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चाणक्य को छोड़ो ओशो के इन 5 बातों में छुपा है गूढ़ रहस्य, जानने पर जाग जाएगा सिकंदर

Osho Quotes: ओशो के विचार जीवन, मृत्यु, प्रेम, धर्म और आत्मज्ञान पर आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने पहले थे. जानिए ओशो की 5 रहस्यमयी बातें जो आपके सोचने और जीने का तरीका बदल सकती हैं.

Osho Quotes: इस दुनिया में लोग जीवन, मृत्यु, प्रेम और धर्म पर मन में आने वाले विचारों के कारण डरते रहते हैं. यह आज भी प्रासंगिक और रहस्यमयी हैं और आने वाले समय में भी रहेगा. इन विचारों से दूर रहने के लिए अक्सर चाणक्य (Chanakya Niti) के विचारों को आत्मसात करते हैं. लेकिन अगर किसी ने ओशो के जीवन, मृत्यु, प्रेम, धर्म और सत्ता पर उनके विचार जान लिये तो वह आगे की जिंदगी जीने के लिए कभी नहीं डरेगा और उनकी जीवन की दिशा ही बदल सकती है.

“धर्म एक व्यक्तिगत खोज है, संस्था नहीं”

ओशो मानते थे कि सच्चा धर्म किसी संस्था, ग्रंथ या परंपरा में नहीं, बल्कि व्यक्ति की अंतरात्मा में होता है. उनके अनुसार, मंदिर और मस्जिदों में नहीं, बल्कि मौन और ध्यान में ईश्वर मिलता है. उनके अनुसार “धर्म कोई मान्यता नहीं, बल्कि अनुभव है. जो अनुभव करे वही धार्मिक, बाकी सिर्फ अनुयायी हैं.”

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“प्रेम ही एकमात्र धर्म है”

ओशो का प्रेम पर दृष्टिकोण पारंपरिक सोच से अलग था. वे कहते थे कि प्रेम बिना शर्त और स्वार्थ के होना चाहिए. वह कहते थे कि जब प्रेम स्वार्थ रहित हो जाए, तो वही ईश्वर बन जाता है. उनका मानना था कि जहां प्रेम है वहां कोई और धर्म की जरूरत नहीं.”

“मृत्यु अंत नहीं, उत्सव है”

ओशो ने जीवन के सबसे बड़े भय-मृत्यु को भी एक उत्सव की तरह देखने की बात की. वे मानते थे कि मृत्यु कोई डरावनी चीज नहीं, बल्कि एक बदलाव है. उन्होंने कहा था कि मृत्यु का मतलब खत्म होना नहीं, यह रूपांतरण है. इसे स्वीकारो जैसे तुम जीवन को स्वीकारते हो.”

“तुम खुद भगवान हो, बस भूल गए हो”

ओशो का मानना था कि हर इंसान के भीतर दिव्यता छिपी होती है, लेकिन समाज, शिक्षा और धर्म ने उसे भुला दिया है. ध्यान और जागरूकता से ही व्यक्ति अपनी उस दिव्यता को पहचान सकता है. उन्होंने कहा था कि तुम्हारे बाहर कोई भगवान नहीं. वही तुम्हारे भीतर है.”

“जियो ऐसे जैसे यह आखिरी क्षण हो”

वर्तमान में जीना ओशो के संदेशों का मूल था. उन्होंने कहा था कि भविष्य की चिंता और अतीत की स्मृति ही दुःख का कारण हैं. उन्होंने साफ तौर कहा था कि अतीत गया, भविष्य आया नहीं-सिर्फ यह क्षण है, इसमें पूरी तरह जियो.”

ओशो की बातें क्यों हैं आज भी प्रासंगिक?

आज के तनावपूर्ण और प्रतियोगिता के दौर में ओशो की बातें किसी आत्मिक मरहम से कम नहीं. आज जहां हर कोई अपनी चाहत को पाने के लिए दौड़ रहा है तो वहीं, ओशो इसके उलट ठहरने की बात करते हैं. जहां हर कोई बाहर जवाब ढूंढ रहा है, ओशो भीतर झांकने को कहते हैं.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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