27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Birsa Munda Punyatithi 2023: धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि आज, जानिए उनकी शहादत के बारे में

Birsa Munda Punyatithi 2023: आज 9 जून के दिन धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि है. कम उम्र में ही बिरसा मुंडा की अंग्रेजों के खिलाफ जंग छिड़ गई थी, जिसे उन्होंने मरते दम तक कायम रखा था.

Birsa Munda Punyatithi 2023:  : बिरसा मुंडा एक युवा स्वतंत्रता सेनानी और एक आदिवासी नेता थे. उन्‍हें 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सशक्‍त विद्रोह के लिए याद किया जाता है. 15 नवंबर, 1875 को जन्मे बिरसा ने अपना अधिकांश बचपन अपने माता-पिता के साथ एक गांव से दूसरे गांव में घूमने में बिताया. वह छोटानागपुर पठार क्षेत्र में मुंडा जनजाति के थे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सलगा में अपने शिक्षक जयपाल नाग के मार्गदर्शन में प्राप्त की. जयपाल नाग की सिफारिश पर, बिरसा ने जर्मन मिशन स्कूल में शामिल होने के लिए ईसाई धर्म अपना लिया. हालांकि, उन्होंने कुछ वर्षों के बाद स्कूल छोड़ दिया.

बिरसा मुंडा का अन्याय के विरूद्ध संघर्ष

भारतीय जमींदारों और जागीरदारों तथा ब्रिटिश शासकों के शोषण की भट्टी में आदिवासी समाज झुलस रहा था. मुंडा लोगों के गिरे हुए जीवन स्तर से खिन्न बिरसा सदैव ही उनके उत्थान और गरिमापूर्ण जीवन के लिए चिन्तित रहा करते थे. 1895 में बिरसा मुंडा ने घोषित कर दिया कि उन्हें भगवान ने धरती पर नेक कार्य करने के लिए भेजा है, ताकि वह अत्याचारियों के विरुद्ध संघर्ष कर मुंडाओं को उनके जंगल-जमीन वापस कराए तथा एक बार छोटा नागपुर के सभी परगनों पर मुंडा राज कायम करे. बिरसा मुंडा के इस आह्वान पर समूचे इलाके के आदिवासी उन्हे भगवान मानकर देखने के लिए आने लगे. बिरसा आदिवासी गांवों में घुम-घूम कर धार्मिक-राजनैतिक प्रवचन देते हुए मुण्डाओं का राजनैतिक सैनिक संगठन खड़ा करने में सफल हुए. बिरसा मुण्डा ने ब्रिटिश नौकरशाही की प्रवृत्ति और औचक्क आक्रमण का करारा जवाब देने के लिए एक आन्दोलन की नींव डाली.

ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ बिरसा का आंदोलन

1895 में बिरसा ने अंग्रेजों की लागू की गई जमींदार प्रथा और राजस्व व्यवस्था के साथ जंगल जमीन की लड़ाई छेड़ दी. उन्होंने सूदखोर महाजनों के खिलाफ़ भी जंग का ऐलान किया. यह एक विद्रोह ही नही था बल्कि अस्मिता और संस्कृति को बचाने की लड़ाई भी थी. बिरसा ने अंग्रेजों के खिलाफ़ हथियार इसलिए उठाया क्योंकि आदिवासी दोनों तरफ से पीस गए थे. एक तरफ़ अभाव व गरीबी थी तो दूसरी तरफ इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1882 जिसके कारण जंगल के दावेदार ही जंगल से बेदखल किए जा रहे थे. बिरसा ने इसके लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक तौर पर विरोध शुरु किया और छापेमार लड़ाई की.

1 अक्टूबर 1894 को बिरसा ने अंग्रेजों के खिलाफ़ आंदोलन किया. बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य थे. ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके 1895 में हजारीबाग केंद्रीय कारागार में दो साल के लिए डाल दिया.

बिरसा ने अंग्रेजों के खिलाफ डोंबारी में लड़ी अंतिम लड़ाई

कम उम्र में ही बिरसा मुंडा की अंग्रेजों के खिलाफ जंग छिड़ गई थी. लेकिन एक लंबी लड़ाई 1897 से 1900 के बीच लड़ी गई. जनवरी 1900 में डोंबारी पहाड़ पर अंग्रेजों के जुल्म की याद दिलाता डोंबारी बुरू में जब बिरसा मुंडा अपने अनुयायियों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की रणनीति बना रहे थे, तभी अंग्रेजों ने वहां मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इसमें सैकड़ों आदिवासी महिला, पुरुष और बच्चों ने अपनी जान गंवा दी थी.

बिरसा मुंडा की मृत्यु

अन्त में स्वयं बिरसा भी 3 फरवरी 1900 को चक्रधरपुर के जमकोपाई जंगल से अंग्रेजों द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया. 9 जून 1900 को 25 वर्ष की आयु में रांची जेल में उनकी मृत्यु हो गई, जहां उन्हें कैद किया गया था. ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की कि वह हैजा से मर गए, हालांकि उन्होंने बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखाए,

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel