22.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

एक्टर यश कुमार ने कहा भोजपुरी एलबम की दुनिया भोजपुरी सिनेमा को खत्म कर रही है… अपनी शादी से जुड़े विवाद पर कही ये बात

भोजपुरी फिल्मों के पॉपुलर एक्टर यश कुमार अपने अभिनय के साथ - साथ अपनी निजी ज़िन्दगी को लेकर भी काफी सुर्ख़ियों में रहते हैं। निधि झा से उनकी दुसरी शादी पर अक्सर वह सोशल मीडिया पर ट्रॉल्लिंग का शिकार होते रहते हैं। उनकी इस शादी अंजना सिंह से तलाक और भोजपुरी सिनेमा पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत

भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता यश कुमार इन दिनों अपनी फिल्म दिलदार सांवरिया २ को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. इस फिल्म से उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में अपनी फिल्मों की सेंचुरी पूरी की है. उन्होंने बीते दिनों इस फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है , फ़िलहाल फिल्म पोस्ट प्रोडक्शन में है.उनकी इस फिल्म , कैरियर , निजी जिंदगी से जुड़े विवादों पर उर्मिला कोरी से हुई खास बात

२०१३ में दिलदार सांवरिया से आप अभिनेता बनें थे , दिलदार सांवरिया २ आपकी सौंवीं फिल्म है ,किस तरह से आप अपनी जर्नी को देखते हैं ?
बहुत मुश्किल रहा. उतार- चढ़ाव बहुत ज़्यादा आया. एक एक्टर, जो सिंगर नहीं है, तो उसके लिए बहुत मुश्किल था. सभी को मालूम है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री सिंगर्स की इंडस्ट्री मानी जाती है, जब मैं आया था, तो जो भी तीन से चार एक्टर थे. वो सभी सिंगर्स थे. मनोज तिवारी जी हो , पवन हो , निरहुआ हो या खेसारी लाल यादव हो. यही लोग थे. ये सबके सब सिंगर थे। रवि जी थे ,चूंकि उनका नाम हिंदी फिल्मों से पहले से जुड़ा रहा है. भोजपुरी इंडस्ट्री की फिर से शुरुआत उन्होंने ही की थी , तो पहले से लोग उन्हें जानते थे, लेकिन वो बात २००३ – २००४ की है. मैं २०१३ में आया था. उस समय इंडस्ट्री पर सिंगर्स का वर्चस्व था, तो वो मुश्किल दौर था कि लोगों ने तरह तरह की बातें की। चलेगा कि नहीं चलेगा , पर मैं दर्शकों का अभिनन्दन करूंगा. उन्होंने मुझे इतना प्यार दिया कि उनलोगों की उतनी फिल्में नहीं हुई हैं , जितनी मेरी हो गयी है.दिलदार सांवरिया के निर्माता दीपक शाह ने कहा कि पहली फिल्म अभिनेता के तौर पर मेरी थी , तो सौवीं का सेहरा भी मेरे सर भी बंधना चाहिए.मैंने कहा क्यों नहीं।बहुत ही अच्छी अद्भुत कहानी हमने उठायी है. आज की फिल्मों से अलग है.भव्य है.

सिंगर एक्टर नहीं होने के बावजूद आपकी यूएसपी क्या थी , जो लोग आपसे कनेक्ट कर गया
पारिवारिक फिल्मों की ओर मेरा रुझान, उस वक़्त जहां प्यूरी फिल्म इंडस्ट्री लहंगा , चोली , ढोंढ़ी में घुसा पड़ा था. डबल मीनिंग डायलॉग्स होते थे. वहां मैंने सोचा कि यश कुमार तुम बाहर से आये हो. तुम तो कुछ अलग करो , तो वो अलग करने के चक्कर में मैंने परिवार को टारगेट किया. मैंने उन फिल्मों को बनाया,जो भोजपुरी वाले सोचते ही नहीं थे. मैंने २०१६ में एक फिल्म बनायीं थी इच्छाधारी. पहली बार भोजपुरी में नाग – नागिन को सुपर पावर के साथ दिखाया गया था. चूंकि मेरा बैकग्राउंड बॉलीवुड से रहा है.मैं बॉलीवुड की कई फिल्मों की डायरेक्शन टीम से जुड़ा रहा हूं, तो हमेशा मैं कुछ अलग करने की कोशिश करता हूं.

बॉलीवुड की किन फिल्मों के निर्देशन टीम से आप जुड़े रहे हैं ?
मैं सुनील शेट्टी की प्रोडक्शन टीम का हिस्सा रहा हूँ. मिशन इस्तांबुल , मुंबई चकाचक ,ईएमआई थी. मैं इन फिल्मों का अस्सिटेंट डायरेक्टर था. ये मेरा शुरुआती दौर था. उसके बाद चीज़ें बदली. हालत बदलें तो मैं सुनील शेट्टी जी की जो कंपनी है , पॉपकॉर्न मोशन वो बंद हो गया , तो मैं टेलीविज़न सीरियल से जुड़ गया। २०१० से २०१२ मैंने टेलीविज़न सीरियल किया. २०१२ के आखिर में एक प्रोड्यूसर दिलदार सांवरिया बना रहे थे , उन्होंने मुझे अप्रोच किया. एक अभिनेता के रूप में मेरा वहां चयन हुआ और वह फिल्म बनी और २०१३ में वह रिलीज हुई.

उसके बाद क्या संघर्ष खत्म हो गया ?
नहीं संघर्ष कभी खत्म नहीं हुआ, लेकिन सबसे मुश्किल समय २०१७ – २०१८ था.हीरो तो मैं २०१३ में बन गया था. २०१४ में मेरी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी के झंडे गाड़ दिए. २०१५ सामान्य था.२०१६ में बैक तो बैक कई ऐसी फिल्में आयी , जो ब्लॉकबस्टर हुई.इच्छाधारी उन्ही में से थी. चूंकि मैं सिंगर नहीं था, तो उस वक़्त तक मेरा मेहनताना बहुत काम मिलता था.२०१७ में हालत कुछ ऐसे बदलें कि पारिवारिक माहौल गड़बड़ हो गया ,. २०१७ – २०१८ ऐसा बनकर मेरे सामने आया कि इन दो सालों में मैंने सिर्फ एक फिल्म ही की थी. मेरे पास रूम का किराया भरने का पैसा नहीं था. गाडी खड़ी है , लेकिन डीजल डालने को पैसा नहीं था. बहुत ही मुश्किल वक़्त था. उसमें मेरा तलाक भी हुआ. लगा कि जीवन बस यही खत्म है. मैं बुरी तरह से टूट गया था. फिर अंदर से एक तेज आती थी कि यश कुमार तुम टूटने नहीं बल्कि मेहनत करने आये हो. मैंने अपने आ[पको संभालते हुए खुद को मेहनत में फिर से झोंका और उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

अंजना सिंह के साथ तलाक के बाद सोशल मीडिया पर आप अक्सर ट्रॉल्लिंग का शिकार भी होते हैं, उससे किस तरह से डील करते हैं ?
जो लोग भी मुझे जानते हैं. वो ये बात जानते हैं कि मेरी ज़िन्दगी में चीज़ें बहुत एथिक्स वाली रही है. अपने पर्सनल रिश्ते को जब भी मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ , तो मैंने कभी खुद को गलत नहीं पाया है. मैं बस इज्जत और सम्मान के साथ ज़िन्दगी जीना चाहता हूँ. अगर वहां पर मैं इज्जत , सम्मान और खुद्दारी के साथ जीने के बावजूद अगर लोगों को लगता है कि मैं गलत हूं , तो मैं गलत हूं. मैं समाज को क्या कहूंगा .उनको वो दीखता है , जो वो नहीं जानते हैं, पर मैं जानता हूं सच्चाई क्या है. गुजरी मुझ पर है और जो मेरी पार्टनर उस वक़्त थी उनपर. देखिए कभी भी दो लोग अलग होना नहीं चाहते हैं. कुछ हालत ऐसे बन जाते हैं , कि लोगों को अलग होना पड़ता है. कहीं उसके फैसले गलत रहे होंगे कहीं मेरे. मैं अपने पॉइंट ऑफ़ व्यू से देखूं तो मैं गलत नहीं हूँ. मेरे लिए हर लड़की एक देवी के रूप में है. आज तक किसी भी लड़की के साथ मैंने बुरा बर्ताव नहीं किया है. मुझे लगता है कि किसी भी मर्द को यह अधिकार नहीं है कि वह अपनी गर्लफ्रेंड या बीवी को मारें या गाली दें. मुझे लगता है कि जो लोग ऐसा करते हैं , वह मानसिक तौर पर नामर्द हैं.मैंने हमेशा रिश्ते का सम्मान किया , लेकिन चीजें फिर भी ठीक नहीं हुईं.

निधि झा किस तरह से आपसे जुडी और आपने शादी का फैसला लिया ?
२०१८ में जब मैं परेशान रहता था. उस दौरान ही हम एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे. उन्होंने ही मुझे शादी के लिए प्रोपोज़ किया. मैंने उन्हें समझाया कि जीवन में प्रैक्टिकल रहना बहुत जरुरी है.अभी आप १८ साल की हैं , भविष्य में ये चीजें आपको परेशानी देंगी. मेरा रिश्ता एक टुटा हुआ है. लोगों के नजरों में बहुत सारे सवाल हैं. मेरे पास रूम का भाड़ा भरने का पैसा नहीं है , जबकि आप सीरियल की दुनिया से आयी हैं. भोजपुरी में भी आप अच्छा काम कर रही हैं. आप मुझसे दूर रहिये क्योंकि ये रिश्ता शायद आपके परिवार और बाकियों को समझ नहीं आएगा .उन्होंने कहा चाहा है ,तो आपको ही चाहा और रहना है तो आपके साथ ही रहना है. वो मेरे लिए भी बड़ी बात थी क्योंकि कोई लड़की आपके साथ दो वक़्त की रोटी में भी खुश रहना चाहती है. चार साल हमने एक दूसरे को दिया उसके बाद हमने शादी की. अब तो शादी को भी दो साल हो गए हैं।३० अप्रैल को हमारा बेटा भी पैदा हो गया शिवाय नाम रखा है। आज भगवान का दिया सबकुछ है. बॉम्बे जैसे शहर में आलिशान बांग्ला है , कुछ फ्लैट्स है , गाडी है.हमने अपनी मेहनत से सब बनाया है.

भोजपुरी फिल्में इनदिनों सैटेलाइट चैनलों पर रिलीज हो रही हैं
सिंगल स्क्रीन थिएटर लगातार बंद हो रहे हैं, तो उधर ही रुख करना पड़ेगा . मैं सबसे ज़्यादा फिल्में इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि मैंने जो अपना एक लाइन चेंज कर दिया था. छह सात साल पहले , जो लोग अब सोच रहे हैं करने को. वो मैंने उसी समय कर दिया था कि मुझे परिवार को टारगेट करना है और पारिवारिक सिनेमा सैटेलाइट पर चलता है. आज ये सैटेलाइट पर जो फिल्में चल रही हैं , कहीं ना कहीं उसकी शुरुआत मैंने ही की है। मैं निर्माता बना.मैंने फिल्में बना बनाकर दी. मैंने एक फिल्म बेटी नंबर १ बनायीं थी. बीफॉरयू ने उससे पहले बड़े – बड़े स्टार की फिल्में खरीदी थी, लेकिन वो उतनी नहीं चली जितनी बेटी नंबर १ चली थी. मैंने उन्हें कसम पैदा करने वाले की बनाकर दी थी. इन दोनों ही फिल्मों से मैं निर्माता बना था और इन दोनों ही फिल्मों ने टीआरपी में झंडे गाड़ दिए थे.मैंने एंटरटेन को फिल्म छठी माई दिया था लाडो , जानवर और इंसान , जोकर , इच्छाधारी , नागराज ये सभी फिल्में दी। जो लोगों को बहुत पसंद आयी थी.

भोजपुरी फिल्मों का भविष्य किस तरह से आप देख रहे हैं और मौजूदा हालात के जिम्मेदार कौन हैं ?
मल्टीप्लेक्स में हमारे दर्शक जाते नहीं हैं.हमारे दर्शकों को जागरूक करने की सबसे बड़ी जरुरत है. हमारे दर्शक १०० रुपये का टिकट कटवा सकते हैं , लेकिन उन्हें वहां जाने में शर्म आती है. हमारे दर्शक सब्जी बेचने वाले लोग हैं .ऑटो चलने वाले हैं. वो लोग मॉल में घुसते नहीं हैं. उन्हें लगता है कि मॉल में घुसने का पैसा मांगेंगे.ये मेरी भी पहले सोच थी. २००३ में जब मैं मुंबई आया था, तो मैं भी मॉल देखकर यही सोचता था। दूर से ही उनको देखता था. हालाँकि सोशल मीडिया के आने से जागरूकता बढ़ी है. हमको अपने दर्शकों के अंदर वो जागरूकता लानी पड़ेगी और वो जागरूकता आएगी कब, जब हम एल्बम को प्राथमिकता देने के बजाय सिनेमा को प्राथमिकता देने लगेंगे. इसके पीछे की वजह ये है कि एलबम में पैसे बहुत हो जाते हैं. बड़े -बड़े जो सिंगर एक्टर हैं , वो एक फिल्म करने का ५० से ६० लाख लेते हैं ,उस ६० लाख में उन्हें ३० दिन फिल्म करनी पड़ती है. एलबम में एक गाने का १५ लाख दे रहे हैं और एक गाना एक दिन में बनकर रेडी हो जा रहा है. उनका भी यही कहना रहता है कि फिल्म में पैसा नइखे एलबम करब. एलबम की दुनिया सिनेमा को खत्म कर रही है.ये सही नहीं है. भोजपुरी के लिए ये चिंता का विषय है , शायद भविष्य अंधकार में है.

आपकी आनेवाली फिल्में ?
थिएटर में रिलीज फिल्मों की बात करूं तो १० तारीख को दिल लागल दुप्पटा वाली से पार्ट २ ,कुरुक्षेत्र , हाथी मेरे साथ और नागराज चंडालिका जैसी मेरी फिल्में रिलीज होंगी

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel