Garuda Purana Niti : गरुड़ पुराण एक महत्वपूर्ण हिंदू ग्रंथ है, जिसमें जीवन, मृत्यु, और परलोक के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इसमें पाप और पुण्य के कर्मों का वर्णन किया गया है, साथ ही यह भी बताया गया है कि कौन से कर्म व्यक्ति को नर्क में ले जा सकते है. इस ग्रंथ के अनुसार, अच्छे और बुरे कर्मों का फल मृत्यु के बाद मिलता है. आइए, गरुड़ पुराण के अनुसार उन लोगों के बारे में जानते हैं जिन्हें नर्क में स्थान मिलता है, इसमें उन लोगों के बारे में बताया गया है जो अपने पापों के कारण नर्क में जाते हैं. यहां ऐसे कर्म दिए गए हैं जिनके कारण व्यक्ति को नर्क में स्थान मिलता है:-
- झूठ बोलना: जो व्यक्ति लगातार झूठ बोलता है और दूसरों को धोखा देता है, उसे नर्क का सामना करना पड़ता है.
- परिजनों का अनादर: जो अपने माता-पिता, बुजुर्गों और परिवार के सदस्यों का सम्मान नहीं करता, उसके लिए यह कर्म पापकारी होता है.
- हिंसा और हत्या: जो निर्दोष लोगों की हत्या करता है या हिंसा करता है, उसके लिए नर्क ही स्थान बन जाता है.
- दूसरों की संपत्ति पर लालच: जो व्यक्ति दूसरों की संपत्ति या अधिकारों को हड़पने की कोशिश करता है, वह पाप करता है .
- अहंकार और घमंड: जो अपने आप को दूसरों से बेहतर मानता है और घमंड में रहता है, वह भी पाप के क़ाबिल है.
- धार्मिक ग्रंथों का अनादर: जो वेद, पुराण, और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अनादर करता है, उसके लिए यह पाप माना जाता है.
- परस्त्री में आसक्ति: जो व्यक्ति परस्त्री के प्रति लालच या आसक्ति रखता है, वह नर्क के लिए पात्र होता है.
- धार्मिक अनुष्ठानों का उल्लंघन: जो व्यक्ति धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों का पालन नहीं करता, वह भी पापी माना जाता है.
- माता-पिता के प्रति कृतघ्नता: माता-पिता के साथ बुरा व्यवहार करना और उनकी सेवा न करना पाप का कारण बनता है.
- पापी विचार और कर्म: जो व्यक्ति नकारात्मक विचारों और पापी कर्मों में लिप्त रहता है, उसके लिए नर्क में स्थान तय होता है.
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गरुड़ पुराण के अनुसार, पाप और पुण्य के कर्मों का फल व्यक्ति को मृत्यु के बाद मिलता है. परंतु अगर हम अपने जीवन में सद्गुणों का पालन करें और अच्छे कर्म करें, तो हम नर्क के कष्टों से बच सकते हैं.