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KBC 16:आदिवासी प्रतियोगी बंटी वडिवा ने कहा जीती राशि से परिवार के लिए पक्का मकान बनाऊंगा और ..

केबीसी 16 के पहले आदिवासी प्रतियोगी बंटी वाडिवा ने इस इंटरव्यू में बताया कि वह महानायक अमिताभ को देखकर नर्वस नहीं हुए क्योंकि केबीसी में आना उनका सात सालों का सपना और मेहनत थी.

kbc16:केबीसी 16 में प्रतियोगी बंटी वडिवा ने हॉट सीट पर बैठने के साथ ही इतिहास रच दिया  क्योंकि वह केबीसी 16 के हॉट सीट तक पहुँचने वाले पहले आदिवासी थे,सिर्फ यही नहीं शो में उनका सफर एक करोड़ के सवाल तक भी जा पहुंचा था.मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित असाड़ी गांव से आये बंटी वडिवा ने इस शो से जुड़ी अपनी जर्नी,संघर्ष और भविष्य की योजनाओं पर उर्मिला कोरी से बातचीत की.बातचीत के प्रमुख अंश 


केबीसी मैं एक करोड़ के सवाल को खेलते हुए आपने कहा था कि मैं अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा रिस्क लेने जा रहा हूं?
 मैं अच्छा खेल रहा था. बिना लाइफ लाइन के बड़े-बड़े सवालों के जवाब दे रहा था. 25 लाख के सवाल का जवाब मैं बिना किसी लाइफ लाइन के दिया था इससे एक हिम्मत आ जाती है. मैं बताना चाहूंगा कि मैंने रिस्क में वह सवाल का जवाब नहीं दिया था बल्कि मैं बिंदुसार के बारे में अच्छे से पढ़ा था और मुझे सब पता था, इसलिए मैंने एक करोड़ के सवाल को भी खेलने का भी फैसला किया.

एक करोड़ जीत नहीं पाने  का अफसोस है ?

 बिल्कुल भी अफसोस नहीं है, मैं जब भी कोई एग्जाम देता था जनरल नॉलेज का तो उसमें जो भी मार्क्स आते थे.वह नॉर्मल आते थे.इस वजह से  मुझे लगता था कि मैं केबीसी में 3 लाख 20 हजार  तक की पहुंच पाउंगा. 50 लाख तक  जीतने का मैंने कभी सोचा भी नहीं था और ना ही एक करोड़ के सवाल को खेलने का तो यह अमाउंट भी मेरे लिए बहुत बड़ा है.वैसे भी सभी को पता है कि उस वक़्त मेरे अकाउंट में 260 रुपये थे और मेरे पिता महीने का 11 हज़ार कमा पाते हैं , तो आप समझ सकती हैं कि यह राशि मेरे लिए कितनी बड़ी है.

जीती हुई धनराशि से क्या करने की प्लानिंग है? 

हम पांच लोग लोगों का परिवार है जिसमें मेरे मम्मी,पापा, मेरे से छोटा भाई और एक बहन आते हैं.मैं अपने परिवार के लिए पक्का मकान बनाना चाहता हूँ, क्योंकि हमारे घर की छत खपरैल की है.इसके अलावा इस धनराशि से मैं अपने कोचिंग के लिए लगाना चाहूंगा .इंदौर जाकर मैं मध्य  प्रदेश प्रशासनिक सेवा ग्रेड थ्री पोजीशन का एग्जाम देना चाहता हूं तो उस पर ही फोकस होगा. लोग सोचते हैं कि 50 लाख जीत लिया तो एप्पल मोबाइल ले लूंगा, लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता हूं. मेरा जो अभी का मोबाइल है. मैं उसी को चलाऊंगा जब तक वह चलेगा. कीमत ₹9000 करीब है और अगला मोबाइल मैं ज्यादा से ज्यादा 15000 तक का ही खरीदूंगा. उससे ज्यादा नहीं. मुझे लगता है कि 1 लाख के एप्पल मोबाइल में भी वही काम होता है,जो 15000 के एंड्राइड फ़ोन में होता है 


 कब तय किया कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुझे केबीसी जाना चाहिए? 

2017 में मैंने केबीसी में जाने  का फैसला किया क्योंकि उसी साल मेरा ग्रेजुएशन पूरा हो गया था और मैं कॉम्पिटेटिव एक्जाम देने लग गया था.मैंने केबीसी के बारे में बहुत सुना था और यूट्यूब पर उसे देखा भी था. उसमें पैसे जीतने के साथ-साथ  मैंने देखा कि वहां बहुत मान सम्मान भी मिलता है. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से भी मिलने का मौका मिलता है. मुझे पता था कि यहां पर लाखों में से कोई किसी एक को मौका मिलता है,लेकिन मैं किसी भी कीमत पर अपने सपने को पूरा करना चाहता था. जिस वजह से मैं पूरी तरह से इसमें जुट गया.


2017 से आप इस शो से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं, इससे पहले किस राउंड तक पहुंच पाए थे?

 2021,2022 और 2023 में मैं इंटरव्यू राउंड तक पहुंचा था, लेकिन उसमें मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया था. इस बार मैंने अपने आप को एक अलग ढंग से पेश करने का फैसला किया.मैंने उनका इंटरव्यू राउंड में कहा कि मैं आदिवासी समाज का पहला व्यक्ति बनना चाहता हूं, जो केबीसी में जाना चाहता हूं ताकि और दूसरे आदिवासियों को भी यह  प्रोत्साहित कर सके.इस बार सभी को मेरा इंटरव्यू पसंद आया और मुझे फास्टेस्ट सिंगर राउंड के लिए सिलेक्ट कर लिया गया.


अपने केबीसी में कहा कि आपके पिता अनपढ़ हैं लेकिन उन्होंने  कभी भी आपकी पढ़ाई के साथ समझौता नहीं किया पढ़ाई को इतना महत्व देने की उनकी सोच यह कहां से आती है?

 मेरे पिता की उम्र के कुछ गिने-चुने लोग पढ़ाई करके टीचर की नौकरी में लग चुके थे. उन्होंने देखा कि उनको मान सम्मान तो मिलता ही है. उनके पूरे परिवार की भी स्थिति काफी अच्छी हो जाती है,क्योंकि एक आदमी काम  पर लगता है तो अपने भाई बहनों की भी मदद कर देता है. जिससे पूरा परिवार एक अच्छी जिंदगी जीता है. यही वजह थी कि मेरे पेरेंट्स ने तय कर लिया था कि वह हम बच्चों की पढ़ाई से कभी भी कोई समझौता नहीं करेंगे.उन्होंने कर्ज भी लिया लेकिन हमारी पढाई रुकवाई नहीं 


आपकी पढ़ाई क्या रही है?

 मैंने बीसीए  किया है. उसके बाद में एमसीए करने वाला था.मुझे प्राइवेट कॉलेज मिला था. प्राइवेट कॉलेज की फीस बहुत ज्यादा थी. 60000 हजार  साल की फीस थी. इसके साथ ही वहां पर आपको अपना रूम लेकर रहना पड़ता फिर खाने-पीने का खर्चा अलग. एक दो महीने में ही पढ़ाई मुझे बीच में छोड़नी पड़ी क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं थे.


 केबीसी के लिए आपकी तैयारी क्या थी?

मैंने कुछ कुछ जनरल नॉलेज किताबें ली थी.जैसे मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान हुआ. उस वक्त ग्रेजुएशन हुआ था तो कुछ-कुछ कॉम्पिटिटिव एग्जाम दिमाग में थे. इसके वजह से तीन चार किताबें और खरीद ली थी. इसके अलावा यूट्यूब से भी काफी मदद मिली. मैं दिन में काम से कम 4 से 5 घंटे पढ़ता था और रात को भी 2 घंटे पढ़ लेता था.


 अमिताभ बच्चन से जब आप मिले थे तो क्या नर्वस थे? 

नहीं,दरअसल मिलने से पहले क्रू मेंबर्स ने बहुत ज्यादा समझाया था. आप पहले आदिवासी हो और अपने जिले से पहले इंसान हो, जो केबीसी में आए हो. अमिताभ सर के सामने बिल्कुल भी मत घबराना क्योंकि इससे आप आसान से आसान सवाल का भी जवाब गलत दे जाओगे. वैसे मैं घबराया नहीं था,क्योंकि मेरा पिछले 7 सालों से केबीसी में पहुंचने का  सपना था.वह पूरा होने वाला था.


केबीसी का कौन सा पल है जो आपको हमेशा याद रहेगा ?
 एक करोड़ का सवाल  मेरे लिए स्क्रीन पर आना ख़ास था,लेकिन हम जब 12 लाख के सवाल पर पहुंचे थे और दर्शक मेरे लिए खड़े होकर तालियां बजा रहे थे अमित सर ने कहा था कि दर्शक भी आपकी जीत में खुश है. वह पल मेरे लिए बहुत खास था.


ज़िन्दगी का सबसे मुश्किल पल कब था ? 

वैसे तो मेरी जिंदगी उतार – चढ़ाव से भरी रही है.जब मैंने  12वीं पास किया था,तो मुझे कोई गाइडेंस नहीं मिला था तो एक गलत खबर की वजह से एक गलत कंपनी से जुड़ गए थे.जो डाटा ट्रांसफर का जॉब दे रही थी. दिल्ली जाने के  प्रॉपर प्रोडक्ट मार्केटिंग का नेटवर्क था. वहां पर उन्होंने रोक लिया था. वहां पर उन्होंने  4 महीने मार्केटिंग करवाया  था. घर भी वापस जाने नहीं दे रहे थे.जो बहुत ही दुखद था.इस वजह से मुझे कॉलेज भी छोड़ना पड़ा था.2013 का साल पूरा बर्बाद गया था. मैंने 2014 में फिर से बीसीए में एडमिशन लिया था.मैं चाहता हूँ कि लोगों तक मेरी कहानी जाए ताकि अगर लाइफ में उन्हें भी रुकावट का सामना करना पड़े तो वह रुके नहीं बल्कि फिर से लड़े और आगे बढ़े. 

आपकी इस जीत से आपके गांव के लोगों का क्या कहना है ? 

सोशल मीडिया के जरिए खबर और ज्यादा वायरल हो गई है.मुझे हर दिन कई लोगों के फोन आते हैं. कुल मिलाकर जिंदगी में बहुत चहल पहल हो हो गई है.केबीसी के एपिसोड को अपने गांव के लोगों को दिखाने का इंतजाम मैंने खुद से किया. हमारे गांव में गिने चुने घर में टीवी है और टीवी है तो डीटीएच नहीं है. ऐसे में सरकारी चैनल जो मुफ्त में आते हैं. वही आते हैं. सोनी चैनल नहीं है लेकिन मैं अपने गांव के हर बच्चे को प्रोत्साहित करना चाहता था इसलिए मैंने दो प्रोजेक्टर लगवाकर लोगों को एपिसोड दिखाया। सभी बहुत खुश थे.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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