Clothes Washing Tips: अगर आपकी पसंदीदा ड्रेस या शर्ट धोने के बाद सिकुड़ जाए, तो दिल टूटना स्वाभाविक है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि कपड़ा धोने के बाद आखिर वह सिकुड़ता क्यों है. हालांकि बहुतों को ये भी नहीं है कि जो कपड़़ा सिकुड़ गया है उसे भी ठीक किया जा सकता है. आइये जानते हैं कैसे
कैसे बनते हैं कपड़े?
सूती और लिनन जैसे रेशे पौधों से लिए जाते हैं. ये रेशे झुर्रीदार होते हैं और जब इन्हें खींचकर कताई की जाती है, तो ये चिकने धागों में बदल जाते हैं. पर इनमें ‘फाइबर मेमोरी’ होती है, जिससे वे नमी, गर्मी या मशीनी घर्षण के बाद फिर से सिकुड़ जाते हैं.
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धोने से क्यों सिकुड़ते हैं कपड़े?
गर्म पानी और वॉशिंग मशीन की गति से रेशों के बीच के ‘हाइड्रोजन बॉन्ड’ टूट जाते हैं. ढीले बुने कपड़े ज्यादा सिकुड़ते हैं क्योंकि उनमें जगह ज्यादा होती है. वहीं सेल्यूलोज रेशे पानी सोखकर और भी ज्यादा लचीले हो जाते हैं.
क्या ठंडा पानी भी जिम्मेदार है?
अब सवाल उठता है कि क्या कपड़े के लिए ठंडा पानी भी जिम्मेदार है. इसका जवाब है- जी हां, ठंडा पानी भी रेशों को फुला सकता है. इसलिए इससे बचने के लिए ठंडा पानी से वस्त्र की धुलाई करें और वॉशिंग मशीन में जब डालें तो इसकी गति धीमी कर दें. इससे कपड़ा कम सिकुड़ेगा. खासकर सूती और रेयॉन फेब्रिक के मामले में.
ऊनी कपड़ों का क्या?
ऊन केराटिन प्रोटीन से बना होता है, और इसमें मौजूद ‘क्यूटिकल’ कोशिकाएं धोने पर आपस में उलझ जाती हैं. इसलिए ऊनी कपड़े सिकुड़कर मोटे और छोटे लगने लगते हैं.
सिंथेटिक कपड़े क्यों नहीं सिकुड़ते?
पॉलीस्टर और नायलॉन जैसे कपड़े पेट्रोलियम बेस्ड पॉलीमर से बने होते हैं. इनमें अंदरूनी संरचना इतनी मजबूत होती है कि ये सिकुड़ते नहीं हैं.
सिकुड़े कपड़े को फिर से कैसे फैलाएं?
सिकुड़े कपड़े को हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच बेबी शैंपू या हेयर कंडीशनर डालकर भिगोएं. फिर धीरे-धीरे उसे खींचें और रस्सी पर सुखाएं, इससे रेशे मुलायम होकर अपने पुराने आकार में आ जाते हैं.
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