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Actress Shalini Pandey:अभिनेत्री ने किया खुलासा घर से शाम छह बजे के बाद निकलने पर थी पाबंदी..

शालिनी पांडे ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर एक्टिंग को चुना. उन्होंने इस इंटरव्यू में बताया कि जबलपुर से मुंबई की जर्नी आसान नहीं थी, लेकिन इसमें अपने फैसलों को लेने की आजादी थी.

actress shalini pandey:अर्जुन रेड्डी ,जयेश भाई जोरदार और महाराज जैसी फिल्मों का अहम् हिस्सा रही अभिनेत्री शालिनी पांडे इंडस्ट्री में अपनी हर फिल्म से अपनी एक खास पहचान बनाने के लिए संघर्षरत  हैं. उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर  एक्टिंग कैरियर को चुना था. वे खुश हैं कि वह अपने सपने को जी रही हैं  और आखिरकार उनके परिवार की नाराजगी भी खत्म हो गयी है.जबलपुर से मुंबई का सफर अकेले तय करने वाली शालिनी पांडे कहती हैं कि अभी तो यह शुरुआत है.उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए लम्बा सफर तय करना है.  उनकी पिछली फिल्म महाराज और उनके करियर पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत 

आपकी पिछली फिल्म महाराज को लेकर जब कहा जा रहा था कि यह आस्था के साथ खिलवाड़ है, उस वक्त आपका क्या रिएक्शन था ?

हमने महाराज फिल्म बहुत ही नेक सोच के साथ बनायीं थी.यह हमारी भक्ति पर चोट नहीं थी बल्कि अंध भक्ति पर थी. हमें पता था कि जब फिल्म रिलीज होगी दर्शक इसे देखेंगे तो  वह खुद ब खुद हमारी सोच से कनेक्ट करेंगे और वही हुआ.

नेटफ्लिक्स पर जब फिल्म जब रिलीज रुकी हुई थी तो क्या आप इससे परेशान थी? 

सच कहूं तो मैं उन्हीं चीजों को लेकर परेशान होती हूं, जिन पर मेरा कंट्रोल होता है. हां मैं प्रार्थना कर रही थी कि भगवान इस फिल्म को रिलीज कर दे क्योंकि हम एक्टर्स का तो फिर भी ठीक है. फिल्म से जुड़ी तकनीकी टीम इन सब चीजों की वजह से बुरी तरह से फंस जाती है.

आप हिंदी में लगातार यशराज बैनर की फिल्मों का हिस्सा रही  है, इस तरह के पहलू आपके लिए कितना मायने रखता है? 

अगर आप हमेशा से एक्ट्रेस बनना चाहते हैं और आप यशराज की फिल्मों का हिस्सा बन रहे हैं तो यह आपके लिए खुशी की बात होगी. मैं यशराज की फिल्में देखकर बड़ी हुई हूँ. मेरे पेरेंट्स भी  देखकर बड़े हुए हैं तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी डील है. आप बहुत सिक्योर फील करते हैं. आपको वे लोग बहुत अच्छे से ट्रीट करते हैं. उस वक़्त मैं उनके टैलेंट टीम से भी जुड़ी हुई थी. ऐसे में वह आपको  थोड़ा स्पॉयल भी करते हैं, लेकिन सकारात्मक वाला. आपको एक बच्चे की तरह वह ट्वीट करते हैं जिससे आप सेट पर बहुत ही रिलैक्स होते हैं. जिस वजह से आप बहुत ही अच्छे माइंडसेट से काम करते हो. मुझे लगता है या बहुत बड़ी ब्लेसिंग है.


 आप अब तक यशराज बैनर की रियलिस्टिक फिल्मों का हिस्सा रही है, तो क्या यशराज की फिल्मों की वह टिपिकल हीरोइन वाले सीन्स को करना मिस करती हैं? 

मैं अपनी जर्नी को इंजॉय कर रही हूं. अभी तो शुरुआत ही है अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है.


अर्जुन रेड्डी,जयेश भाई जोरदार, और महाराज इन फिल्मों का हिस्सा बनने के बाद अब आपके लिए संघर्ष क्या है?

 मुझे लगता है कि जिंदगी में हमेशा ही संघर्ष जुड़ा ही रहता है. मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा चैलेंज यही था कि मुझे अभिनेत्री बनना था और मेरे घरवाले इसके खिलाफ थे और आखिरकार मैं अभिनेत्री बन गई. मुझे नहीं लगता कि इससे बड़ा कोई चैलेंज हो सकता है. इंडस्ट्री मैं कुछ भी एक जैसा नहीं है. कभी कुछ है कभी कुछ है. अच्छे दिन आने पर हंसती हूं तो बुरे दिन आने पर रोती भी हूं, लेकिन फिर मैं खुद से सवाल करती हूं कि मुझे तो अभिनेत्री बनना ही था तो मैं इससे जुड़े संघर्ष से परेशान क्यों हो रही हूं. उसके बाद में फिर मोटिवेट हो जाती हूं संघर्ष करने के लिए.

आपकी लाइफ का सबसे बड़ा हाई और लो पॉइंट  क्या रहा है? 

मुझे लगता है कि अभी मेरी जिंदगी बहुत सारे हाई  और लो  पॉइंट आने बाकी है. अभी मैं बहुत यंग हूं, लेकिन हां अगर अभी की लाइफ की बात करें तो मैं कहूंगी कि जब मुझे अर्जुन रेड्डी के लिए पहला चेक मिला था. आप सोच सकती हैं कि जब मैं ऐसी इंडस्ट्री का हिस्सा बनती हूं जिससे मेरा या मेरे पूरे परिवार का कभी कोई लेना-देना नहीं रहा है. उसे इंडस्ट्री में मेरे पहले काम के लिए मुझे इतने सारे पैसे मिल रहे थे या मेरे लिए बहुत बड़ी बात  थी.लो पॉइंट की बात करें तो कोविड था. मेरा करियर शुरू ही हुआ था तो लग रहा था कि यह सब क्या हो गया, लेकिन फिर समझ में आया कि मेरा कैरियर दुनिया नहीं है दुनिया में और भी बहुत सारी चीजें मायने रखती है. मैं कम से कम अपने घर के अंदर हूं. खाना खा रही हूं.अपने बिल पे कर रही हूं.यह क्या कम बड़ी बात है.


आपने  अपने परिवार के खिलाफ जाकर अभिनय में अपना करियर बनाया है अब वह आपके करियर से कितने खुश हैं? 

मेरी मम्मी मेरी बहुत बड़ी सपोर्टर है और कह सकती हो कि वह मेरी सबसे बड़ी फैन भी हैं. उनके लिए मैं कभी कुछ गलत कर ही नहीं सकती हूं. उनके लिए मैं हमेशा सही हूं. पापा की बात करूं तो उनको इंडस्ट्री के बारे में ज्यादा  समझ नहीं है. वह फिल्में भी बहुत कम देखते हैं तो मैं उनसे फिल्मों या अपने काम को लेकर कुछ डिस्कस नहीं करती हूं लेकिन हां जो नाराजगी थी वह अब नहीं रही है.

अर्जुन रेड्डी के रिलीज के बाद ही आपकी फैमिली मान गई थी?

 मम्मी तो तुरंत ही मान गई थी,लेकिन हां पापा को बहुत टाइम लगा था. मुझे लगता है कि जयेश भाई जोरदार जब मैं साइन की थी तब मेरे पापा और मैं आपस में बात फिर से शुरू की थी. मुझे लगता है उसके बाद उन्हें भी लगा कि कुछ तो ढंग का कर रही है.

आपने बहुत छोटी उम्र में ही अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए अपने परिवार और घर को छोड़ दिया था तो क्या कुछ मिस भी करती हैं?

 मैं कुछ भी मिस नहीं करती हूं. मैं बहुत खुश हूं कि मैं बड़ी हो गई ,जो करना चाहती थी. वह कर रही हूं.मैं जीरो चीज मिस करती हूं. मैं अक्सर सुनती हूं लोग कहते हैं कि मैं अपने स्कूल डेज मिस करती हूं. मेरे साथ ऐसा नहीं है. मैं बहुत खुश हूं कि मैं अपने स्कूल डेज खत्म कर दिया. मुझे वो रट्टा मारना पसंद नहीं है.मैं क्रिएटिव पर्सन हमेशा से रही हूं, लेकिन स्कूल और घर में मुझे वह माहौल नहीं मिल रहा था ,तो मेरे लिए बहुत ही सब कुछ झेल लग रहा था. यहां तक की पूरा जबलपुर शहर भी. आपको हमको 6:00 बजे के बाद बाहर नहीं निकलना है. आप ऐसे कपड़े नहीं पहन सकती आप वैसे कपड़े नहीं पहन सकती.मैं खुश हूं कि मैं वहां से निकल आयी.


 कम उम्र में शहर और घर छोड़ने की हिम्मत कहां से आई थी?

मुझे लगता है इसके लिए हिम्मत से ज्यादा पागलपन चाहिए और वह मेरे अंदर हमेशा से था. मैं बहुत विद्रोही स्वभाव की रही हूं. मैं यह भी कहूंगी कि मैं बस ऐसे उठी और घर से निकल नहीं गई. मैं बताना चाहूं कि मैं अपने पेरेंट्स को स्कूल के दिनों से मना रही थी फिर कॉलेज में भी मनाया. जब आप इतने सालों से उनको मना रहे हो और वह मान नहीं रहे हैं. आखिरकार यह जिंदगी मेरी है तो फैसला मेरा होना चाहिए.जिंदगी में आप ग्रो करना चाहते हैं. ऐसा नहीं कि  जो पीढ़ियों से चला रहा है.वह करना जरूरी है.एक दिन मैं मनाते- मनाते ,रोते गाते थक गई. इसके बाद मैंनें घर छोड़ने का फैसला कर लिया.


 खुद के दम पर करियर बनाने की इस जर्नी में आपने मुश्किल वक्त भी देखे होंगे?

मुझे हर मुश्किल बहुत ही आसान लगी.सच कहूं तो मुझे घर छोड़कर बहुत अच्छा लगा था. मुझे पता है कि मेरी बात सुनकर लोगों को लगेगा कि  कैसी लड़की है, लेकिन मैं अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी रही थी. मुझे घर किराए के पैसे थोड़े-थोड़े जोड़ने में भी मजा आ रहा था. मुझे इसमें कोई भी संघर्ष नहीं लग रहा था. एक आजादी महसूस कर रही थी. घर कितने बजे आना है. ये मुझे किसी को जवाब नहीं देना था. जबलपुर में मेरे घर पर मुझे 6:00 के बाद निकलने में पाबंदी थी, जब आप इतनी पाबंदियां में जीते हो तो आपको लगता है कि आप अपनी जिंदगी जियो.भले ही आपको पैसों की दिक्कत हो.अब तो वह दिक्कत भी नहीं रही है.हां इंडस्ट्री में जब आपका कोई परिचित नहीं होता है तो आप कई बार सही फैसले नहीं कर पाते हैं.लोग अपने फायदे के लिए आपके साथ बुरा भी करते हैं.मैंने वो सब भी झेला है.


 करियर को लेकर अब आपकी क्या प्लानिंग है? 

मैं कुछ भी प्लान नहीं करती हूं। मेरी जिंदगी में अगले दिन क्या होने वाला है. मैं उसको भी प्लान नहीं करती हूं. मैं बस मेहनत करती हूं. फ़िल्में और एक्टिंग मेरे मेरा जीवन है क्योंकि इसके लिए मैंने अपना घर छोड़ा है, तो मुझे इसी में काम करते रहना है और अच्छा काम करना है. मेरी अब तक की फिल्म मेरी इमेज बहुत ही क्यूट और प्यारी सी लड़की का रहा है. मुझे उससे कुछ अलग करना है.अभी कुछ अलग करने की कोशिश है.

 अपकमिंग प्रोजेक्ट क्या हैं ?

एक्सेल की वेब सीरीज डब्बा कार्टल कर रही हूं. इसके अलावा अक्षत वर्मा के साथ भी एक प्रोजेक्ट कर रही हूं.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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