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vicky kaushal ने कहा एक बार लगा था कि इंजीनियरिंग छोड़ एक्टिंग को चुन कर गलती तो नहीं कर दी.. जानिए कब और क्यों 

vicky kaushal ने अपनी आनेवाली फिल्म बैड न्यूज़ के अलावा अपने अभिनय के उतार -चढ़ाव के फेज पर भी बात की है.

vicky kaushal हर किरदार में रच बस जाने में माहिर हैं. विक्की जल्द ही फिल्म बैड न्यूज़ में नजर आनेवाले हैं. विक्की बताते हैं कि वह ड्रामा और कॉमेडी में बैलेंस करने के बजाय सिर्फ अच्छी स्क्रिप्ट पर फोकस करते हैं.उनकी फिल्मों के चुनाव, सबसे इंटेंस किरदार सहित कई पहलुओं पर उर्मिला कोरी की बातचीत

बैड न्यूज़ में आपका किरदार आपसे कितना अलग और एक सा है ?

बैड न्यूज़ में मेरे किरदार का नाम अखिल चड्ढा है.वह बोलता भी है कि अखिल चड्ढा सबसे बड्डा.दिल्ली का लड़का है. बहुत ही हैप्पी और बिंदास लड़का है। उसकी  चड्ढा चाप की दुकान है.मेरे और उसके बीच कॉमन बात ये है कि हम दोनों को पंजाबी गाने पसंद है.केडी मारना बहुत पसंद है. मनमर्जियां  का जो विक्की संधू था. वो कमिटमेंट फोबिक था .ये  कमिटमेंट के लिए उतावला है. लड़की को पहली ही लुक में देख शादी मंडप में पहुँच जाता है,जो मैंने निजी जिंदगी में भी किया.प्यार और तुरंत शादी.अखिल से मैं थोड़ा मैच्योर भी  हूं.

असल जिंदगी में बैड न्यूज़ से कैसे डील करते हैं ?

असल जिंदजी में जब बैड न्यूज़ होता है , तो उसमें कॉमेडी नहीं होती है। फॅमिली साथ होती है. आपको अपने परिवार और दोस्तों से ही सुकून मिलता है.फैमिली हमेशा रही है और कभी ऐसा भी नहीं था कि फॅमिली से कुछ छिपाना है. हर चीज फैमिली को बताना है.फिर चाहे वह फॅमिली का संघर्ष ही क्यों ना हो. हमने हमेशा वो बांटकर ही किया है.

फिल्म की शूटिंग का अनुभव कैसा था ?


निर्देशक आनंद की पहली फिल्म लव पर स्क्वायर भी हमने साथ में की थी. आनंद के साथ एक फैमिली टाइप की बॉन्डिंग है.दोस्त भी हम बहुत मजबूत हैं. वो मेरे घर पर रात के तीन बजे आ सकते हैं.  वैसा रिश्ता हमारा है. सेट पर बहुत ही हंसी मजाक वाला माहौल था.वह फिल्म को भी मदद करता था कि सेट पर माहौल लाइट रहे.कॉमिक रहे.एमी पाजी का ह्यूमर बहुत अच्छा है.उन्होंने सेट पर हमें बहुत हंसाया है.  मैंने उनके जैसा रियल बंदा आज तक नहीं देखा है. तृप्ति भी बहुत सिंपल बैकग्राउंड से है,उत्तराखंड से है.बहुत ही चिल लड़की है. सेट पर वैसा माहौल बिलकुल भी नहीं था कि किसी को हैंडल करना होगा या एक खास तरीके से डील करना होगा.फॅमिली की तरह  ही  रहते थे.मसूरी में जब हम शूट कर रहे थे तो होटल में ही रहते थे और वहां पर शूटिंग भी होती थी.मन आया कभी क्रिकेट खेल लिया तो कभी कुछ.इस फिल्म का अनुभव पिकनिक जैसा था.

आप एक्शन ,कॉमेडी ,ड्रामा सब कुछ कर रहे हैं क्या यशराज की वो टिपिकल रोमांटिक फिल्म भी आपकी बकेट लिस्ट में है ?

मेरी बकेट लिस्ट में सब है. जो फिल्में देखकर मैं बड़ा हुआ हूं और मैंने सपना देखा है कि मुझे भी ये करना है.वो सब मुझे करना है.अभी तौबा -तौबा गाना आया तो मेरा डांस देखकर सबकोई सरप्राईज हो रहे हैं ,तो जो मुझे १० से १५ साल से जान रहे हैं. वो मुझे कह रहे हैं कि चलो तेरा डांस का कीड़ा आखिरकार निकल ही गया. मेरे अंदर ऐसे बहुत से कीड़े हैं ,जब फिल्म की जरुरत होगी तो ही वह निकलेगा.

इंडस्ट्री में आपको 9 साल पूरे हो चुके हैं हम सभी जानते हैं कि आपने अपना इंजीनियरिंग का कैरियर छोड़कर फिल्मों में आए हैं क्या कभी एक ऐसा पल भी आया जब आपको लगा हो कि काश में इंजीनियर होता था ?

मेरे जेहन में ये बात सिर्फ एक ही बार आयी थी .वह  भी तब आया था ,जब मैंने जिंदगी में अपना पहला ऑडिशन दिया था.वो मैं इतना खराब दिया था कि मुझे उसे रात नींद नहीं आई  तब सोचा कि यार मैंने इंजीनियरिंग छोड़कर सही किया ना. इंजीनियरिंग की जॉब छोड़कर बैठा हूं और आज मुझे एहसास हो रहा है कि मुझे यह काम तो आता ही नहीं है. वैसे वह दिन मेरे लिए जरूरी था .उसके बाद ही मैंने तय किया कि मैं इसे सीखूंगा.मैं जल्दी बाजी नहीं करूंगा कि मुझे पिक्चरों में आना है. उसके बाद ही मैंने थिएटर करना शुरू कर दिया. वह मेरे लिए बहुत ही अच्छा रियलिटी चेक था. बस वह ख्याल एक ही बार आया था. उसकी वजह यह भी थी कि मेरे आधे दोस्त न्यूयॉर्क में जाकर काम कर रहे थे. 24 साल की उम्र में सभी ने गाड़ी भी ले ली है. उनकी बहुत ही सेट लाइफ चल रही थी.वह ग्रुप में शेयर भी करते थे. मैं सोचता था कि यह मेरे साथ भी हो सकता था. यहां तो एक काम नहीं मिल रहा है. लेकिन फिर जब अगले दिन में शोक उठा तो मुझे समझ में आया कि मुझे एक्टिंग ही करनी है क्योंकि मुझे खुशी इसी में मिलती है.

आपने कई इंटेंस किरदार किये हैं सबसे ज्यादा किस फिल्म का असर रहा है ?

कई किरदार रहे हैं ,लेकिन मेरी पहली फिल्म मसान का नाम लेना चाहूंगा . मैंने यह  पहली बार यह जाना था कि किसी की सक्सेस देखनी हो तो  हम देखते हैं कि वह इंसान कहां पहुंचा है. हम यह नहीं देखते हैं कि वह किस हालात से निकलकर वहां तक पहुंचा है,तो जब मैं एक ऐसा किरदार निभाया जो बनारस के डोम कम्युनिटी से  है. मुझे उन लोगों से रियल लाइफ में भी बहुत जानने को मिला। जब वहां से कोई लड़का निकलकर 100 किलोमीटर दूर इलाहाबाद जाकर भी रेलवे में नौकरी पा लेता है,तो मेरे लिए वह बहुत बड़ी सक्सेस स्टोरी है. मसान करने के बाद मेरा पूरा नजरिया बदल गया था. अगर मैं कॉफी शॉप में जाकर कॉफी भी मांगता था,तो जो काउंटर पर जो लड़का होता था. उसको लेकर मेरी सोच पूरी तरह से बदल गई थी.मैं सोचने लगता था कि क्या लड़का किन हालातों से यहां तक पहुंचा होगा. उसके लिए यहां जॉब करना भी बहुत बड़ी बात होगी. जो एक आम सोसाइटी में बड़ा  जॉब नहीं माना जाता है,लेकिन उसके लिए बड़ी बात होगी. मसान की शूटिंग के बाद जब मैं घर लौटा था.मेरे घर पर रिनोवेशन का काम चल रहा था. हमारा जो कारपेंटर था वह चंदौली से था.जो बनारस से थोड़ा ही दूर है. मैं उसके साथ बहुत बैठकर चाय पीता था क्योंकि मुंबई आने के बाद मैं बनारस को बहुत मिस करता था. मैं बताना चाहूंगा कि फिल्म शूटिंग खत्म करके जब मैं मुंबई आया था,तो मेरा भाई सनी मुझे लेने आया था. हम लिफ्ट से जा रहे थे मुझसे पूछ रहा था और तू कैसा है. तेरा सब कुछ सही रहा है. मैंने बोला कि तू कितनी बदतमीजी से बात कर रहा है.वह तू तड़ाक  से बात कर रहा है, पूरी जिंदगी हमने दूसरा तू तड़ाक से ही बात की है लेकिन 2 महीने बनारस में रहा तो आप बोलने की आदत लग गई थी. बहुत ज्यादा उसका प्रभाव हो गया था एक महीना लगा था मुझे वापस से तू तड़ाक में आने में. एक महीने में मैं भी फिर वैसे ही हो गया था.

फ़िल्मों की असफ़लता परेशान नहीं करती है ?

मेरा स्टूडेंट लाइफ से ऐसा रहा है कि अगर मैंने पढ़ाई की है,तो उसमें मुझे फेल होने में भी गम नहीं होता था. क्योंकि मुझे पता होता था कि यार मैं इससे ज्यादा कर ही नहीं सकता था. फेल होना था तो हो गया. ऐसा नहीं था कि मैं और पढ़ सकता था. जितनी पढ़ाई मैंने करनी थी. मैंने कर ली. अब फेल हो गया.पेपर नहीं अच्छा गया तो मैं क्या कर सकता हूं. फिल्मों की रिलीज के वक्त एक थोड़ी नर्वस एनर्जी होती है. एक आशा होती है कि लोगों को पसंद आ जाए.वो तो होती ही है क्योंकि मेहनत की गयी होती है, लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि फ्राइडे के बाद पिक्चर ऑडियंस की है और वह राजा है. उनको अच्छी लगेगी तो अच्छी लगे नहीं लगेगी तो नहीं लगेगी.

इसके बाद कौन सी फ़िल्म रिलीज़ होगी ?

इसके बाद इस साल छावा रिलीज़ होगी .वह बहुत सीरियस फ़िल्म है.


Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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