Vidur Niti: महाभारत एक ऐसा महाकाव्य है जिससे जीवन के कई पहलुओं के बारे में जानने समझने का मौका मिलता है. इस काव्य में अनेक पात्र हैं जो कई महत्वपूर्ण जीवन मूल्यों के बारे में हमें बताते हैं. इन्हीं पात्रों में से एक है महात्मा विदुर. किसी भी व्यक्ति की पहचान आचरण से होती है और इसी बात की व्याख्या महात्मा विदुर ने विदुर नीति में की है. इस नीति के जरिए महात्मा विदुर ने जीवन में सफल होना, नैतिकता का पालन करना और मुश्किल परिस्थिति में कैसे खुद को संतुलित कर के रखें बताया है. विदुर नीति में सच्चे सज्जन को पहचानने और उसके गुणों के बारे में बताया है. इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
सदाचारी व्यक्ति के गुण
- महात्मा विदुर सज्जन व्यक्तियों की चर्चा करते हुए कहते हैं कि सज्जन व्यक्ति कभी सुख में अधिक खुश नहीं होते और इस बात का घमंड नहीं करते. आज के समय में लोग छोटी बातों का दिखावा करते हैं मगर एक सज्जन व्यक्ति इस समय में भी विनम्र रहता है और अपने सुखी होने का प्रदर्शन दूसरों के सामने नहीं करता है.
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- किसी के प्रति संवेदनशील होना सज्जन व्यक्ति की निशानी है. विदुर नीति के अनुसार, सदाचारी व्यक्ति किसी के दुख का मजाक नहीं उड़ाता. ऐसा व्यक्ति दूसरों के दुख को समझता है और मुश्किल में पड़े व्यक्ति की मदद के लिए तैयार रहते हैं.
- व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के हिसाब से दान करना चाहिए. विदुर नीति के मुताबिक, सच्चा दानी वह होता है जिसे दान देने के बाद पछतावा नहीं होता है. दानी व्यक्ति ये कभी नहीं सोचता उसने दान देकर क्या खोया है बल्कि इस बात से संतुष्ट रहता है कि किसी के काम आया. ऐसा दान ही वास्तव में परोपकार है.
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