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Roti Kapda Aur Makaan:महंगाई वाले गाने से सरकार की नाराजगी वाली बात पर अरुणा ईरानी का खुलासा 

हिंदी सिनेमा की यादगार फिल्मों में शुमार रोटी, कपड़ा और मकान ने आज 50 साल पूरे कर लिए हैं. फिल्म की स्टारकास्ट में शामिल अरुणा ईरानी ने इस मौके पर फिल्म से जुड़ी अपनी यादों को इस इंटरव्यू में बयां किया है.

roti kapda aur makaan :18 अक्टूबर 1974 को रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म रोटी,कपड़ा और मकान ने आज अपनी रिलीज को पचास साल पूरे कर लिए हैं.इस फिल्म के निर्माण, लेखन और निर्देशन से मनोज कुमार जुड़े थे और इस मल्टीस्टारर फिल्म का चेहरा मनोज कुमार,शशि कपूर,मौसमी चटर्जी, जीनत, अमिताभ बच्चन और अरुणा ईरानी जैसे ख़ास नाम थे.अभिनेत्री अरुणा ईरानी ने फिल्म से जुड़ी अपनी कई खास यादों को उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत में साझा की.बातचीत के प्रमुख अंश  

लगता है कल ही की तो बात है  

मजा आ रहा है यह सुनने में कि रोटी, कपड़ा और मकान को 50 साल पूरे हो गए हैं. 50 साल बाद भी लोग उस फिल्म को याद कर रहे हैं.इससे अच्छी बात क्या हो सकती है.एक बार के लिए जेहन में ये सवाल भी आता है कि क्या इतने साल गुजर गए. सोचने पर लगता है कि कल ही की तो बात है. जब हमने फिल्म की शूटिंग की थी. मुझ पर फिल्माया गया पंडित जी मेरे मरने के बाद वाले  गाने की शूटिंग चांदीवाली स्टूडियो में ही हुई थी. अभी भी सब कुछ अच्छे से याद है.चांदीवली में पूरा गांव का सेट लगाया गया था और मुझे भी उसी अंदाज में कपड़े दिए गए थे.मुझे लगता है कि 3 से 4 दिन में गाना शूट भी हो गया था.

पंडित जी मेरे मरने के बाद गाने ने मुझे जबरदस्त पॉपुलैरिटी दी थी

 रोटी, कपड़ा और मकान में मेरा पूनम का किरदार था. पूरी फिल्म में मुझे लगता है कि मेरे दो-तीन सीन और एक गाना ही था,लेकिन उसे गाने से मुझे इतनी पॉपुलैरिटी मिली थी कि जो मेरे बहुत सारी फिल्मों में अच्छे खासे गाने को भी नहीं मिली थी. वैसे तो रोटी कपड़ा और मकान के बहुत सारे गाने हिट हुए थे, जिसमें से मेरा गाना पंडित जी मेरे मरने के बाद भी था, लेकिन वह गाना लोगों को ज्यादा ही पसंद आया था क्योंकि वह गाना पीने पर था. मुझे याद है फिल्म की रिलीज के बाद मैं जहां भी जाती थी, आम लोग मुझे देखकर वह गाना गाना शुरू कर देते थे. मेरे लिए वह काफी शॉकिंग भी था कि  एक गाने का इतना असर हुआ. वैसे फिल्म का भी जबरदस्त असर हुआ था. उस साल की यह सबसे ब्लॉकबस्टर फिल्म में से थी. फिल्म से जुड़ा कांसेप्ट बहुत समायिक था, जिसने लोगों को और ज्यादा इस फिल्म से जोड़ दिया था. वैसे मनोज जी हमेशा अपनी फिल्मों से सन्देश देने की कोशिश करते थे.

मनोज कुमार जी कमाल के डायरेक्टर  

 मनोज कुमार एक एक्टर के तौर पर अच्छे थे, लेकिन मुझे लगता है डायरेक्टर के तौर पर कमाल के थे. निर्देशक के तौर पर बहुत अच्छा काम करते थे. जिस तरह से वह शॉट लेते तो वह फिल्म को एक अलग ही लेवल पर पहुंचा देता था. शूटिंग करते हुए आपको समझ नहीं आता है, लेकिन परदे पर देखने पर वह मैजिक की तरह लगता है.वैसे मैं  बताना चाहूंगी कि मनोज कुमार की फिल्म रोटी, कपड़ा और मकान सहित दूसरी  फिल्मों को देखकर लोगों ने शॉट लेना सीखा और वह बार-बार लगातार उनकी ये फिल्मों को देखते थे कि किस तरह से शॉट लिया जाना चाहिए.

 सरकार की नाराजगी वाली बात बस बातें ही हैं 

फिल्म का महंगाई वाला गीत भी बहुत पॉपुलर हुआ था. उस गाने से उस वक़्त की इंदिरा गांधी सरकार की जहां तक नाराजगी की बात है, तो मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है. आपको भी पता है कि बहुत सारी बातें बस कहने के लिए बन जाती हैं. जहां तक मुझे याद है उस वक्त की सरकार उस गाने से नाराज हो गई थी.ऐसा कुछ मेरी जानकारी में नहीं हुआ था.वैसे उस गाने की शूटिंग रियल में एक कंस्ट्रशन बिल्डिंग में ही हुई थी. जुहू में संगीता अपार्टमेंट के पास ही वह बिल्डिंग बन रही थी.–

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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