IIT Success Story in Hindi: न घर था, न परिवार और न ही पैसे लेकिन हौसला बड़ा था. कहा जाता है सफलता सिर्फ किस्मत से नहीं मिलती. सफलता के लिए मेहनत और हिम्मत बहुत जरूरी है. अपने सपनों के लिए सही दिशा में प्रयास किया जाए तो मंजिल मिल ही जाती है. ऐसी ही कहानी है मौसमी कुमारी की. वह कठिन परिस्थितियों से IIT तक पहुंची और बड़ी कंपनी में जाॅब पाकर सफलता हासिल की. उनकी सक्सेस जर्नी सभी को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है. आइए जानें Mousam Kumari के बारे में यहां
पापा को खोया, मां ने की दूसरी शादी- दादी ने संभाला
Humans of Bombay को दिए इंटरव्यू में मौसमी बताती हैं कि जब वह सिर्फ 6 महीने की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया. जब वह 3 साल की हुईं तो मां ने दूसरी शादी कर ली. इसके बाद उनकी परवरिश दादी और चाचा ने की. यही लोग उनके सबसे बड़े सहारे बने.
IIT जाने का सपना- “दादी को दुनिया दिखाऊंगी”
मौसमी ने 10वीं में ही तय कर लिया था कि वह IIT जाएंगी और अपनी दादी को दुनिया दिखाएंगी. दादी और चाचा को उन पर गर्व था. लेकिन जिंदगी हमेशा वैसी नहीं होती जैसी हम सोचते हैं.
दादी के जाने के बाद टूटीं लेकिन नहीं रुकीं (Success Story)
एक दिन स्कूल से लौटते वक्त उन्हें चाचा के दोस्त ने बताया कि उनकी दादी अब इस दुनिया में नहीं रहीं. यह सुनकर मौसमी टूट गईं. लेकिन दादी के सपनों को याद कर उन्होंने खुद को संभाला और 10वीं क्लास में टॉप किया.
COVID के बीच तैयारी और स्कॉलरशिप ने बदली किस्मत
IIT की तैयारी शुरू ही की थी कि कोरोना महामारी आ गई और सब कुछ ऑनलाइन हो गया. उस समय सबसे बड़ी चिंता थी फीस की. तभी उन्हें WhatsApp पर Kotak Kanya Scholarship के बारे में पता चला. उन्होंने अप्लाई किया और कुछ ही दिनों में उन्हें कॉल आया कि उनकी स्कॉलरशिप फाइनल हो गई जिससे उनकी पूरी पढ़ाई का खर्च निकलने वालाा था. मौसमी ने IIT गुवाहटी से पढ़ाई पूरी और उन्हें एक बड़ी कंपनी से नौकरी का ऑफर भी मिल चुका है. उनकी कहानी (Success Story) उन सभी के लिए प्रेरणा है जो कठिन हालात में भी हार नहीं मानते.
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