Pope Francis Education: पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है. सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को उन्होंने 88 वर्ष की आयु में वेटिकन स्थित कासा सांता मार्टा में सुबह 7:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) अंतिम सांस ली. वेटिकन समाचार के अनुसार, वे लंबे समय से अस्वस्थ थे. बीते दिन ईस्टर के मौके पर वे लंबे अंतराल के बाद जनता के सामने आए थे. पोप फ्रांसिस, जिनका जन्म अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में ‘जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो’ के रूप में हुआ था, 1969 में कैथोलिक पादरी नियुक्त किए गए थे. वे जेसुइट ऑर्डर से पोप बनने वाले पहले व्यक्ति थे, साथ ही 8वीं शताब्दी के बाद यूरोप के बाहर से चुने गए पहले पोप भी. 13 मार्च 2013 को, पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद आयोजित पोप सम्मेलन में कार्डिनल बर्गोग्लियो को नया पोप चुना गया. उन्होंने सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी को सम्मान देते हुए ‘फ्रांसिस’ नाम को अपनाया. अब उनके निधन के बाद आधिकारिक रूप से 14 दिन का शोक मनाया जाएगा, जिसके पश्चात कार्डिनल सम्मेलन में नए पोप के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे. ऐसे में इस लेख में हम आपको बताएंगे कितने पढ़े लिखे थे पोप फ्रांंसिस.
पोप फ्रांसिस की प्रारंभिक शिक्षा
पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था. उन्होंने एक तकनीकी स्कूल से रासायनिक तकनीशियन के रूप में स्नातक किया और कुछ समय तक एक प्रयोगशाला में रसायनज्ञ के रूप में कार्य किया. हालांकि, यह स्पष्ट है कि उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर की डिग्री प्राप्त नहीं की थी.
धर्मशास्त्र में थी विशेष रूचि
1958 में, उन्होंने येसु समाज (Jesuit Order) में प्रवेश किया और चिली में मानविकी की पढ़ाई की. 1963 में, उन्होंने अर्जेंटीना लौटकर सैन जोस कॉलेज से दर्शनशास्त्र में डिग्री प्राप्त क. इसके बाद, 1967 से 1970 तक, उन्होंने उसी कॉलेज से धर्मशास्त्र में डिग्री प्राप्त की.
स्कूलों में पढ़ाया
1964 से 1966 तक, उन्होंने सांता फे और ब्यूनस आयर्स के जेसुइट स्कूलों में साहित्य और मनोविज्ञान पढ़ाया. 1973 में, उन्होंने येसु समाज में अंतिम व्रत लिया और अर्जेंटीना में जेसुइट प्रांतीय प्रमुख नियुक्त हुए. 1980 से 1986 तक, वे सैन मिगुएल में दर्शन और धर्मशास्त्र के कॉलेज के रेक्टर रहे.
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