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सावन में शिवलिंग स्थापना करने से पहले जान लें अर्घा की सही दिशा, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा

Vastu Tips: सावन में शिवलिंग की स्थापना और जलाभिषेक करते समय अर्घा की दिशा का सही होना बेहद जरूरी होता है. जानें कि अर्घा किस दिशा में रखना चाहिए और शिवलिंग का स्थापित करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहे.

Sawan Special, Vastu Tips For Shivling Direction: सावन की पहली सोमवारी बेहद नजदीक है. शिवभक्तों के लिए यह महीना बेहद खास होता है. ऐसी मान्यता है कि सावन के माह में श्रद्धा पूर्वक भगवान शिव से कुछ भी मांगा जाए तो यह फलदायी होता है. इसके लोग विभिन्न शिवालयों में जाते हैं तो कई अपने घर में ही शिवलिंग की स्थापना कर विशेष तौर पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और मंत्र का जाप करते हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि शिवलिंग की स्थापना करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और शिवलिंग को स्थापित करते समय अर्घा की दिशा किस तरफ होनी चाहिए, जिससे कि उन्हें पूजा का पूरा फल मिल सके.

क्या होता है अर्घा?

अर्घा, शिवलिंग का वह हिस्सा होता है जिससे जल बाहर निकलता है. जब हम शिवलिंग पर जल या पंचामृत चढ़ाते हैं, तो वह अर्घा के माध्यम से निकलता है. वास्तु और धर्मशास्त्र के अनुसार, यह केवल जल की निकासी द्वार नहीं होता है बल्कि एक पॉजिटिव एनर्जी का रास्ता भी होता है.

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अर्घा की दिशा क्या होनी चाहिए?

धार्मिक मान्यता और वास्तुशास्त्र की मानें तो, शिवलिंग का अर्घा उत्तर दिशा में होना चाहिए. अगर उत्तर दिशा संभव न हो, तो पूर्व दिशा में भी अर्घा को रखा जा सकता है. दक्षिण दिशा में अर्घा कभी नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ फल देता है.

उत्तर दिशा को क्यों माना गया है बेस्ट ?

उत्तर दिशा को धन और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा माना गया है. इस दिशा में अर्घा रखने से जल के साथ नकारात्मक ऊर्जा का भी निष्कासन होता है.

शास्त्रों में भी है उल्लेख

वास्तु शास्त्र में स्पष्ट कहा गया है कि अर्घा उत्तर की ओर हो तो भगवान शिव की कृपा जल्दी मिलती है. इसके अलावा उत्तर दिशा को वायव्यमंडल की ठंडी दिशा माना गया है, जहां जल का प्रवाह शुभ फल देता है और मानसिक शांति प्रदान करता है.

दक्षिण दिशा में क्यों नहीं होना चाहिए शिवलिंग का अर्घा?

दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है, जो मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. अगर इस दिशा में अर्घा रख दिया गया तो परिवार में मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ साथ भारी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिशा में बहता जल शिव की कृपा लेने से बाधित कर सकता है.

घर में शिवलिंग स्थापित करते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • शिवलिंग बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए.
  • घर में पूजा योग्य शिवलिंग अंगूठे के आकार या उससे छोटा ही होना चाहिए.
  • शिवलिंग की स्थापना उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए
  • जल अर्पण करने के बाद उसे साफ कपड़े से पोंछना न भूलें.
  • शिवलिंग के पास कभी भी तुलसी नहीं रखना चाहिए.

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर बेस्ड है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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