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Ram Manohar Lohia in Hindi: जर्मनी से पीएचडी…स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता की उपाधि, कौन थे डाॅ. राम मनोहर लोहिया?

राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च को हुआ था और उनका निधन 12 अक्टूबर 1967 को हुआ था. उनका जीवन और योगदान भारतीय राजनीति, समाज और स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है जिसे छात्रों को समझना चाहिए. इसलिए इस लेख के माध्यम से डॉ. राम मनोहर लोहिया के जीवन (Ram Manohar Lohia in Hindi) और उनके योगदान के बारे में बताएंगे.

Ram Manohar Lohia in Hindi: डॉ. राम मनोहर लोहिया ने न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपनी भूमिका निभाई बल्कि समाजवाद और सामाजिक न्याय के लिए भी संघर्ष किया. राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च को हुआ था और उनका निधन 12 अक्टूबर 1967 को हुआ था. उनका जीवन और योगदान भारतीय राजनीति, समाज और स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है जिसे छात्रों को समझना चाहिए. इसलिए इस लेख के माध्यम से डॉ. राम मनोहर लोहिया के जीवन (Ram Manohar Lohia in Hindi) और उनके योगदान के बारे में बताएंगे.

डाॅ. राम मनोहर लोहिया का संक्षिप्त जीवन परिचय (Ram Manohar Lohia Jivani in Hindi)

राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में एक संपन्न परिवार में हुआ था. जब वे केवल दो साल के थे तो उनकी मां का निधन हो गया और उनके पिता हीरालाल ने उनका पालन-पोषण किया था. लोहिया पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और उन्होंने अपनी स्कूल की मैट्रिक परीक्षा में पहले स्थान प्राप्त किया.

जर्मनी से की पीएचडी (Ram Manohar Lohia in Hindi)

लोहिया ने 1929 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की और फिर जर्मनी के फ्रेडरिक विलियम विश्वविद्यालय (अब बर्लिन का हम्बोल्ट विश्वविद्यालय) से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पीएचडी की. उनकी डॉक्टरेट की थीसिस का विषय भारत में नमक कराधान था. भारत वापस लौटने पर लोहिया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े और कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना में मदद की. वे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के विदेश मामलों के विभाग के पहले सचिव बने.

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स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भूमिका (Ram Manohar Lohia Biography in Hindi)

लोहिया को 1940 में युद्ध के खिलाफ बोलने के कारण गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया और 1944 में फिर से गिरफ्तार हो गए. वे अप्रैल 1946 में रिहा हुए. लोहिया महात्मा गांधी के बहुत बड़े अनुयायी थे और उन्होंने भारत के विभाजन का विरोध किया. भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, लोहिया एक बड़े नेता के रूप में सामने आए. उन्होंने नए राज्यों के निर्माण की बात की और हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने का समर्थन किया. उनका मानना था कि अंग्रेजी से देश में सोचने की स्वतंत्रता कम हो जाती है और इससे लोग पढ़े-लिखे और अनपढ़ के बीच बांट जाते हैं.

गरीबों के लिए किया था काम (Freedom Fighter Ram Manohar Lohia)

लोहिया ने गरीबों के लिए काम किया और लोगों से सड़कों, नहरों और कुओं के निर्माण में मदद करने की अपील की. उनके विचार, कार्य और राजनीति में उनका योगदान छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है. 

भारतीय राजनीति में डॉ. राम मनोहर लोहिया की क्या भूमिका थी? 

डॉ. लोहिया स्वतंत्र भारत के एक महत्वपूर्ण राजनीतिक नेता थे. उन्होंने रियासतों को मिलाकर राज्य बनाने का विचार पेश किया और हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने का समर्थन किया. उन्होंने विधायिका में अल्पसंख्यकों, महिलाओं और पिछड़े वर्गों के लिए 60 प्रतिशत सीटों का आरक्षण बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

राम मनोहर लोहिया किस लिए प्रसिद्ध हैं? (Ram Manohar Lohia in Hindi)

राम मनोहर लोहिया एक महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में खास तौर पर सक्रिय थे और भारत छोड़ो आंदोलन में उनका बड़ा योगदान था. लोहिया ने ब्रिटिश शासन का विरोध किया और भारत के विभाजन का भी विरोध किया. वे महात्मा गांधी के बहुत बड़े अनुयायी थे. स्वतंत्रता के बाद उन्होंने समाज में समानता और न्याय की लड़ाई लड़ी. उन्होंने गरीबी हटाने पर भी जोर दिया था.

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Shubham
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