपडेट्स और एग्ज़ाम न्यूज़ पर काम 🎥 वीडियो इंटरव्यू और शॉर्ट्स क्रिएटर | रीयल-टाइम कंटेंट में माहिर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel