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Arjun Kapoor : चाचा अनिल कपूर नहीं इस एक्टर की कॉमेडी के मुरीद हैं अर्जुन

अभिनेता अर्जुन कपूर ने इस इंटरव्यू में माना कि इंडस्ट्री मुश्किल दौर से गुजर रही है.थिएटर में फिल्में नहीं चल रही क्योंकि नया दर्शक वर्ग तैयार हो रहा है .

arjun kapoor :अभिनेता अर्जुन कपूर अपनी हालिया रिलीज फिल्म मेरे हसबैंड की बीवी में कॉमेडी भूमिका में नजर  आ रहे हैं. अर्जुन इसे अपने पसंदीदा जॉनर में से एक करार देते हैं. कॉमेडी से जुड़ाव के अलावा कॉमेडी किरदारों में अपने पसंदीदा एक्टर्स के बारे में भी उन्होंने बात की है और यह भी शेयर किया कि मौजूदा दौर में फिल्मों का प्रमोशन अहम क्यों हो गया है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत 

आमिर और शाहरुख सर की फिल्मों का प्रमोशन होता है ख़ास

मौजूदा दौर में फिल्मों के प्रमोशन के लिए सिटी टूर का आईडिया बेहद लोकप्रिय है. प्रमोशन जरुरी हो गया है.प्रमोशन एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए हम सभी को बता सकते हैं कि हमारी फिल्म रिलीज हो रही है. मेरे हिसाब से फिल्म का प्रमोशन ट्रेलर से ही शुरू हो जाता है. दरअसल लोग अभी बहुत व्यस्त हैं, इसलिए हम देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों को याद दिलाते हैं कि हमारी फिल्म आ रही हैऔर मेरी राय में यह एक फिल्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ट्रेलर लॉन्च करके हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि हर कोई फिल्म देखेगा. इसलिए हम प्रचार के माध्यम से सभी को याद दिलाते हैं.जब कोई फिल्म चलती है,तो हम सोचते हैं कि प्रमोशन से हमें मदद मिली है और अगर पिक्चर नहीं चलती तो कुछ और सोचना पड़ता है.फिर कई बार तो बिना प्रमोशन के भी फिल्म हिट हो जाती है. तो कुछ भी हो सकता है. केवल प्रमोशन इस बात की गारंटी नहीं देता कि फिल्म हिट हो जाएगी. जो लोग मुझसे बहुत बड़े हैं यानी आमिर सर, शाहरुख सर, वे नए-नए तरीकों से फिल्म का प्रचार करते हैं, जो मुझे बहुत पसंद आता है.

गोविंदा की फिल्में देखकर मां और मैं बहुत हंसते थे 

जब मेरे पिता बोनी कपूर फिल्में प्रोड्यूस करते थे तो उस वक़्त फिल्मों का प्रमोशन इस तरह नहीं किया जाता था. दरअसल, तब दर्शक वर्ग बिल्कुल अलग था.पहले दिन के कलेक्शन का प्रेशर नहीं होता था और तब मनोरंजन के साधन बहुत कम थे.90 के दशक में सिनेमा देखने जाना ही हमारे लिए एक इवेंट होता था. अब फिल्में देखने जाना कोई बड़ी बात .मुझे बचपन में अपनी मां के साथ थिएटर में बिताया सबसे अच्छा समय याद है. गोविंदा  की फिल्म  देखकर मां और मैं खूब हंसते थे.शाहरुख खान की डीडीएलजी अपनी मां के साथ दो बार देखी, तब फिल्में हमारे लिए थेरेपी थीं.

मां हर अच्छे बुरे समय में साथ है 

मेरी माँ मेरी भगवान है. अब तो वह सही में  भगवान बन चुकी हैं. वह ऊपर से मुझे देख रही हैं. माँ मेरी बैकबोन थी. मेरे पास उनके नाम का टैटू है. वह मेरे दिल में रहता है.मैं उनका प्रतिनिधित्व करता हूं. जब मैं उनके बारे में बात करता हूं तो भावुक हो जाता हूं. इससे ज्यादा मैं क्या कह सकता हूं. मुझे हमेशा उनकी याद आती है. मुझे विश्वास है कि वह मेरे आसपास है. माँ मेरे हर अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ है.

दर्शकों को फिर से समझने की कोशिश

 मैं मानता हूं कि फिल्में इनदिनों थिएटर में अच्छा बिजनेस नहीं कर रही हैं. इंडस्ट्री मुश्किल दौर से गुजर रही है क्योंकि नए दर्शक वर्ग तैयार हो रहे हैं. अभी हमें कई छोटी-छोटी लड़ाइयां लड़नी हैं.लेकिन मुझे लगता है कि हम पर दबाव कम है, क्योंकि अगर फिल्म अच्छी होगी तो दर्शक उसे जरूर देखने जाएंगे. 12 वीं फेल से बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है. इसलिए हम अपने दर्शकों को फिर से समझने की कोशिश कर रहे हैं.हम एक्टर हैं. हमारा काम सिर्फ एक्टिंग करना है. इसके अलावा हम कुछ नहीं कर सकते हैं .दरअसल कोविड के बाद अब फिल्में  देखने के कई विकल्प मौजूद हैं और अब लोग फिल्म देखने जाने से पहले सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं देखते हैं. हर फिल्म इंडस्ट्री किसी ना किसी परेशानी से गुजर रही है.वैसे सिर्फ हिंदी सिनेमा ही नहीं मलयालम सिनेमा में भी परेशानी चल रही हैं. वहां के निर्माताओं की अपनी समस्या है.मुझे लगता है कि सभी इंडस्ट्रीज को इन समस्याओं से उबरना चाहिए और दर्शकों के साथ फिर से जुड़ना चाहिए।

स्त्री 2 में राजकुमार की कॉमेडी जबरदस्त 

बेस्ट कॉमेडी एक्टर्स की बात करूं तो गोविंदा जी उसमें एक महान प्रेरणा हैं. मैं उनकी कॉमेडी का फैन रहा हूं. कॉमेडी में अक्षय सर के काम को पहले कम आंका गया था, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को साबित कर दिया.मेरे चाचू अनिल कपूर भी कमाल के हैं.फिल्म ‘नो एंट्री’, ‘बीबी नंबर 1’, ‘वेलकम’ में उनकी कॉमेडी टाइमिंग लाजवाब थी. मैंने उनके साथ ‘मुबारका’ की, यह देखने के लिए कि वह कैसी कॉमेडी करते हैं.मौजूदा अभिनेताओं में रणवीर (सिंह), वरुण (धवन), कार्तिक आर्यन, राजकुमार राव कॉमेडी में बेहतरीन हैं. ‘स्त्री 2’ में राज ने जबरदस्त कॉमेडी की है. मैं चाहता हूं कि मेरी पीढ़ी के अभिनेता मित्र और अधिक कॉमेडी फिल्में करें.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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