Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर का सही स्थान और उसकी सजावट से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. विशेष रूप से, मंदिर को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह स्थान सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. लेकिन, कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें मंदिर में रखना मना किया गया है. वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि इन वस्तुओं को मंदिर में रखने से पूजा का असर कम हो सकता है और देवी-देवता नाराज हो सकते हैं. आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में जिन्हें मंदिर में कभी नहीं रखना चाहिए.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में कभी भी कटी-फटी धार्मिक पुस्तकों को रखने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस तरह की धार्मिक पुस्तकों को मंदिर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो व्यक्ति के जीवन में अशांति और बाधाएं ला सकती है. धार्मिक पुस्तकों का सम्मान करना जरूरी है, और इन्हें सही स्थिति में रखना चाहिए, जिससे पूजा और साधना का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक बना रहे. यही कारण है कि मंदिर में इनका सही तरीके से रखा जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें- Vastu Tips: शादीशुदा जिंदगी में नहीं चाहते कोई क्लेश, तो वास्तु के इन बातों का जरूर रखें ख्याल
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में गंदे कपड़े रखना मना है, क्योंकि देवी-देवताओं का वास हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर होता है. गंदगी और गंदे कपड़े रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे पूजा का प्रभाव कमजोर पड़ सकता है. इसके अलावा, चमड़े से बनी वस्तुएं भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह पूजा स्थल की पवित्रता को प्रभावित करती हैं. इसलिए मंदिर में हमेशा स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखना जरूरी है.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में नुकीली चीजों को रखना शुभ नहीं माना जाता. नुकीली वस्तुएं जैसे कि कांटे, चाकू, या किसी भी प्रकार की तेज चीजें, नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं. इन वस्तुओं के मंदिर में होने से पूजा का प्रभाव कमजोर हो सकता है और व्यक्ति को जीवन में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए मंदिर में हमेशा नुकीली चीजों से बचना चाहिए और वहां केवल शांति और सकारात्मकता का वातावरण बनाए रखना चाहिए.
यह भी पढ़ें- Vastu Tips: घर में इस दिशा में बनाए सीढ़िया, जो लाएंगे आपके जीवन में रौनक, अपनाएं ये वास्तु उपाय
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.