27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

50 Years Of Deewar:जावेद अख्तर ने बताया लोगों ने शुरुआत में कहा था दीवार 15 दिन भी नहीं चलेगी..

फिल्म दीवार की मेकिंग से जुड़े दिलचस्प किस्से फिल्म के लेखक जावेद अख्तर ने इस इंटरव्यू साझा किये हैं.

50 years of deewar :हिंदी सिनेमा के इतिहास की आइकॉनिक फिल्मों में शुमार दीवार ने आज यानी 24 जनवरी को अपने पचास साल पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर फिल्म की कहानी , पटकथा और संवाद लिखने वाली सुपरहिट जोड़ी से जावेद अख्तर ने फिल्म से जुड़ी कई यादों को उर्मिला कोरी के साथ सांझा किया और उन्होंने बातचीत में अपनी भूल को मानते हुए यह भी स्वीकार किया कि फिल्म 21 जनवरी को नहीं बल्कि 24 जनवरी को ही रिलीज हुई थी. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश

क्या आपको लगा था कि दीवार इतनी बड़ी हिट होगी कि 50 साल बाद भी लोग इस फिल्म से रीलेट करेंगे और इसके बारे में बात करेंगे ?

आज यह आइकोनिक फिल्म की श्रेणी में आ गयी है, लेकिन उस वक्त जब यह फिल्म रिलीज होने वाली थी. इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों का कहना था कि यह फिल्म 15 दिन भी चल जाए तो बड़ी बात होगी क्योंकि यह एक कमर्शियल फिल्म होने के बावजूद फार्मूला फिल्मों की तरह शूट नहीं हुई थी. फिल्म में उस वक़्त के पॉपुलर टर्म रिलीफ जैसी कोई बात नहीं थी.फिल्म की शूटिंग रूम्स में ही ज्यादातर हुई थी. खूबसूरत विजुअल नहीं थे.फिल्म दो भाइयों की कहानी थी.अच्छे और बुराई. बहुत कुछ सुना सुनाया सा था. जिस स्क्रिप्ट में खामियां निकाली गयी थी. एक वक़्त के बाद उसे परफेक्ट स्क्रिप्ट करार देकर नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में पढ़ाया जाने लगा था. सफलता इसी को कहते हैं.सफल होने के बाद सबकुछ अच्छा लगने लगता है.

दीवार फिल्म के लिए किसी खास शख्स की सराहना जो आप आज तक नहीं भूले हैं ?

फिल्म सुपरहिट हुई थी, तो बहुत लोगों ने बहुत कुछ अच्छा अच्छा कहा था.सच कहूं तो उस वक़्त फिल्म की कहानी, पटकथा और संवाद तीनों को ही फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था और वही हमारे लिए सबसे ज्यादा यादगार था.

खबरें हैं कि इस फिल्म के लिए राजेश खन्ना ओरिजिनल चॉइस थे ?

राजेश खन्ना और यश चोपड़ा के बीच अच्छी दोस्ती थी और जब हम निर्माता गुलशन राय के पास फिल्म की स्क्रिप्ट लेकर आये थे तो इन हाउस निर्देशक यश चोपड़ा ही थे.उन्होंने राजेश खन्ना के बारे में बताया. मैंने और सलीम साहब ने उसी वक़्त उनसे कहा कि राजेश खन्ना की इमेज इस फिल्म की स्क्रिप्ट के साथ नहीं जा रही है.इस कहानी के साथ अमिताभ बच्चन ही सही हैं. स्क्रिप्ट के साथ हम अमिताभ की कास्टिंग की बात भी साथ लेकर ही गए थे.हमारी बातें सुनने के बाद सभी अमिताभ जी की कास्टिंग के लिए राजी हो गए थे.

मां के रोल के लिए किन अभिनेत्रियों को अप्रोच किया गया था ?

वैजयंती माला,वहीदा रहमान इन नामों को सभी जानते हैं.मैं बताना चाहूंगा कि मां के रोल के लिए बॉलीवुड की अभिनेत्रियां ही नहीं बल्कि बंगाल की अभिनेत्री सुचित्रा सेन से भी बातचीत हुई थी . मैं और सलीम बकायदा कोलकाता गए थे उनको स्क्रिप्ट सुनाने के लिए,लेकिन वहां से भी ना हो गई थी,क्योंकि वह इतने बड़े एक्टर्स की मां नहीं बनना चाहती थी.

सिनेमा के जानकारों की मानें तो जंजीर ने एंग्री यंग मैन की इमेज को इंडस्ट्री से रूबरू करवाया था, जबकि दीवार ने इसे हिंदी सिनेमा में स्थापित किया था ?

मुझे लगता है कि एंग्री यंग मैन हमेशा से हिंदी सिनेमा का हिस्सा थे, मुझे तो गंगा जमुना में गंगा का किरदार भी एंग्री यंग मैन का ही लगता है और मदर इंडिया में बिरजू का किरदार भी. बस दिक्कत ये थी कि उस वक़्त उनके साथ रोमांस, गाना,कॉमेडी भी करवा लिया जाता था, लेकिन मैंने और सलीम ने तय किया था कि हम अपनी स्क्रिप्ट में एंग्री यंग मैन की इमेज को किसी भी तरह से डायलुट होने नहीं देंगे. मुझे लगता है कि यही काम कर गया और लोगों को लगता है कि हिंदी सिनेमा में एंग्री यंग मैन हमारी देन है.

अमिताभ बच्चन के करियर में फिल्म दीवार का बेहद अहम योगदान रहा है, कभी कोई खास बात उन्होंने इस फिल्म को लेकर कही है ?

वह बहुत ही मॉडेस्ट आदमी हैं . आप उनको जहां क्रेडिट देने जाते हैं,वह यही दोहराते हैं कि मैंने क्या किया. जो कोई भी यह रोल करता था. वह ऐसा ही करता था,क्योंकि फिल्म की स्क्रिप्ट ऐसी थी लेकिन हम सभी जानते हैं कि जिस तरह से उन्होंने डायलॉग बोलें या आइकोनिक सीन पर परफॉर्म किया.वह फिल्म को और खास बनाता है.मैंने अमिताभ के साथ दर्जन भर से अधिक फिल्में की है. मैं ये बात कह सकता हूं कि कई बार सीन में वह उतनी बात पैदा कर देते थे ,जितनी पेपर पर नहीं होती थी.

फिल्म का सबसे मुश्किल सीन कौन था ?

सबसे मुश्किल सीन विजय के किरदार का आखिर में मंदिर में जाना वाले था. उस सीन की शूटिंग से पहले अमिताभ और यश चोपड़ा और हमारे बीच लम्बी बातचीत हुई थी. उससे पहले और किसी सीन में इतनी लम्बी बातचीत नहीं हुई थी. क्यों होगा, क्या होगा, कैसे होगा.सब पर डिटेल में बात हुई थी.

बिल्ला नंबर 786 को जोड़ने का आईडिया किसका था ?

हीरो से लकी चार्म जोड़ने का आईडिया मेरा था. वह बिल्ला होगा.यह भी मैंने तय किया था. 786 यह नंबर का आईडिया सलीम साहब का था.

फिल्म के क्लाइमेक्स में दर्शकों को इमोशनली चार्ज्ड करने के लिए हीरो को मारने का फैसला क्या आसान था?

विजय का किरदार अपराधी बन चुका था. वह अपराध में इतना आगे बढ़ चुका था कि उसका आम जिंदगी में जाना लगभग नामुमकिन था. ऐसे में स्क्रिप्ट लिखते हुए पहले ही तय हो चुका था कि हीरो को मरना होगा. दर्शकों को इमोशनल करने के लिए यह नहीं था बल्कि कहानी की यही मांग थी.

फिल्म की कहानी का आईडिया कहां से था ?

फिल्म की कहानी का आईडिया कई फिल्मों से प्रेरित था. जिसमें गंगा जमुना का नाम भी शामिल है.हमने पहले शार्ट कहानी लिखी थी. 18 दिन में फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार हो गयी और 20 दिन में डायलॉग भी लिख लिए गए थे.

फिल्म अपने आइकोनिक डायलाग के लिए भी जानी जाती है. आपका पसंदीदा डायलॉग कौन सा रहा है ?

वो लोग बताये तो अच्छा लगता है. हम उसके राइटर हैं ,तो हम क्या ही इसके बारे में बताएंगे .वैसे मैं बताना चाहूंगा कि दीवार के डायलॉग इतने पॉपुलर हुए थे कि यह पहली फ़िल्म थी. जिसके संवादों की सीडी अलग से बनकर बिकी थी. बाद में शोले सहित कई दूसरी फिल्मों ने ये ट्रेंड फॉलो किया था.


Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel