Sourav Ganguly Salary in Hindi: पूर्व भारतीय कप्तान और दादा के तौर पर अपनी पहचना बनाने वाले सौरव गांगुली की सफलता की कहानी काफी रोचक रही है. उनका जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था. बहुत कम लोग जानते होंगे कि सौरव गांगुली को शुरुआत में फुटबाॅल पसंद था लेकिन बाद में उन्होंने अपने बडे़ भाई से प्रेरणा लेकर क्रिकेट की शुरुआत की. अब वह क्रिकेट नहीं खेलते हैं लेकिन बीसीसीआई और आईसीसी में अहम पदों पर नजर आते हैं. आइए जानते हैं कि सौरव गांगुली की शिक्षा, सैलरी (Sourav Ganguly Salary) और उनकी सफलता के बारे में विस्तार से.
सौरव गांगुली की सैलरी कितनी है? (Sourav Ganguly Salary)
रिपोर्ट्स और रिसर्च के मुताबिक, जब सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष थे तो उन्हें लगभग हर वर्ष 5 करोड़ रुपये सैलरी मिलती थी. सौरव गांगुली की कुल संपत्ति लगभग 85 मिलियन डॉलर (यानि करीब 700 करोड़ रुपये) बताई जाती है. उनकी आमदनी का बड़ा हिस्सा ब्रांड के विज्ञापन और उनके कारोबार से आता है. हाल ही में गांगुली को ICC में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है और उन्हें फिर से पुरुष क्रिकेट समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. हालांकि इस पोस्ट पर उनकी सैलरी को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं है.
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सौरव गांगुली के बारे में (Sourav Ganguly in Hindi)
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था. वह एक समृद्ध बंगाली परिवार से हैं. उनके पिता चंडीदास गांगुली एक प्रसिद्ध व्यापारी थे.
सौरव गांगुली की शिक्षा (Sourav Ganguly Education in Hindi)
सौरव ने अपनी पढ़ाई सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल से की. शुरू में उन्हें फुटबॉल पसंद था लेकिन अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली से प्रेरित होकर उन्होंने क्रिकेट को अपना करियर बना लिया. इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से कॉमर्स में स्नातक किया.
क्रिकेट करियर की शुरुआत (Sourav Ganguly in Hindi)
सौरव ने 1992 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा लेकिन उन्हें पहले ही मैच के बाद टीम से बाहर कर दिया गया. 1996 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर टेस्ट मैच में शानदार शतक लगाया और जोरदार वापसी की. वे एक बेहतरीन बाएं हाथ के बल्लेबाज थे और उनकी ओपनिंग जोड़ी सचिन तेंदुलकर के साथ बहुत मशहूर रही. साल 2000 में, जब भारतीय क्रिकेट मुश्किल दौर से गुजर रहा था, तब उन्होंने टीम की कप्तानी संभाली. 2008 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लिया.