Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने कई विषयों के ऊपर अपने विचार दिए हैं. आचार्य चाणक्य की बुद्धिमानी और ज्ञान की चर्चा आज भी लोग करते हैं. उनके द्वारा दी गई नीतियां जिन्हें चाणक्य नीति के तौर पर जाना जाता है, आज के समय में भी प्रासंगिक है. चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से अज्ञान और देखने की क्षमता के बारे में चर्चा की गई है. तो आइए जानते हैं इस श्लोक के बारे में. आचार्य चाणक्य के अनुसार,
नैव पश्यति जन्माधः कामान्धो नैव पश्यति।
मदोन्मत्ता न पश्यन्ति अर्थी दोषं न पश्यति
- इस श्लोक के अनुसार, जन्म से अंधा व्यक्ति कुछ देख नहीं पाता है. चाणक्य नीति के मुताबिक जिसके पास जन्म से दृष्टि नहीं है वो तो देख नहीं सकता मगर कुछ लोगों के पास आंख होते हुए भी वे चीजों को ठीक से देख नहीं पाते और गलत निर्णय के कारण जीवन को बर्बाद कर लेते हैं.
Chanakya Niti: पतन का कारण बनती हैं ये चीजें, समय रहते नहीं सुधरे तो होगा पछतावा
- आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्ति किसी चीज की कामना के अंधेरे में डूबा रहता है उसे सही गलत का एहसास नहीं होता. इस तरह के व्यक्ति को अच्छे और बुरे से कोई फर्क नहीं पड़ता. किसी भी चीज इच्छा निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित करती है.
- जो व्यक्ति अहंकार में रहता और बाकी लोगों को छोटा समझता है इस तरह के इंसान को भी कुछ दिखाई नहीं देता. अंकहरी व्यक्ति को अपनी बर्बादी भी नहीं दिखाई देती भले लोग उसे लाख सही और गलत के बारे में समझा लें. ठीक उसी तरह नशे में भी व्यक्ति किसी के बातों को नहीं समझता है.
- आचार्य चाणक्य स्वार्थी व्यक्ति से दूर रहने की सलाह देते हैं. लोभ और लालच में पड़ा व्यक्ति पैसे कमाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. लालच से अंधा हुआ व्यक्ति दूसरों का अहित करने से पहले घबराता नहीं है. लालच व्यक्ति के विवेक को खत्म कर देती है.
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