Anand Bakshi : आनंद बख्शी देश के ऐसे गीतकार रहे हैं जिन्होंने लगभग 650 फिल्मों में 4 हजार गीत लिखकर नया इतिहास रच दिया था. उनके सैकड़ों गीतों का जादू बरसों बाद आज भी कायम है. लेकिन दुख इस बात का है कि भारत सरकार की ओर से उन्हें कभी कोई सम्मान नहीं मिला. उन्हें न तो कभी पद्मश्री मिला, न ही कोई राष्ट्रीय पुरस्कार, यहां तक उन पर आज तक कोई डाक टिकट भी जारी नहीं किया गया.इसलिए मैं भारत सरकार से निवेदन करता हूं कि आनंद बख्शी पर डाक टिकट जारी करने के साथ उन्हें मरणोपरांत पद्म सम्मान से भी अलंकृत किया जाए.
उपरोक्त विचार वरिष्ठ पत्रकार, विख्यात फिल्म समीक्षक और लेखकों, पत्रकारों और कलाकारों की संस्था आधारशिला के अध्यक्ष प्रदीप सरदाना ने आनंद बख्शी की स्मृति में आयोजित समारोह में व्यक्त किए. महान गीतकार आनंद बख्शी की 95 जयंती पर अद्विक प्रकाशन और कियान फाउंडेशन ने कल दिल्ली में एक भव्य समारोह का आयोजन किया. जिसमें आनंद बख्शी के पुत्र राकेश बख्शी सहित कई गणमान्य व्यक्ति और उनके अनेक प्रशंसकों ने हिस्सा लिया. साथ ही आनंद बख्शी के गीतों पर लेखिका संगीता विजित की हिंदी और अंग्रेजी की अनुपम पुस्तक ‘जिंदगी के सफर में आनंद बख्शी के गीत’ का लोकार्पण किया गया.
आनंद बख्शी के गीतों में हजारों रंग
समारोह में आनंद बख्शी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रदीप सरदाना ने कहा, आनंद बख्शी के गीतों में हजारों रंग हैं. उन्हें 4 फिल्मफेयर सहित और भी कई सम्मान मिले.लेकिन उन्हें कभी कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला. जबकि सरकार हिंदी सिनेमा के 3 गीतकारों गुलज़ार, कवि प्रदीप और मजरूह सुल्तानपुरी को तो फाल्के सम्मान दे चुकी है.साथ ही कितने ही गीतकार पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे विशिष्ट सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं. कई फिल्म हस्तियों पर बरसों से डाक टिकट भी जारी होते रहे हैं. लेकिन आनंद बख्शी और उनके योगदान को भुला दिया गया.
समारोह में लक्ष्मीशंकर वाजपेयी प्रोफेसर रमा, सुभाष चंदर, राम अवतार बैरवा, ऋषि शर्मा, रवि यादव, वंदना यादव और प्रकाशक अशोक गुप्ता भी मंच पर मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन ममता किरण ने किया. समारोह में आनंद बख्शी के कुछ सदाबहार गीतों के गायन से वातावरण और भी आनंदमय हो गया.
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