JPSC Success Story: संघर्ष, समर्पण और संकल्प—जब ये तीनों साथ होते हैं, तो सफलता ज्यादा दूर नहीं रहती. बाघमारा के विवेक कुमार चौधरी ने झारखंड संयुक्त परीक्षा (JPSC) में शानदार प्रदर्शन करते हुए DSP (उप पुलिस अधीक्षक) पद हासिल किया है. यह उनकी दूसरी कोशिश थी, लेकिन इस बार उनकी तैयारी पूरी थी और इरादा अडिग.
छोटे कस्बे से बड़ा सपना
विवेक की प्रारंभिक शिक्षा एसएस हाई स्कूल, बाघमारा से हुई. इसके बाद उन्होंने इग्नू (IGNOU) से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. सामान्य परिवार से आने वाले विवेक के पिता अरुण कुमार, बीसीसीएल में ओवरमैन के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने विवेक को हमेशा पढ़ाई और अनुशासन की प्रेरणा दी.
पढ़ाई नहीं, तपस्या थी
विवेक कहते हैं, “पढ़ाई सिर्फ किताबें पढ़ना नहीं है, यह एक तपस्या है.” उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी दिनचर्या में 10 से 12 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई की. उनका मानना है कि JPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए पहले लक्ष्य तय करना और फिर उसी दिशा में मेहनत करना जरूरी है.
दूसरी कोशिश में मिली मंजिल
पहले प्रयास में सफल न होने पर भी विवेक ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने अपनी कमजोरियों को पहचाना, रणनीति बदली और फिर से जुट गए. इस बार मेहनत रंग लाई और उन्हें वह पद मिला, जिसकी उन्होंने वर्षों से कल्पना की थी.
युवाओं के लिए संदेश
विवेक उन सभी युवाओं से कहते हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं—”धैर्य रखें, मेहनत करें और दिशा स्पष्ट रखें. अगर मन में अफसर बनने की आग है, तो कोई भी बाधा रोक नहीं सकती.”
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