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Dupahiya Web Series :दुपहिया की शूटिंग में गर्मी के साथ ट्रेन सीक्वेंस ने भी बढ़ायी थी दिक्कतें

वेब सीरीज दुपहिया इन दिनों सुर्खियों में है. इस आलेख में एक्टर्स ने इस सीरीज की शूटिंग से जुड़े अपने अनुभवों को शेयर किया है

dupahiya web series :अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘दुपहिया’ ने जिस ह्यूमर के तड़के के साथ गांव-देहात की कहानी को सामने लाया है, उसने सभी के दिल को छू लिया है. बिहार के क्राइम फ्री गांव धड़कपुर की संकल्पना कर ‘दुपहिया’ओटीटी की पहली वेब सीरीज बन गयी है, जिसमें बिहार की छवि को पर्दे पर सकरात्मकता के साथ प्रस्तुत किया गया है. इस कॉमेडी-ड्रामा सीरीज की मेकिंग, शूटिंग से जुड़े दिलचस्प पहलुओं पर उर्मिला कोरी की यह खास रिपोर्ट.

एक्टर ही नहीं, डायरेक्टर ने भी सीखी बिहारी भाषा

इस सीरीज के निर्देशन से डायरेक्टर सोनम नायर जुड़ी हुई हैं. सोनम नायर की मानें, तो अविनाश द्विवेदी और चिराग गर्ग ने बहुत ही अच्छी और ह्यूमर से भरी कहानी लिखी थी, जिसके हर फ्रेम में उन्होंने गांव और उससे जुड़े लोगों को जीवंत किया था. ‘दुपहिया’की कहानी बिहार की है, तो बिहारी लहजे पर बस हमें काम करना था. हमारे डिक्शन कोच थे और एक्टर्स की दो महीने तक ट्रेनिंग चली थी. उसमें मैं भी शामिल थी, ताकि मैं भी शूटिंग के वक्त इसका बारीकी से ख्याल रख पाऊं.

मध्य प्रदेश के ओरछा में हुई शूटिंग

इस सीरीज की शूटिंग मध्य प्रदेश के ओरछा में हुई है. अभिनेता भुवन अरोड़ा बताते हैं कि बहुत ही अच्छा गांव था. हमने दिन ही नहीं, देर रात भी शूटिंग की है. फिर भी कभी कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई. हम आराम से ट्रेवल करते थे, क्योंकि हम जहां रुके थे वहां से यह गांव एक से डेढ़ घंटे की दूरी पर था. दिक्कत सिर्फ एक ही थी कि जब हमने शूटिंग की, उस वक्त चिलचिलाती धूप थी. गर्मी के साथ-साथ उमस भी बहुत थी. ठंड में शूटिंग होती तो और यादगार बन जाती, लेकिन ऐसा (हंसते हुए )एक आदमी की वजह से नहीं हुआ. वो गजराज सर थे. उनके पास नवंबर और दिसंबर के आसपास डेट्स नहीं थी, जिस वजह से हम सभी को गर्मी में ही शूटिंग करनी पड़ी.

रियल लाइफ में बिहार के जमाई हैं भुवन अरोड़ा

सीरीज की कहानी बिहार के बैकड्रॉप पर है और सीरीज में अमावस का किरदार निभा रहे अभिनेता भुवन अरोड़ा का बिहार से अपना खास कनेक्शन है. वे बताते हैं कि मेरी पत्नी बिहार से हैं. बिहार के बेतिया के पास चकदी जगह है. वहां से उनका परिवार आता है. कुछ साल पहले मेरे ससुर की डेथ की वजह से मुझे वहां पर लंबा समय बिताना पड़ा था. मैंने वहां के लोगों में यह बात नोटिस की थी कि वे बहुत नेचुरल होते हैं. वे अगर आपको देख रहे हैं तो लगातार आपको देखते रहेंगे. ये नहीं सोचेंगे कि आप क्या सोचेंगे. एकदम नेचुरल. जो उनके दिल में है, उसी हिसाब से उनका एक्ट भी होता है.

शूटिंग के वक्त हंस-हंसकर हो जाता था बुरा हाल

इस लाइट हर्टेड सीरीज के सबसे मुश्किल दृश्यों के बारे में बात करते हुए अभिनेत्री शिवानी रघुवंशी कहती हैं कि ऐसा कोई मुश्किल सीन नहीं था, लेकिन यह सीरीज इतनी कॉमेडी से भरी हुई है कि कई बार शूटिंग के वक्त हमारा हंस-हंसकर बुरा हाल हो जाता था और हम टेक पर टेक देने लगते थे. ऐसा ही एक सीन था, जब मैं और गजराज जी अमावस से मिलने जाते हैं. तभी एक अंकल आते हैं. वह अपने छाते की चोरी के बारे में बताते हैं. उस सीन को करते हुए गजराज जी की हंसी ही नहीं रुक रही थी. मैं तो भुवन की तरफ देख ही नहीं रही थी, ताकि मुझे हंसी ना आये लेकिन गजराज जी अपनी हंसी नहीं रोक पाये थे. वह सीन 12 से 13 टेक में पूरा हो पाया था. गजराज राव शूटिंग के मुश्किल अनुभव में रात का वह दृश्य बताते हैं, जब भूगोल छत पर बाइक की चाभी चुराने आया था. उस सीन में सब सो रहे हैं, लेकिन आसपास की छतों पर लोग सोने को तैयार नहीं थे. उनके लिए शूटिंग हो रही है, तो वह छत से देखने के लिए उत्साहित हैं. किसी तरह प्रोडक्शन टीम ने लोगों को मनाया और सीन शूट किया.

ट्रेन सीक्वेंस में बाल-बाल बचे थे स्पर्श और भुवन

इस कॉमेडी शो में एक सीक्वेंस एक्शन का भी है, जिसमें भूगोल और अमावस के बीच हाथापाई होती है,जिसमें एक दृश्य रेलवे ट्रैक पर फिल्माया गया है. स्पर्श श्रीवास्तव बताते हैं कि पहले यह सीन पूरी तरह से क्रोमा में शूट होने वाला था. फिर लगा कि रियल में कर लेते हैं. रेलवे ट्रैक पर जब यह सीन फिल्माया जा रहा था, तो मैंने और भुवन ने आपस में बात की कि जब ट्रेन थोड़े करीब आयेगी तो हम हटेंगे, जबकि शूटिंग के दौरान ऐसी बात डायरेक्टर और शूटिंग क्रू के साथ नहीं हुई थी. जब ट्रेन ट्रैक पर आ गयी और हमारे करीब आती जा रही थी, तो भी हम हट नहीं रहे थे, तब पूरी यूनिट पैनिक हो गयी थी. ट्रेन हमसे तीन फीट की दूरी पर थी, तब हम रेलवे ट्रैक से हटे थे. सच कहूं, तो हम बाल-बाल बचे थे.

शिवानी रघुवंशी सीरीज को करने वाली थी इंकार

सीरीज में रोशनी झा की भूमिका में नजर आ रही अभिनेत्री शिवानी रघुवंशी शुरुआत में इस सीरीज को मना करने वाली थीं. शिवानी इस बारे में जानकारी देते हुए बताती हैं कि जब ‘दुपहिया’ का एक सीन कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझे भेजा, तो मैंने सोचा कि अब देशी किरदार नहीं करना है. ‘तितली’ फिल्म की थी और वेब सीरीज ‘मेड इन हेवेन’ में देशी ही किरदार था, तो मैंने सोचा था कि ऐसे किरदारों से अब थोड़ा ब्रेक लूं. एक स्क्रीनिंग के दौरान सीरीज की डायरेक्टर सोनम नायर मिली थीं. अगले दिन मुझे कास्टिंग डायरेक्टर रोमिल का फोन आया कि सोनम नायर को तुम्हारा ऑडिशन देखना है. मैंने सोचा चलो अभी कुछ काम नहीं है, तो रिहर्सल के तौर पर यह सीन करके भेज देती हूं. मैंने रोमिल के साथ वह सीन किया था. मेरा हंस-हंसकर बुरा हाल हो गया था. मैंने सोचा कि यह सीन करने में इतना मजा आ रहा है, तो सीरीज करने में कितना मजा आयेगा. इसके साथ ही मैंने यह भी सोचा कि अब तक मैंने जो भी फिल्में या वेब सीरीज की है, उसे अपनी दादी, नानी या पूरे परिवार के साथ कभी नहीं देख पायी हूं, लेकिन इस सीरीज को परिवार के साथ देखा जा सकता है.

दुपहिया की सवारी की वह भयानक याद नहीं भूल पाते हैं गजराज राव

‘दुपहिया’सीरीज में बनवारी झा की भूमिका निभाने वाले गजराज राव निजी जिंदगी में दुपहिया की सवारी करने से कतराते हैं. वह बताते हैं कि थिएटर के दिनों में मेरे एक दोस्त थे. उन्होंने नयी बाइक ली थी. उनके पीछे बैठकर मैं थिएटर के रिहर्सल में जाया करता था. वह मेरा दिलदार दोस्त था तो कभी-कभी मुझे भी चलाने देता था. वैसे कभी-कभार शहर में चला लिया करता था. मेरे दिमाग में यह ख्याल भी आने लगा कि मैं भी अब पैसे जमा कर ऐसी ही एक बाइक लूंगा. उसी दौरान हमें एक शूटिंग के सिलसिले में दिल्ली से राजस्थान जाना था. कोटपुतली एक जगह थी. वहां पर हमें जाना था. हाइवे स्थित एक ढाबे में हमने खाना खाया. फिर मैंने कहा कि मैं बाइक चलाऊंगा. उस दिन मैंने यह महसूस किया कि बच्चन साहब को मुकद्दर का सिकंदर गाने में बाइक चलाते देखना कितना आसान लगता है, लेकिन यह आसान होता नहीं है. दो ट्रकों के बीच से मैंने बाइक निकाली और एक इंच के अंतर से मैं और मेरा दोस्त बचे थे. ट्रक ड्राइवर की आवाज आज भी मेरे कान में गूंजती है कि मरना है क्या बे. उसके बाद हम एक कोने में बाइक रोककर बैठ गये थे. खुद को संभाला, फिर तय कर लिया कि बाइक राइड करना मेरे बस का नहीं है. उसके बाद मैंने बाइक राइडिंग से दूरी बना ली

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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