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pashmina roshan ने कहा रोशन सरनेम आशीर्वाद है लेकिन मिला है रिजेक्शन भी

pashmina roshan की मानें तो उनके संगीतकार पिता राजेश रोशन उन्हें गायिका बनाना चाहते थे, लेकिन वह हमेशा से अभिनेत्री बनना चाहती थी.

pashmina roshan बीते शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म इश्क़ विश्क़ रिबाउंड से हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय की शुरुआत कर चुकी हैं. स्टार किड की फेहरिस्त में शुमार पश्मीना अपने सरनेम रोशन को अपने लिए एक आशीर्वाद जैसा करार देती हैं,लेकिन यह बताना भी नहीं भूलती हैं कि इस फ़िल्म के मेकर्स ने जब उनका चयन किया था,तो उन्हें पता भी नहीं था कि वह संगीतकार राजेश रोशन की बेटी हैं . इस फ़िल्म से उनके जुड़ने,उनके परिवार और तैयारियों पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत

आपकी पहली फिल्म और इस फ़िल्म में आपके सह-कलाकार पहले ही कैमरे का सामना कर चुके थे ऐसे में आपके लिए चुनौतियाँ कितनी ज़्यादा थी ?

बहुत ज्यादा थी . यही वजह है कि सभी के साथ मेरी वर्कशॉप शुरू होने से पहले ही मुझे एक वर्कशॉप करने के लिए कहा गया था .मैंने श्रुति के साथ वर्कशॉप किया.वह एक थिएटर डायरेक्टर और निपुण सर की दोस्त हैं. उन्होंने सबसे पहले मेरे डायलॉग डिलीवरी पर काम किया, क्योंकि मेरे संवाद अदाएगी थोड़ी स्लो थी और इसे ठीक करने की ज़रूरत थी.मैंने वॉयस मॉड्यूलेशन का अभ्यास किया. अपने को एक्टर्स के साथ केमिस्ट्री पर भी काम किया.कई बार सीन की रिहर्सल बार – बार की. जिब्रान खान और रोहित सराफ ने इसमें मेरी बहुत मदद की .इसी बीच मेरे परिवार में किसी बहुत करीबी की मृत्यु हो गई और यह एक बहुत बड़ा झटका मेरे लिए था .मैं देहरादून में शूटिंग कर रही थी और मेरा परिवार मुंबई में था.मैं फ्लाइट पकड़कर मुंबई वापस आ गयी. उस पल मुझे एहसास हुआ कि मैं वयस्क हूं और मुझे अपने काम की जिम्मेदारी लेनी होगी.मैं सेट पर एक अभिनेता हूं और मुझे इसे जिम्मेदारी से निभाना होगा.मैंने जल्द ही शूट जॉइन किया. वह एक कठिन दिन और लंबी शूटिंग थी.हालाँकि यह चुनौतीपूर्ण था,लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसी चुनौतियों का सामना कर सकती हूँ.

इस फ़िल्म के सारे कलाकार युवा हैं ,तो आपके बीच बॉन्डिंग आसानी से हो गयी या वक़्त लगा ?

हमने एक साथ शूटिंग शुरू करने से पहले वर्कशॉप कीं ताकि हम एक-दूसरे को अच्छी तरह से जान सकें. इन वर्कशॉप दौरान हमने एक-दूसरे को ऐसी बातें बताईं,जो हम अपने सबसे अच्छे दोस्तों को भी नहीं बताएंगे, तो हम अपने आप ही एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे. जब आपके पास एक-दूसरे के बारे में ऐसी जानकारी होती है,तो आप पहले से ही एक-दूसरे के प्रति सुरक्षात्मक होते हैं. मैं एक न्यूकमर हूं, लेकिन वे तीनों चाहे वह रोहित हों, जिब्रान हों या नैला पहले कैमरे का सामना कर चुके हैं,लेकिन वे सेट परवे नए दृष्टिकोण के साथ सेट पर आए. यह मज़ेदार था,लेकिन हमने एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखा भी.

यह फ़िल्म प्यार पर है और प्यार की आपकी क्या परिभाषा है?

प्यार सब कुछ था,है और रहेगा . पिछली पीढ़ी से अलग है, लेकिन प्यार का एहसास वही है . हम इंसानों ने इसे जटिल बनाया है .प्रेम हमेशा से से एक इंसान के प्यार में पड़ कर उसके साथ रहने के लिए एफर्ट लेने का नाम है . मौजूदा दौर में हमारे पास डेटिंग ऐप्स जैसी हर चीज़ आसानी से उपलब्ध है,लेकिन पिछली पीढ़ी की तरह यह पीढ़ी भी उस ख़ास इंसान को ही ढूंढ़ रही है ,जिसके साथ पूरी ज़िंदगी बिता सके.

आपका नाम काफी खास है, इसे किसने रखा है?

मेरी दादी ने मुझे यह नाम दिया. वे कहती थी कि आपका नाम ही आपका गुण है और मेरा मानना है कि चूंकि पश्मीना शॉल के लिए लोकप्रिय है. मैं हर जगह गर्मजोशी लाती हूं.हैरानी की बात है कि हम सभी भाई बहनों ऋतिक, सुनैना, ईशान और पश्मीना के अनोखे नाम उन्होंने रखें हैं (हँसते हुए ),लेकिन अपने बेटों के नाम राकेश और राजेश के नाम साधारण रखे. जिसके लिए पापा और अंकल कई बार मजाकिया लहजे में शिकायत भी करते थे.

आपके पिता और उनके भाई राकेश रोशन में बहुत खास बॉन्डिंग रही है , क्या आप बच्चों में भी वह बॉन्डिंग है ?
बहुत खास हमारी भी बॉन्डिंग है. इसके लिए मैं डुग्गु (ऋतिक) भैया को क्रेडिट देती हूं. वह पूरे परिवार को एक साथ रखने के लिए विशेष प्रयास करते हैं.वह खुद से हम सभी के लिए फैमिली हॉलीडेज की प्लानिंग करते हैं. यदि हम एक या दो सप्ताह तक नहीं मिल पाते हैं,तो वह हमें घर बुलाते हैं और हम साथ में मिलकर समय बिताते हैं. वह सुनिश्चित करते हैं कि हम समय बर्बाद न करें और हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहें. एक छुट्टियों में उन्होंने मुझसे गोल्फ सीखने के लिए कहा और मैंने ऐसा किया. मैं बताना चाहूंगी कि जब मैंने इश्क़ विश्क रिबाउंड के लिए ऑडिशन दिया,तो मुझे पता चला कि मेरा किरदार एक गोल्फ खिलाड़ी है, तो आप जो सीखते हैं. वह कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है.यह डुग्गु भैया भी बोलते हैं.

क्या रितिक बड़े भाई होने के नाते आपको टिप्स देते हैं?
हमेशा ही, जब भी मैं उन्हें अपनी एक्टिंग की क्लिपिंग दिखाती हूं,तो वह फीडबैक देते हैं, जिसे मैं सबसे अधिक महत्व देती हूं. मैं उनसे कहती हूं कि मेरी तारीफ न करें बल्कि मेरी कमियां बताएं. सौभाग्य से उन्होंने कमी देखी और मुझे अपनी प्रतिक्रिया दी।जिस पर मैंने बहुत काम भी किया.

रितिक के साथ क्या डांस भी करती हैं ?
चूंकि मैं हमेशा से अभिनेत्री बनना चाहती थी और डुग्गु भैया जैसा कमाल का डांसर आपके घर पर हो तो आपको डांसिंग से प्यार हो ही जाएगा. बचपन में भरतनाट्यम सीखा, फिर मैंने कथक भी सीखा, फिर हिप-हॉप, जैज़, बेली डांसिंग सीखी. घर में मनोरंजन के लिए मैं डुग्गु भैया के साथ डांस करती हूँ.

आपके परिवार का संगीत में भी ख़ास योगदान रहा है ,आप कितनी सुरीली हैं ?
मेरे पिता को लगता है कि मेरी आवाज अच्छी है,लेकिन मैं कभी ट्यून के साथ मैच नहीं कर पाती हूं. मैंने कई बार सीखने की कोशिश की ,लेकिन मैं कभी इसे मैच नहीं कर पायी .मैं कीबोर्ड और पियानो अच्छा बजा लेती हूं.मुझे वाद्ययंत्र बजाना पसंद है . मैंने स्कूल में शहनाई बजाना सीखा था .मुझे अपने दादाजी का संगीत बहुत पसंद है.जब मैंने कथक सीखना शुरू किया ,तो मैं लागा चुनरी में दाग को बहुत पसंद करती थी .ओहरे ताल मिले और जो वादा किया गीत मेरे पसंदीदा रहे हैं .जब मैं बड़ी होने लगी और उनके गाने स्पॉटिफ़ाई पर ढूँढने लगी तो मैंने पाया कि पश्मीना के लिए रोशन के बनाए गीत यह मेरे लिए बहुत इमोशनल पल था .इश्क़ विश्व रिबाउंड की शूटिंग के वक़्त देहरादून से मसूरी शेड्यूल के वक़्त रास्ते भर में ना तुम जानो ना हम प्ले करते हुए जाती थी.जो सभी की बहुत पसंद आता था .

क्या आप रोशन सरनेम होने का दबाव महसूस करती हैं, नेपोटिज्म जैसी चर्चाओं पर आपका क्या कहना हैं?
मैं दबाव नहीं लेती हूं . मैं कड़ी मेहनत करना चाहती हूं और जब तक संभव हो काम करना चाहती हूं. हां,मुझे रोशन होने का सौभाग्य मिला है. मुझे अपने परिवार से सलाह मिलती है और यह एक वरदान है,लेकिन मैं लंबे समय से ऑडिशन दे रही हूँ और मैंने रिजेक्शंस भी बहुत झेले हैं. सबक़ुछ थाली में परोस कर मुझे नहीं मिला है.

रिजेक्शंस का आपने किस तरह से सामना किया है ?
मुझे लगता है कि अब जब हम युद्ध के मैदान में हैं ,तो हमारे लिए करो या मरो की स्थिति है. हमें उठना होगा, लड़ना होगा और बेहतर बनना होगा. रिजेक्शन एक कारण से होता है और आपको इसका कारण पता लगाना होगा कि ऐसा क्यों हुआ, उदाहरण के लिए यदि मुझे कोई भूमिका नहीं मिलती है, तो मैं खुद से सवाल करती हूं कि मुझे भूमिका क्यों नहीं मिली, निर्देशक क्या चाहते थे कि मैं नहीं कर पायी. मैं इसका विश्लेषण करती हूं. आपको प्रयास करना होगा और बेहतर करना होगा. उतार-चढ़ाव इस जर्नी का अभिन्न अंग हैं.

आनेवाले प्रोजेक्ट्स
अभी कुछ भी बताना जल्दीबाजी होगी.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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