Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है. भारत के प्राचीनतम और सबसे प्रभावशाली विद्वानों में से एक थे. वे न केवल एक महान अर्थशास्त्री, शिक्षक और कूटनीतिज्ञ थे, बल्कि उन्होंने ‘चाणक्य नीति’ नामक ग्रंथ के माध्यम से जीवन के हर पहलू को सरल, सटीक और प्रभावशाली तरीके से समझाया है. अपनी इसी चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने मूर्खों की पहचान करने के भी कुछ तरीके बताए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर किसी भी इंसान में ये गुण हों तो संसार में सभी उसे नापसंद करते हैं और उसे एक मूर्ख व्यक्ति के रूप में भी देखते हैं. चलिए मूर्ख लोगों की इन लक्षणों या फिर गुणों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
खुद को समझते हैं होशियार
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो मूर्ख व्यक्ति होते हैं उनमें एक खास बात होती है कि वे खुद को होशियार या फिर बुद्धिमान समझते हैं. इस तरह के जो लोग होते हैं उन्हें दूसरों का ज्ञान खुद के सामने कुछ भी नहीं लगता है.
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खुद की करते हैं तारीफ
चाणक्य नीति के अनुसार जो मूर्ख व्यक्ति होते हैं वे खुद की ही तारीफ करने में व्यस्त रहते हैं. आप इनसे बात करना शुरू कीजिए और ये कोई न कोई बहाना निकाल ही लेंगे खुद की तारीफ करने का.
दूसरों के साथ गलत व्यवहार
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो मूर्ख लोग होते हैं वे अक्सर दूसरों के साथ गलत व्यवहार करते हैं. इन्हें दूसरों के साथ अपमानजनक और रूखा व्यवहार करने में अच्छा लगता है. इन लोगों को लगता है कि ये ऐसा करके सही कर रहे हैं.
अपनी सोच को दूसरों पर थोपना
मूर्ख लोगों में यह भी एक बुरी आदत होती है कि वे अपनी सोच या फिर राय को दूसरों के ऊपर भी थोपने लग जाते हैं. इन्हें लगता है कि पूरी दुनिया को इनके हिसाब से चलना चाहिए क्योंकि इनकी सोच सही है.
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