Success Story: सपनों को पंख तब ही मिलते हैं जब मेहनत और लगन की उड़ान साथ हो. बिहार के पटोरी गांव के रहने वाले शिवोत्तम कुमार ने इसी विश्वास को साकार कर दिखाया है. महज 21 वर्ष की उम्र में शिवोत्तम ने दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में जूनियर डेटा साइंटिस्ट के रूप में चयनित होकर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे बिहार का नाम रौशन किया है.
शिवोत्तम को कंपनी की ओर से 55 लाख रुपये सालाना पैकेज की पेशकश की गई है. वह वर्तमान में आईआईटी मद्रास द्वारा संचालित बीएस इन डेटा साइंस एंड एप्लिकेशन के चार वर्षीय ऑनलाइन कोर्स के अंतिम वर्ष के छात्र हैं. उनका चयन कैंपस सिलेक्शन के जरिए हुआ। अपने बैच में वे छठे स्थान पर हैं, जो उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत का प्रमाण है.
ग्रामीण पृष्ठभूमि से तकनीकी शिखर तक का सफर
शिवोत्तम की प्रारंभिक पढ़ाई जीसस एंड मैरी एकेडमी, दरभंगा से हुई. इसके बाद उन्होंने 2020 में सीबीएसई से 10वीं और फिर बिहार बोर्ड से मधुबनी के जीतवारपुर +2 उच्च विद्यालय से 12वीं (आईएससी कृषि) की परीक्षा उत्तीर्ण की. कई चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आईआईटी मद्रास के प्रतिष्ठित ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लिया. यहां उन्होंने तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपनी मेहनत से माइक्रोसॉफ्ट तक पहुंचने का सपना साकार किया.
परिवार की खुशी, गांव का गौरव
उनकी सफलता से पूरा परिवार गर्वित है. दादी चंद्रकांती देवी ने भावुक होकर कहा कि यह खुशी उनकी उम्र बढ़ा गई है. वहीं, बड़े भाई नरोत्तम कुमार, जो सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं, ने कहा कि अब उन पर भी जल्दी सफलता हासिल करने का दबाव है. शिवोत्तम का चयन हैदराबाद स्थित माइक्रोसॉफ्ट अझूरे डाटा एंड एआई टीम में हुआ है. उनका लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नई क्रांति लाना है. सीमित संसाधनों के बावजूद शिवोत्तम ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं.
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