Sai Baba Quotes: साईं बाबा ने अपना पूरा जीवन एक फकीर की तरह जिया और हमेशा श्रद्धा और सबूरी का संदेश दिया. वे धर्म से परे होकर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में पूजनीय बने. माना जाता है कि उनका जन्म 28 सितंबर को हुआ था. उन्होंने जीवनभर जरूरतमंदों की सेवा की और दुखियों की समस्याएं दूर कीं. उनके उपदेशों और चमत्कारों का उल्लेख ‘श्री साईं सच्चरित्र’ में मिलता है. यह कहा जाता है कि जो भी भक्त साईं बाबा के वचनों का मन से ध्यान करता है, उसकी हर समस्या सुलझ जाती है और जीवन में शांति का अनुभव होता है. ऐसे में आइए इस आर्टिकल साईं बाबा के कुछ विचार बताए गए हैं, जिनको जीवन में अपनाकर अपना कल्याण कर सकते हैं.
जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
साईं बाबा ने जीवन का अधिकांश समय शिरडी में बिताया, इसलिए शिरडी को उनकी तपोभूमि माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि वहां जाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जो भक्त शिरडी नहीं जा पाते, वे अपने शहर के किसी भी साईं मंदिर जाकर श्रद्धा से दर्शन करें, वहां भी बाबा की कृपा अवश्य मिलती है.

चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर
शिरडी में स्थित साईं बाबा का धाम ऐसी दिव्य शक्ति से भरपूर है कि जैसे ही कोई भक्त मंदिर की सीढ़ियों पर पहला कदम रखता है, उसकी परेशानियां धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं. इस पवित्र स्थान पर श्रद्धा और भक्ति से की गई हर प्रार्थना सुनी जाती है, और मन को शांति एवं समाधान की अनुभूति होती है.

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त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा
साईं बाबा ने अपने एक वचन में कहा था, “मेरा शरीर नष्ट हो सकता है, लेकिन मेरा आत्मा अमर है. जब भी कोई भक्त सच्चे मन से मुझे पुकारेगा, मैं दौड़कर उसकी सहायता को आऊंगा.” यह वचन आज भी भक्तों को विश्वास, सुरक्षा और ईश्वर की निकटता का अनुभव कराता है.

मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस
इस वचन में साईं बाबा कहते हैं कि जो भी मुझ पर विश्वास रखता है, वह जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी मेरी समाधि के दर्शन से शांति पाएगा. श्रद्धा के साथ जो भक्त शिरडी आता है, उसे न सिर्फ समाधान मिलता है, बल्कि आत्मिक बल और सुकून भी प्राप्त होता है.

मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
साईं बाबा कहते हैं कि मैं अपने भक्तों के विश्वास और भक्ति में ही जीवित हूं. जो भी भक्त प्रेम और श्रद्धा से मुझे याद करता है, वह मेरी उपस्थिति को अपने आसपास महसूस कर सकता है. भक्ति का यह अनुभव शब्दों से परे होता है और आत्मा को गहरी शांति और भरोसा प्रदान करता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.