Chanakya Niti: जीवन को सुख से जीने के लिए कुछ चीजें आवश्यक होती हैं. इनमें से एक है परिवार का साथ. अगर आपका परिवार अच्छा है तो आप हर परेशानी से बाहर आ सकते हैं. आचार्य चाणक्य जब सुख की बात करते हैं तो जोर परिवार के ऊपर देते हैं. चाणक्य नीति में भी इस बात को समझाया गया है. चाणक्य नीति के चौथे अध्याय में कहा गया है.
संसारातपदग्धानां त्रयो विश्रान्तिहेतवः।
अपत्यं च कलत्रं च सतां संगतिरेव च। ।
- इस श्लोक के अनुसार, व्यक्ति के दुख में कोई चीज अगर आराम देती है तो वह है परिवार का साथ. इस श्लोक में कहा गया है कि व्यक्ति को दुख से राहत दिलाने के लिए बच्चे, पत्नी और सज्जन लोगों की संगति दुख से बाहर निकालने में मदद करती है.
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- चाणक्य नीति के अनुसार परिवार जनों का साथ किसी भी इंसान की सबसे बड़ी पूंजी है. जिस तरह से डूबते हुए व्यक्ति को तिनके का सहारा होता है उसी तरह से संसार के दुखों से परेशान व्यक्ति को संतान, पत्नी और अच्छे लोगों का साथ शांति देता है. हर व्यक्ति को अपने बच्चे से गहरा लगाव होता है और जब घर पर दिन भर थक कर व्यक्ति वापस आता है तो बच्चे को देखकर सारे दुख भूल जाता है.
- अगर किसी व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखी है तो उसकी आधी परेशानी तो ऐसे ही दूर हो जाती है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, पत्नी का अच्छा आचरण सारे दुखों को भुलाने में सक्षम है. अगर वक्त बाहर की चीजों को लेकर परेशान है और पत्नी का व्यवहार भी सही नहीं है तो ऐसी स्थिति व्यक्ति के लिए तनावपूर्ण बन जाती है.
- जब आपको दुख हो तो सही लोगों का साथ इस दुख से उबरने में मदद करता है. सज्जन लोगों के द्वारा दिया गया उपदेश व्यक्ति सांसारिक ताप और दुख से शांति देता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, ये तीन चीजें किसी भी वेकती के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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