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Panchayat 4:नीना गुप्ता ने बताया जब कॉलेज में चुनाव लड़ने पर मिली थी धमकी

अभिनेत्री नीना गुप्ता ने इस इंटरव्यू में पंचायत 4 पर बात करने के साथ -साथ निजी जिंदगी में चुनाव लड़ने और राजनीति पर भी बात की है.

panchayat 4 :पंचायत का नया सीजन ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर दस्तक दे चुका  है. इस बार की कहानी मंजू देवी और क्रांति देवी के बीच चुनावी मुकाबले पर आधारित है. मंजू देवी की भूमिका में नीना गुप्ता एक बार फिर अपने शानदार अभिनय से छाप छोड़ रही हैं.उन्होंने इस सीरीज व अपने करियर से जुड़े अनुभवों पर उर्मिला कोरी से खुलकर बातचीत की.बातचीत के प्रमुख अंश

पंचायत सीजन 4 तक पहुंच गया है अब तक की जर्नी को कैसे देखती हैं ?


सारा क्रेडिट लेखकों को जाता हैं.हर सीजन के साथ यह मजेदार होता गया है. दर्शकों का तो छोड़िये  कई बार निर्देशक को शूटिंग रोकनी पड़ जाती थी, क्योंकि हम हंसना बंद नहीं कर पाते थे. कमाल की स्क्रिप्ट इसकी है. हमें सीन करते हुए ही हंसी छूट जाती थी. जहां तक इस शो से जुड़ी मेरी जर्नी की बात है तो लेखकों ने इस सीरीज की कहानी को बहुत सोच-समझकर एक खास ढंग से प्लान किया है. सीजन 1 के दौरान मेरे पति और कई लोगों ने मुझसे कहा कि मेरा रोल अच्छा है, लेकिन मुझे स्क्रीन पर कम समय मिला. तब मैंने लेखक से पूछा, तो उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ेगी, मेरा किरदार सामने आयेगा. अब जिस तरह से यह चल रहा है. मैं उससे खुश हूं.

सीजन बदलते रहते हैं, पर एक ही किरदार को निभाना और उसमें कुछ नयापन लाना कितना आसान या कितना मुश्किल है?

हर सीजन में किरदार एक जैसा रहता है, कहानी बदलती है और परिस्थितियां बदलती हैं. चूंकि हम हर सीजन में डेढ़ या दो साल के अंतराल के बाद शूटिंग करते हैं, इसलिए मुझे किरदार की स्थानीय बोली दोबारा सीखने में थोड़ी परेशानी होती है. इसलिए सेट पर आने से पहले खुद को तैयार करती हूं, वरना कुछ नहीं बदलता.

सीजन की अब तक की जर्नी में क्या बदलाव देखा है?

बहुत बदलाव आया है. पूरा देश मुझे पंचायत की वजह से जानता है. चाहे मैं छोटे गांवों में जाऊं या बड़े शहरों में, यहां तक ​​कि छोटे शहरों से भी लोग मुझे पहचानते हैं. जो लोग अंग्रेजी बोलते हैं, वो भी पंचायत देखते हैं. मुझे लगता है कि यही अचीवमेंट है.

सीरीज में राजनेता होने का सबसे मजेदार हिस्सा क्या है. क्या आपने कॉलेज के दिनों में कभी चुनाव लड़ा?

मुझे बहुत मजा आया. मैंने बहुत-सी चालें चलीं, नारे लगाये और कुछ बेईमानी भी की हैं. जहां तक चुनाव लड़ने की बात है, हां, मैंने चुनाव लड़ा था और मुझे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मैं डीयू के जानकी देवी कॉलेज में थी, जिसे बहनजी कॉलेज कहा जाता था. मैं वाद-विवाद में अच्छी थी, इसलिए मेरे दोस्तों ने कहा कि चुनाव लड़ो, इसलिए मैंने चुनाव लड़ा, लेकिन जल्दी ही एहसास हुआ कि डीयू की राजनीति काफी गंभीर और दबावभरी है. कुछ लोगों ने पीछे हटने की धमकी भी दी. तब समझ में आया कि मामला मजाक नहीं है और आखिरकार मैंने चुनाव से नाम वापस ले लिया.

अपनी जिंदगी में आप किसके साथ पंचायत करती हैं और वह किस विषय पर होता है?


मैं हर बात पर सिर्फ मसाबा से ही पंचायत करती हूं. हम कभी-कभी झगड़ते हैं और एक-दो दिन तक एक-दूसरे से बात नहीं करते, लेकिन यह एक आम मां-बेटी का रिश्ता है. वो बोलती है कि अभी ये पोस्ट क्यों डाला.आपको समझ क्यों नहीं आता है.

आप मंजू देवी की भूमिका के विपरीत निजी जिंदगी में बहुत ज्यादा मॉडर्न हैं. इस तरह की चर्चाओं पर आपका क्या कहना है?

सभी को लगता है कि मैं बहुत मॉडर्न हूं. देशीपन मुझ में नहीं है. मैं बताना चाहूंगी कि करोलबाग के रेगरपुरा में पली-बढ़ी हूं और मैंने वहां अपने आस-पास ज्यादा आधुनिक लोगों को नहीं देखे हैं. मैं मॉडर्न कपड़े पहनती हूं, लेकिन मैं यह भी बता दूं कि मैं संस्कृत में एमफिल हूं. किसी को उसके कपड़े या उसके हेयरस्टाइल से मत आंकिए.

आप इस सीरीज में एक नेता की भूमिका में हैं. क्या आप कभी असल जिंदगी की राजनीति में उतरने की योजना है?

मुझे बहुत सारे ऑफर मिले. मैंने बस माफी मांग ली. मैं वही काम करूंगी, जिसके बारे में मुझे जानकारी है. मैं ऐसा कुछ करने के बारे में नहीं सोच सकती, जिसके बारे में मुझे कोई जानकारी न हो. यह एक गंदा खेल है, मुझे नहीं लगता कि मैं इसे संभाल सकती हूं.

आप सोशल मीडिया को कैसे देखती हैं और ट्रोल्स पर आपकी क्या राय है?

मुझे ज्यादा ट्रोल नहीं किया जाता. हां, मुझे मेरे कपड़ों के लिए ट्रोल किया जाता है,लेकिन मैं बताना चाहूंगी कि जब मैं सादी साड़ी पहनती हूं और खुद को ढक कर रखती हूं या कोई गंभीर बात कहती हूं, तो मुझे बहुत कम लाइक मिलते हैं. कोई भी मेरा पेज नहीं देखता, लेकिन जब मैं छोटे कपड़े पहनती हूं या खुले कपड़े पहनती हूं, तो मुझे लाखों लाइक मिलते हैं.

नानी बनकर कैसा लग रहा है?

मैं सबको कह रही हूं कि मुझे नानी नहीं, बल्कि नीना कहो. वैसे वह मुझे मेरी नातिन नहीं, बेटी जैसी ही लगती है.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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