Bible Quotes: हर पवित्र ग्रंथ में अच्छे और बुरे कर्मों के फर्क को स्पष्ट रूप से बताया गया है और उसे अनिवार्य रूप से फॉलो करने को बोला गया है. बाइबल भी एक ऐसा पवित्र ग्रंथ है जो बेहतर जिंदगी के लिए इंसान को कुछ गलत आदत और व्यवहार से तौबा करने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर वह सीधा नर्क के रास्ते पर चला जाता है और जीवन में उसका विनाश तय है.
अहंकार और घमंड से मनुष्य का विनाश तय है
बाइबल के नीतिवचन 16:18 में कहा गया है: “अहंकार विनाश से पहले और घमंड पतन से पहले आता है.” अहंकार वह पहला पाप था जिसके कारण शैतान स्वर्ग से गिरा. यह आत्मा की विनाशकारी बीमारी है जो इंसान को ईश्वर से दूर करती है.
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झूठ बोलना भी इंसान को नर्क के द्वार पर पहुंचा देता है
बाइबल के प्रकाशित वाक्य 21:8 में लिखा गया है कि “सब झूठे लोग आग और गंधक की झील में डाल दिए जाएंगे.” झूठ केवल नैतिक दोष नहीं, बल्कि आत्मा की सच्चाई से दूर करने वाला गंभीर पाप है.
चुगली करने को भी पाप दर्जा दिया गया है
बाइबल के भजन संहिता 101:5 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिनकी जुबान दूसरों की बदनामी करती है, वे परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
व्यभिचार और अनैतिक यौन आचरण करने वाले लोग
कुरिन्थियों 6:9-10 में लिखा गया है कि “व्यभिचारी, समलैंगिक आचरण करने वाले, चोर, लालची, शराबी और गालियां देने वाले ये सब परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे.”
मूर्तिपूजा और झूठे देवताओं की पूजा करना भी पाप है
बाइबल की दस आज्ञाओं में पहली आज्ञा है – “तू किसी और ईश्वर को मेरे सिवा न माने.” इसका मतलब है झूठी उपासना आत्मा को पतन की ओर ले जाती है.
धन का अधिक मोह भी नर्क का कारण
बाइबल के मत्ती 6:24 में लिखा गया है कि “कोई दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता. तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते.” धन के प्रति अत्यधिक मोह भी नर्क का मार्ग बन सकता है.
क्षमा न करने वाले लोग भी परमेश्वर की कृपा से रह जाते हैं वंचित
बाइबल के मत्ती 6:15 में हर किसी के अपराध को माफ करने के लिए बोला गया है. यीशु ने स्पष्ट रूप से कहा “यदि तुम दूसरों के अपराध को क्षमा नहीं करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा नहीं करेगा.” बिना क्षमा किए, आत्मा परमेश्वर की कृपा से वंचित रह जाती है.
बगैर विश्वास के परमेश्वर को खुश करना मुश्किल
बाइबल के इब्रानियों 11:6 में लिखा गया है “बिना विश्वास के परमेश्वर को प्रसन्न करना असंभव है.” जो लोग जीवन में परमेश्वर को स्वीकार नहीं करते, उनके लिए मुक्ति का रास्ता कठिन हो जाता है.
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