Buttermilk Benefits, buttermilk vs curd: गर्मी के सीजन में छाछ, दही और ठंडी लस्सी पीने वालों की डिमांड बढ़ जाती है. ये तीनों ही चीजें स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहतर माना जाता है. ये लोगों की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह क्या पीना पसंद करते हैं. लेकिन आयुर्वेद की मानें तो छाछ दही की तुलना में हेल्थ के लिहाज से ज्यादा अधिक फायदेमंद होता है. आइए जानते हैं कि छाछ को दही से बेहतर क्यों माना जाता है.
पाचन में सहायक
छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स और लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है. जिससे यह पाचन क्रिया को दुरुस्त कर अपच, गैस, और एसिडिटी से राहत दिलाने में मदद करती है. जबकि दही छाछ के मकाबले भारी होता है. इस वजह से कुछ लोगों के लिए पचाना कठिन हो जाता है.
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शरीर को रखे हाइड्रेटेड और ठंडा
छाछ का सेवन शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है. इसके अलावा यह गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन से शरीर को बचाता है. अगर इसमें हम नमक, मसाले और कढ़ी पत्ता को मिलाकर पी लें तो यह न सिर्फ गर्मी से बचाव करेगा बल्कि इससे इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बना रहता है.
कैलोरी में कम, फायदों में ज्यादा
दही की तुलना में छाछ में फैट और कैलोरी की मात्रा कम होती है. इस वजह से यह वजन कम करने वालों के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है. यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जो हमें अनावश्यक खाने से रोकता है.
लैक्टोज असहिष्णु लोगों के लिए बेहतर
छाछ में लैक्टोज की मात्रा दही की तुलना में बहुत कम होती है क्योंकि यह छानकर बनाई जाती है. इसलिए लैक्टोज इंटोलरेंस से पीड़ित लोग भी इसे आसानी से पचा सकते हैं.
त्वचा और बालों के लिए लाभकारी
छाछ में मौजूद जिंक, कैल्शियम और प्रोटीन त्वचा की चमक बढ़ाते हैं और बालों की गुणवत्ता में सुधार करते हैं. इसके नियमित सेवन से शरीर के अंदरूनी विषैले तत्व बाहर निकलते हैं, जिससे त्वचा साफ और मुलायम बनी रहती है.
विशेषज्ञों की क्या है राय
आयुर्वेदाचार्य और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि छाछ को भोजन के बाद पीना सबसे लाभदायक होता है. क्योंकि यह न केवल खाना पचाने में मदद करती है, बल्कि शरीर की ऊर्जा को संतुलित भी रखती है.
कैसे करें सेवन
छाछ को दिन में एक या दो बार भोजन के साथ या बाद में लिया जा सकता है. इसमें पुदीना, हींग, भुना जीरा और थोड़ा सा नमक मिलाकर स्वाद और लाभ दोनों को बढ़ाया जा सकता है.