kajol :काजोल स्टारर फिल्म मां सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है.काजोल अपनी इस फिल्म की खासियत मायथोलॉजी के साथ -साथ इससे जुड़े इमोशन को देती हैं, जो आमतौर पर हॉरर फिल्मों में मिसिंग होता है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश
यह आपकी पहली हॉरर फिल्म है, इसकी शूटिंग कितनी अलग थी ?
हॉरर फिल्म थी इसलिए इसमें से बहुत कुछ ग्रीन स्क्रीन पर शूट किया गया था. आपके सामने कोई नहीं है, लेकिन आपको रिएक्शन देना है. यह अभिनय का एक अलग रूप है. फिल्म में बहुत सारा एक्शन भी है. यह शारीरिक रूप से बहुत मांग वाली भूमिका थी , जिससे मैं दिन के अंत तक थक जाती थी.इस फिल्म की शूटिंग लाल मिटटी में हुई है. मैंने इस साल होली नहीं खेली क्योंकि मैं शूटिंग के अंत तक पूरी तरह से लाल हो जाती थी.
मां की भूमिका में जाना आपके लिए कितना आसान था ?
मैं पिछले 22 सालों से फिल्मों में मां का किरदार निभा रही हूं. मुझे लगता है कि बॉडी लैंग्वेज, इमोशन, मेरे अंदर स्वाभाविक रूप से आ जाते हैं. मुझे उस किरदार को निभाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. चूंकि यह फिल्म हॉरर जॉनर की है, इसलिए सब कुछ एक निश्चित पिच पर है तो उसी के अनुसार करना था.
क्या आपको कभी इस फिल्म की शूटिंग के दौरान डर लगा?
कोलकाता से चार से पांच घंटे की ड्राइव करके एक हवेली में हमारी शूटिंग थी. वहां कई सारी खिड़कियाँ बंद थीं और एक खिड़की पर खोपड़ी थी. वो देखकर मेरी हालात हो गयी थी. शायद जानवर की रही होगी.
फिल्म जादू टोने को भी दिखाती है, आप इसमें कितना यकीन करती हैं ?
आप प्रकाश में विश्वास करते हैं, तो आपको अंधकार में भी विश्वास करना होगा. मुझे लगता है कि दुनिया में हर चीज़ में संतुलन है. अगर आप अच्छाई में विश्वास करते हैं, तो आपको बुराई में भी विश्वास करना होगा. ये सोचने की जरूरत है कि अगर बुराई न होती, तो हम अच्छाई का आनंद कैसे ले पाते?
हॉरर जॉनर की फिल्मों को दर्शक के तौर पर देखना पसंद करती हैं ?
कभी नहीं, मेरी बहन तनीषा बहुत देखती है. मैंने उससे कहा है कि अगर उसे हॉरर मूवी का अनुभव चाहिए और वह डरना चाहती है तो वह मुझे बताए, मैं यह मुफ़्त में कर सकती हूं . उसने कभी मेरा यह ऑफर स्वीकार नहीं किया.मेरी माँ ने दो हॉरर फिल्में की हैं, लेकिन मैंने उन्हें नहीं देखा है.अपनी फिल्म मां मैंने देख ली वही बहुत बड़ी बात है.
इस फिल्म की कहानी का अभिन्न हिस्सा मां काली हैं, रियल लाइफ में देवी माँ की आप भक्त हैं ?
मेरी माँ तनुजा ने मुझे देवी मां की परिभाषा को खूबसूरती से समझाया बचपन में ही समझा दिया है. उन्होंने मुझे देवी मां के बारे में समझाया और कहा कि देवी मां तुमसे उसी तरह प्यार करती हैं जैसे मैं तुमसे करती है इसलिए तुम जो मुझसे उम्मीद करती हो वो तुम्हें देवी से भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर तुम दुनिया के किसी भी कोने में हो और तुम्हें मेरी ज़रूरत हो, तो मैं तुम्हारी रक्षा करने के लिए हरसंभव कोशिश करूँगी और देवी भी तुम्हारी रक्षा करेंगी इसलिए मेरे लिए माँ और देवी माँ मेरे लिए एक ही हैं.
यह भारत की पहली पौराणिक हॉरर फिल्म है, पौराणिक कहानियों से आपको कितना लगाव है?
मुझे पौराणिक कथाएँ बहुत पसंद हैं. मैंने न केवल भारतीय पौराणिक कथाओं पर बल्कि वाइकिंग्स, यूनानियों की भी कई किताबें पढ़ी हैं. मुझे पढ़ना बहुत पसंद है और मैंने बचपन से ही बहुत सारी किताबें पढ़ी हैं. हमारे पास कृष्ण से लेकर हनुमान तक इतने सारे अद्भुत पात्र और परिस्थितियां हैं कि अगर हम उन्हें बनाएं तो हमारे पास बेहतरीन कहानियों का खजाना है.
रामायण और महाभारत में कौन सा पात्र है, जिसे आप परदे पर निभाना चाहेंगी ?
मैं महाभारत में कृष्ण का किरदार और रामायण में रावण का किरदार निभाना चाहूंगी. ये दोनों ही बहुत ही दिलचस्प किरदार है.
आमिर ने हाल ही में खुलासा किया कि उनकी हाईट ने एक अभिनेता के रूप में उन्हें शुरुआत में असुरक्षित महसूस कराया था, क्या आपकी भी ऐसी कोई असुरक्षा थी?
मुझे लगता है कि लाइफ में किसी ना किसी पड़ाव पर हर किसी की कोई ना कोई इनसिक्युरिटीज होती है, लेकिन मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, मैंने बस कड़ी मेहनत की और अच्छा काम किया,जिससे वे इनसिक्युरिटीज कभी भी परदे पर हावी नहीं हो पायी और यही मायने रखता है.
हाल ही में युग ने कराटे किड फिल्म की डबिंग की थी, आप लांच में नहीं थी ?
मैं काम में व्यस्त होने के कारण उसे देखने से चूक गयी थी, लेकिन मुझे उस पर गर्व है और मैं उसके लिए बहुत खुश हूँ. मैंने सुना था कि वेल बिहेव्ड चाइल्ड है.इसके लिए खुद की पीठ थपथपाई थी कि मैंने अच्छे से पाला है.
आनेवाले प्रोजेक्ट्स ?
फिलहाल सिर्फ इतना कह सकती हूं कि आनेवाले छह महीनों में कुछ बहुत ही रोचक आने वाला है.