Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने समाज और व्यक्ति के आचरण को लेकर कई नीतियां बताई हैं. उनके द्वारा बतायी गयी नीतियां आज भी आम जिंदगी में बहुत जरूरी है. उन्होंने आज के समय में होने वाली घटनाओं को लेकर सचेत कर दिया था. चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) में यह भी बताया गया है किन लोगों पर जरूरत से अधिक विश्वास आपको नुकसान पहुंचा सकता है. आज हम इस लेख में उन्हीं लोगों के बारे में बताएंगे.
अपरिचित या नये व्यक्ति पर न करें अधिक भरोसा
चाणक्य के अनुसार आपके जिंदगी में जो भी व्यक्ति नया नया आया हो उन पर उनके चरित्र को जानें बिना विश्वास नहीं करना चाहिए.” इसके अलावा किसी भी अनजान या हाल ही में मिले व्यक्ति पर तत्काल विश्वास करना मूर्खता हो सकती है, क्योंकि आप उसके स्वभाव, मंशा और सोच से पूरी तरह परिचित नहीं होते.
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द्वेष रखने वाले व्यक्ति पर न करें भरोसा
चाणक्य का स्पष्ट मत है कि “ईर्ष्यालु व्यक्ति कभी आपका भला नहीं सोच सकता, चाहे उसकी बोली कितनी मधुर क्यों न हो. ऐसे व्यक्ति आपके खिलाफ पीठ पीछे षड्यंत्र कर सकते हैं, इसलिए इनसे सतर्क रहना चाहिए.
अधिक बातूनी व्यक्ति पर भी नहीं करना चाहिए भरोसा
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग अत्यधिक बोलते हैं, वे अक्सर रहस्य नहीं रख पाते. इसलिए जो व्यक्ति दूसरों की बातें इधर-उधर करता है, वह कभी भी आपके राज खोल सकता है.” ऐसे लोगों से अपनी निजी बातें साझा करने से बचना चाहिए.
अवसरवादी मित्र पर नहीं करना चाहिए विश्वास
चाणक्य ने कहा है कि “जो मित्र सिर्फ अपने लाभ के समय आपके पास आता है, वह संकट में आपका साथ नहीं देगा.” ऐसे स्वार्थी मित्रों से दूरी बनाकर चलना ही बुद्धिमानी है.
गुप्त बात जानने की कोशिश करने वाला व्यक्ति भरोसे के काबिल नहीं
चाणक्य ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “जो व्यक्ति बार-बार आपके निजी जीवन या योजनाओं के बारे में जानने की कोशिश करता है, वह भरोसे के योग्य नहीं होता है.”
सेवक या नौकर पर भी संपूर्ण विश्वास नहीं करना चाहिए
चाणक्य नीति के अनुसार, “सेवक, स्त्री और पुत्र पर आवश्यकता से अधिक विश्वास करना चाहिए. क्योंकि यह कभी-कभी अपके विनाश की वजह बन जाता है.”
नुकसान क्या हो सकते हैं जरूरत से अधिक विश्वास के?
- व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग
- धोखा या विश्वासघात
- सामाजिक अपमान या मानसिक तनाव
- आर्थिक नुकसान
- रिश्तों में दरार
क्या करें?
- चाणक्य की मानें तो पहले इन लोगों की परीक्षा लेना चाहिए, उसके बाद ही उन पर भरोसा करना चाहिए.
- रहस्य और निजी बातें केवल सीमित लोगों से ही साझा करना चाहिए
- भावनाओं में बहकर कोई भी फैसला लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे कई बार नुकसान होने की संभावना रहती है.
- हमेशा सतर्क रहना चाहिए और कोई भी निर्णय अपने विवेक से लेना चाहिए
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