Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान पर कहर बरपाया है! ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए गए हैं. इस बार खास बात ये रही कि भारत की तीनों सेनाओं — थल, वायु और नौसेना — ने मिलकर दुश्मन के खिलाफ ऐसा प्रहार किया, जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी. पहली बार इतिहास में तीनों सेनाओं के प्रमुख, जो एनडीए 1984 बैच के बैचमेट्स रहे हैं, एकजुट होकर इस बड़े ऑपरेशन की रणनीति बनाई और उसे अंजाम तक पहुंचाया. इसे महज इत्तेफाक मत समझिए, बल्कि ये भारत की ताकत और एकजुटता का वो नया अध्याय है, जिसने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे इन तीनों सैन्य प्रमुखों की सटीक योजना और दमदार लीडरशिप है. आइए जानते हैं, कौन हैं वो तीन योद्धा जिन्होंने मिलकर पाकिस्तान में तबाही मचाई!
थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी (General Upendra Dwivedi)

भारतीय थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. रीवा, मध्य प्रदेश में जन्मे जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिक स्कूल रीवा और फिर एनडीए खडकवासला से पढ़ाई की. एनडीए में उन्हें ब्लू अवॉर्ड और आईएमए देहरादून में स्वर्ण पदक मिला. 1984 में कमीशन के बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर, एलएसी और उत्तर-पूर्व में आतंकवाद विरोधी अभियानों में बड़ी भूमिका निभाई. उन्हें 30 जून 2024 को सेना प्रमुख नियुक्त किया गया. उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया है.
एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह (Air Marshal Amar Preet Singh)

30 सितंबर 2024 को एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भारतीय वायुसेना के प्रमुख (Chief of Air Staff, CAS) का पद संभाला. 27 अक्टूबर 1964 को जन्मे अमर प्रीत सिंह ने अपनी पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), खड़कवासला से पूरी की. दिलचस्प बात यह है कि वे थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी के साथ 1984 के एनडीए बैचमेट रहे हैं. एयर मार्शल सिंह एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं, जिन्होंने मिग-21, मिग-29 और सुखोई-30 MKI जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाया है. वे फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट भी रह चुके हैं, जिससे उनकी तकनीकी पकड़ और रणनीतिक कौशल दोनों बेहद मजबूत माने जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC), वेलिंगटन और नेशनल डिफेंस कॉलेज (NDC), नई दिल्ली से भी उच्च स्तरीय सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
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नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी (Admiral Dinesh Kumar Tripathi)

एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने 30 मई 2024 को भारतीय नौसेना प्रमुख (Chief of Naval Staff, CNS) का पद संभाला. 15 मई 1964 को उत्तर प्रदेश के एक गांव में जन्मे त्रिपाठी ने कक्षा 5 तक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की, फिर 1973 में सैनिक स्कूल रीवा में दाखिला लिया, जहां वे थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी के बैचमेट रहे. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), पुणे और भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला से सैन्य प्रशिक्षण लिया. त्रिपाठी ने DSSC वेलिंगटन में स्टाफ कोर्स में मेडल जीता और यूएस नेवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट से भी ट्रेनिंग प्राप्त की. वे पश्चिमी नौसेना कमान के कमांडर और उप नौसेना प्रमुख (2023-24) के तौर पर नीति और संचालन में अहम भूमिका निभा चुके हैं. आज वे भारतीय नौसेना का नेतृत्व कर रहे हैं.