Pan-India Remake Hits: साउथ से लेकर बॉलीवुड तक, कई बार ऐसा होता है जब एक ही कहानी पर अलग-अलग भाषाओं में फिल्में बनाई जाती हैं. कुछ ऑफिशियल रीमेक होती हैं, तो कुछ बस स्क्रिप्ट को अपना बना लेती हैं. इन फिल्मों में हर सीन लगभग वैसा ही होता है, जैसे पहले देखा जा चुका हो, फर्क सिर्फ इतना होता है कि चेहरे बदल जाते हैं, भाषा अलग हो जाती है और दर्शकों का रीएक्शन नया हो जाता है. चाहे वो ‘अर्जुन रेड्डी’ हो या ‘दृश्यम’, ‘पोकीरी’ हो या ‘मुन्ना भाई MBBS’, इन कहानियों ने एक से ज्यादा बार पर्दे पर अपनी छाप छोड़ी है. आज हम बात कर रहे हैं उन्हीं खास फिल्मों की, जिनकी कहानी तो एक जैसी है, लेकिन हर बार वो किसी नए चेहरे के साथ सामने आती है.
Arjun Reddy / Kabir Singh / Adithya Varma
- Telugu: Arjun Reddy (2017) – विजय देवरकोंडा
- Hindi: Kabir Singh (2019) – शाहिद कपूर
- Tamil: Adithya Varma (2019) – ध्रुव विक्रम
फिल्म की कहानी: एक होशियार लेकिन गुस्से वाला लड़का मेडिकल कॉलेज में एक शांत लड़की से प्यार करने लगता है. उनका रिश्ता गहरा होता है, लेकिन लड़के का पजेसिव स्वभाव और गुस्सा कई बार परेशानी लाता है. जब लड़की की शादी किसी और से तय हो जाती है, तो लड़का टूट जाता है और नशे में खुद को बर्बाद करने लगता है. उसका करियर, सेहत और रिश्ते सब बिगड़ जाते हैं. वक्त के साथ वो सुधरने की कोशिश करता है. आखिर में वही लड़की दोबारा उसकी जिंदगी में लौटती है, और दोनों साथ में एक नई शुरुआत करते हैं.
इन तीनों फिल्मों को डायरेक्शन संदीप रेड्डी वांगा के ही विजन पर बनाया गया है, जिसमें सीन-टू-सीन, डायलॉग और बैकग्राउंड म्यूजिक भी एक जैसे है.
Drishyam / Drushyam / Drishyam
- Malayalam: Drishyam (2013) – मोहनलाल
- Telugu: Drushyam (2014) – वेंकटेश
- Hindi: Drishyam (2015) – अजय देवगन
फिल्म की कहानी: एक आम आदमी अपनी बीवी और बेटियों के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहा होता है. अचानक एक दिन उसकी बड़ी बेटी से जुड़ा एक हादसा हो जाता है, जिसमें एक लड़के की मौत हो जाती है. ये लड़का एक बड़े अफसर का बेटा होता है. परिवार को बचाने के लिए वो आदमी बहुत चालाकी से सबूत मिटाता है और पुलिस को गुमराह करता है. वो किताबों, फिल्मों और अपने अनुभव से ऐसा प्लान बनाता है कि पुलिस भी उसे पकड़ नहीं पाती. आखिर में, वो अपने परिवार को कानून से नहीं, अपनी समझदारी से बचा लेता है. यही फिल्म की सबसे बड़ी जीत है.
इन तीनों फिल्मों में पिता एक मर्डर को छुपाने के लिए जासूसी प्लान करता है। फिल्म के डायलॉग्स, सीन, शॉट्स सब कुछ सेम है.
Bodyguard / Kaavalan / Bodyguard
- Malayalam: Bodyguard (2010) – दिलीप
- Tamil: Kaavalan (2011) – विजय
- Hindi: Bodyguard (2011) – सलमान खान
फिल्म की कहानी: एक सीधा-सादा लड़का एक अमीर आदमी की बेटी का बॉडीगार्ड बनकर आता है. लड़की को उसकी जरूरत से ज्यादा ईमानदारी और सीधेपन से चिढ़ होती है, इसलिए वह उसे छेड़ने के लिए किसी और नाम से उससे फोन पर बात करती है. धीरे-धीरे दोनों के बीच फोन पर प्यार हो जाता है, लेकिन लड़के को नहीं पता कि वो किससे बात कर रहा है. हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि दोनों बिछड़ जाते हैं. कई सालों बाद, जब सच सामने आता है कि वो फोन वाली लड़की वही थी, तो उनका अधूरा प्यार फिर से मिल जाता है और कहानी एक खूबसूरत मोड़ पर खत्म होती है.
इन तीनों फिल्मों की कहानी भी बिलकुल एक जैसी है, साथ ही सभी में मिस कॉल वाला लव ट्विस्ट भी सेम रखा गया है.
Munna Bhai MBBS / Vasool Raja MBBS / Shankar Dada MBBS
- Hindi: Munna Bhai MBBS (2003) – संजय दत्त
- Tamil: Vasool Raja MBBS (2004) – कमल हासन
- Telugu: Shankar Dada MBBS (2004) – चिरंजीवी
फिल्म की कहानी: एक गुंडा अपने माता-पिता को खुश करने के लिए उन्हें झूठ बोलता है कि वह डॉक्टर है. लेकिन जब उसका सच सामने आता है, तो वह खुद को साबित करने के लिए सच में मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेता है. वहां वह अपनी अलग सोच और अनोखे अंदाज से मरीजों का इलाज करता है दवाओं से नहीं, प्यार और हंसी से. उसकी इंसानियत और जज्बा धीरे-धीरे सभी का दिल जीत लेता है, चाहे वो मरीज हों या डॉक्टर्स. आखिर में, वह सबको यह सिखा देता है कि डॉक्टर बनने के लिए सिर्फ डिग्री नहीं, दिल का अच्छा होना जरूरी है.
इन फिल्मों की कहानी के लगभग हर सीन को री-क्रिएट किया गया है.
Pokkiri / Wanted / Pokkiri Raja
- Telugu: Pokiri (2006) – महेश बाबू
- Tamil: Pokkiri (2007) – विजय
- Hindi: Wanted (2009) – सलमान खान
फिल्म की कहानी: कहानी एक ऐसे लड़के की है जो खुद को पैसे के लिए काम करने वाला एक बेरहम गुंडा बताता है. वो बिना किसी से डरे, माफियाओं के लिए काम करता है और रास्ते में आने वाले को मार गिराता है. लेकिन धीरे-धीरे पता चलता है कि वह असल में एक अंडरकवर पुलिस अफसर है, जो एक खतरनाक गैंग का पर्दाफाश करने के मिशन पर है. इस दौरान उसे एक लड़की से प्यार भी हो जाता है, लेकिन वो अपनी असलियत छुपाए रहता है. आखिर में वह अपनी पहचान उजागर करता है और सारे अपराधियों का खात्मा कर देता है.
इन फिल्मों की कहानी और क्लाइमेक्स भी एक जैसे है, सभी में अंडरकवर पुलिस अफसर की वही कहानी दिखाई गई है.