Gita Updesh: व्यक्ति का जीवन हमेशा एक जैसा नहीं रहता. जिंदगी में उतार-चढ़ाव लगा ही रहता है. जीवन को सही ढंग से जीने के लिए और बुरे समय का मजबूती से सामना करने के लिए इंसान को मार्गदर्शन की जरुरत पड़ती है. श्रीमद्भगवद्गीता ग्रंथ सनातन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है. इसको पढ़ने और इसमें दी गई शिक्षा को जीवन में उतारने से आप कठिन से कठिन समय में भी रास्ता निकाल सकते हैं. अगर आप भी परेशानी से गुजर रहे हैं तो गीता के ये उपदेश आपके काम आएंगे. इन बातों का पालन करने से जीवन में सदा सुख-शांति बनी रहेगी.
इस भावना का आगे रखें
गीता उपदेश के अनुसार, व्यक्ति का पूरा ध्यान सिर्फ काम करने के ऊपर होना चाहिए. सफलता और असफलता इन दोनों परिस्थिति में एक जैसी ही भावना को रखना चाहिए. अगर आपको जीवन में असफलता भी मिलती है तो हार नहीं मानना चाहिए. जीवन में धैर्य बनाकर ही आगे बढ़ें.
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इस आदत का तुरंत छोड़ें
गुस्सा सोचने और समझने की शक्ति को नष्ट कर देता है. अधिक गुस्सा करना दिमाग को भी नुकसान पहुंचाता है. गीता उपदेश के अनुसार, क्रोध के कारण बुद्धि का नाश होता है. क्रोध की स्थिति में व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाता है.
सफलता का ये है मूल मंत्र
हर व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है. इसके लिए सबसे जरूरी है मन को कंट्रोल में रखना. अगर आपका ध्यान एक जगह केंद्रित नहीं है तो आप सफल नहीं हो सकते. जिसने भी मन और अपनी इच्छा पर काबू कर लिया उसे सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है.
कल की चिंता
गीता उपदेश से यह सीख मिलती है कि भविष्य और जो समय बीत गया है उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए. हमेशा आज में जीना चाहिए. अगर आपका समय खराब भी चल रहा है तो इस बात से परेशान नहीं होना चाहिए. समय हमेशा बदल जाता है अगर आज बुरा चल रहा है तो कल अच्छा हो जाएगा.
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