JPSC Success Story: जब सपना अधूरा रह जाए और बेटा उसे अपने जीवन का लक्ष्य बना ले, तब सफलता सिर्फ उपलब्धि नहीं, एक श्रद्धांजलि बन जाती है. यही कर दिखाया है राजीव रंजन ने, जिन्होंने JPSC परीक्षा में 15वीं रैंक हासिल कर अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा किया.
राजीव मूल रूप से झारखंड से हैं. उनके पिता स्व. नाग ऋषि रमन का सपना था कि उनका बेटा अफसर बने और समाज की सेवा करे. राजीव ने अपने पिता को बहुत कम उम्र में खो दिया, लेकिन उनका आशीर्वाद और मां का संबल उन्हें कभी टूटा नहीं होने दिया.
NIT जमशेदपुर से इंजीनियरिंग, लेकिन प्रशासनिक सेवा बना लक्ष्य
राजीव रंजन ने वर्ष 2020 में NIT जमशेदपुर से इंजीनियरिंग (B.Tech) की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्हें टाटा कंपनी में एक अच्छी नौकरी भी मिल गई. पर उन्होंने तय कर लिया था कि वे अपने पिता का सपना पूरा करेंगे. उन्होंने साहसिक निर्णय लिया और नौकरी छोड़कर JPSC की तैयारी में जुट गए.
मां बनीं संबल, पिता बने प्रेरणा
राजीव कहते हैं, “मेरे पापा नहीं रहे, लेकिन उनका सपना आज भी मेरे साथ है. मां ने हर मोड़ पर मुझे हिम्मत दी. उनकी तपस्या और विश्वास ने मुझे कभी हारने नहीं दिया.”
उन्होंने खुद को सीमित संसाधनों में अनुशासित रखा और पूरी निष्ठा से पढ़ाई की. उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें राज्य के टॉप रैंकर्स में ला खड़ा किया.
युवाओं के लिए संदेश
राजीव का मानना है कि सपने तभी पूरे होते हैं जब आप उन्हें जीने लगते हैं. वे कहते हैं, “जो भी करना है, पूरे दिल से करो. अगर लगन और समर्पण सच्चा हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं.”
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