Chanakya Niti: हर व्यक्ति की चाहत रहती है जीवन में धन और वैभव से सदा संपन्न रहने की और इस चीज को पाने के लिए व्यक्ति मेहनत भी करता है. सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए इंसान प्रयास भी कई करता है पर कुछ गलतियों के कारण मन मुताबिक फल नहीं मिल पाता है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में ऐसी ही कुछ गलतियों के ऊपर प्रकाश डाला है. चाणक्य नीति के अनुसार कुछ ऐसे कारण हैं जिसके वजह से लक्ष्मी आपके घर से दूर हो जाती है और आपको कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप इन पर समय रहते काम कर लेते हैं तो आपको सुखी- सम्पन्न होने से कोई नहीं रोक सकता. चाणक्य नीति के तीसरे अध्याय के श्लोक में कहा गया है,
मूर्खा: यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसंचितम्।
दाम्पत्यो: कलहो नास्ति तत्र श्री स्वयमागता॥
- इस श्लोक के अनुसार, जहां पर मूर्ख लोगों को नहीं पूजा जाता और अन्न भी भरा रहता है. पति पत्नी का रिश्ता अच्छा रहता है और आपस में लड़ाई नहीं होती है. ऐसे ही जगह पर लक्ष्मी का वास होता है.
- चाणक्य नीति के अनुसार, ज्ञान का आदर करने से ही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है. अगर ज्ञानी लोगों के बजाय लोग मूर्ख लोगों को अधिक महत्व दिया जाए तो ऐसी जगह पर धन का नाश होता है और इस वजह से जीवन में दुख सहना पड़ता है.
- आचार्य चाणक्य अन्न के भंडार के महत्व को बताते हैं और कहते हैं कि घर में सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए अन्न को संग्रह कर के रखना चाहिए. ये बात मुश्किल समय के तरफ भी इशारा करती है. अगर किसी कारण स्थिति खराब होने के वजह से ये चीजें नहीं मिल पाती है तो आप भंडार में रखे हुए अन्न का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- चाणक्य नीति के अनुसार, जिस घर में शांति का माहौल रहता है ऐसा परिवार तरक्की जरूर करता है. चाणक्य नीति के मुताबिक जिस घर में पति पत्नी में लड़ाई झगड़े नहीं होते हैं ऐसे घर में धन बढ़ता है और जीवन में सुख बना रहता है.
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