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Speech on Birsa Munda in Hindi: ‘धरतीआबा’ बिरसा मुंडा पर भाषण ऐसे तैयार करें…मंच पर होगी अलग चमक

Speech on Birsa Munda in Hindi: अगर आप स्कूल या कॉलेज में बिरसा मुंडा पर भाषण देना चाहते हैं तो यह आपके लिए परफेक्ट गाइड है. धरतीआबा के नाम से फेमस बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज के अधिकार और संस्कृति के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. यहां से आप सरल, प्रभावशाली और यादगार स्पीच की तैयारी कर सकते हैं जो हर मंच पर आपको चमका देगी.

Speech on Birsa Munda in Hindi: धरतीआबा के नाम से प्रसिद्ध भगवान बिरसा मुंडा भारत के आदिवासी समाज के महान क्रांतिकारी नायक थे. 9 जून को उनकी पुण्यतिथि है. उन्होंने न केवल अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि अपने समाज की संस्कृति और पहचान को बचाने का बड़ा काम किया. आज हम एक ऐसे महान नायक को याद कर रहे हैं, जिन्हें आदिवासी समाज भगवान की तरह पूजता है उनकी पुण्यतिथि पर आप से भाषण तैयार करने के लिए कहा जा सकता है. इसलिए इस लेख में आप बिरसा मुंडा पर भाषण (Speech on Birsa Munda in Hindi) तैयार करने के बारे में जानेंगे.

बिरसा मुंडा पर भाषण (Speech on Birsa Munda in Hindi)

2 मिनट के लिए बिरसा मुंडा पर भाषण (Speech on Birsa Munda in Hindi) इस प्रकार है-

सुप्रभात सभी को, 

आज हम ऐसे व्यक्तित्व के बारे में बात कर रहे हैं जिन्हें हर कोई जानता है. धरतीआबा बिरसा मुंडा उनका जन्म भले ही गरीब परिवार में हुआ हो लेकिन उन्होंने अपने साहस, संघर्ष और सोच से एक पूरा आंदोलन खड़ा कर दिया. उन्होंने न केवल अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि अपने समाज की संस्कृति और पहचान को बचाने का बड़ा काम किया. उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू गांव में हुआ था. बिरसा मुंडा ने 1895 में ‘बिरसाइत धर्म’ की शुरुआत की. यह केवल एक धर्म नहीं था, बल्कि एक आंदोलन था जो आदिवासी समाज को उनके मूल धर्म और पहचान की ओर वापस ले गया. उन्होंने लोगों को संगठित किया और उन्हें एकजुट होने का संदेश दिया. उनके आंदोलनों ने बल दिया था और यही वजह है कि बिरसा मुंडा केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि विचार और आंदोलन का नाम हैं. आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करें. धन्यवाद.

बिरसा मुंडा पर भाषण (Speech on Birsa Munda in Hindi)

5 मिनट के लिए बिरसा मुंडा पर भाषण (Speech on Birsa Munda in Hindi) इस प्रकार है-

सुप्रभात सभी को, 

आज 9 जून को बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि है. इस मौके पर मुझे अपने विचार रखने का मौका मिलता है. भगवान बिरसा मुंडा भारत के आदिवासी समाज के महान क्रांतिकारी नायक थे. बिरसा मुंडा ने ‘मुंडा विद्रोह’ सहित कई आंदोलन चलाए. उन्होंने आदिवासी समाज के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई. वे चाहते थे कि आदिवासियों को उनकी जमीन, जंगल और जीवन पर अधिकार मिले. उनका संघर्ष आज भी युवाओं को प्रेरणा देता है. कहा जाता है कि किसी करीबी ने बिरसा मुंडा के छिपने की जगह अंग्रेजों को बता दी थी. उन्हें बंदगांव से पकड़कर रांची जेल लाया गया. वहां 9 जून 1900 को उनकी मृत्यु हो गई. कुछ मानते हैं कि उनकी मृत्यु संदिग्ध थी. आज उनकी तस्वीर भारतीय संसद के संग्रहालय में लगी है और रांची के कोकर में उनका समाधि स्थल बना हुआ है. बिरसा मुंडा केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि विचार और आंदोलन का नाम हैं. उन्होंने 25 साल की छोटी उम्र में जो काम कर दिखाया, वो आज भी प्रेरणा है. उन्हें हम धरतीआबा कहते हैं, यानी “धरती के पिता”. उनकी सोच और बलिदान को याद करना हम सभी के लिए गर्व की बात है. धन्यवाद.

यह भी पढ़ें- Essay on Birsa Munda in Hindi: बिरसा मुंडा पर निबंध आसान शब्दों में ऐसे लिखें छात्र, मिलेंगे पूरे अंक

Shubham
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