Success Story: हमारा समाज ऐसा है जहां आज भी लड़कियों को ज्यादा आगे बढ़ने नहीं दिया जाता है. हमारे देश में आज भी कई ग्रामीण इलाके ऐसे हैं जहां बेटियों को प्रारम्भिक शिक्षा भी नहीं दी जाती है. लेकिन ऐसे जगहों से भी कुछ बेटियां ऐसी होती हैं जो अपने हौसले, जुनून और मेहनत के दम पर बड़े से बड़ा मकाम हासिल कर लेती हैं, उन्हें बस जरूरत होती है तो परिवार के साथ और विश्वास की. आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताएंगे बिहार के सारण जिले कि रहने वाली होनहार बेटी ताईबा अफरोज के बारे में जो एक छोटे से गांव से निकलकर पायलट बन चुकी हैं. इनकी सफलता कि कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि इनके पायलट बनने के पीछे इनके पिता का भी काफी बाद योगदान है, ताईबा के पिता की एक छोटी सी राशन कि दुकान है जिससे वो अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन अपनी बेटी के अरमान के लिए और उसे पढ़ने के लिए उन्होंने जमीन बेचकर पैसे जुटाए.
बचपन से था पायलट बनने का जुनून
ताईबा सारण के एक छोटे से गांव जलालपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त की थी. ताईबा ने अपने पिता से जिद की कि वह पायलट बनना चाहती हैं लेकिन ये सपना एक साधारण परिवार के लिए पूरा करना काफी मुश्किल होता है. ताईबा पढ़ाई में हमेशा से ही अव्वल थी इसलिए ना केवल उनके परिवार वालों ने बल्कि रिश्तेदारों और दोस्तों ने भी हर संभव तरीके से उनकी मदद की. ताईबा सारण की पहली महिला कमर्शियल पायलट हैं. वर्तमान में उनके पास डीडीसीए लाइसेंस है.
एविएशन के क्षेत्र में आने के लिए लड़कियों को हौसला रखने की जरूरत: ताईबा
ताईबा ने मीडिया से बातचीत करते हुए ये कहा था कि एविएशन के फील्ड में आने के लिए लड़कियों को काफ़ी ज़्यादा हौसला रखने की ज़रूरत है, उनके अनुसार लड़कियां अगर ठान ले तो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों से लड़ते हुए अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती हैं. ताईबा की कहानी सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है और उनके पिता का जुनून और जज्बा सभी अभिभावकों के लिए सीख है.
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