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World Bicycle Day 2023: आम जिंदगी से सिनेमाई परदे तक साइकिल का सफर

World Bicycle Day 2023: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2018 में 'विश्व साइकिल दिवस' मनाने की शुरुआत की थी. साइकिल ने यूरोप में एक सांस्कृतिक क्रांति को जन्म दिया. सामाजिक बदलाव का एक माध्यम बनी साइकिल पर सिनेमा की कहानियां भी बनने लगीं.

World Bicycle Day 2023: आज विश्व साइकिल दिवस है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2018 में ‘विश्व साइकिल दिवस’ मनाने की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य साइकिल के महत्व को समझाते हुए स्वास्थ्य और पर्यावरण को होने वाले फायदों को लेकर लोगों को जागरूक करना है.

साइकिल का इतिहास

अठारहवीं शताब्दी में यूरोप में साइकिल का प्रचलन शुरू हुआ. हम आज चेन लगी साइकिल का जो मॉडल देखते हैं, उसका आविष्कार उन्नीसवीं सदी के अंत में हुआ था. सिनेमा की शुरुआत का समय भी लगभग यही है. दोनों चीजें साथ-साथ ही विकसित हो रही थीं. दोनों ने लोगों की कल्पनाओं को एक साथ नयी उड़ान दी. साइकिल ने यूरोप में एक सांस्कृतिक क्रांति को जन्म दिया. सामाजिक बदलाव का एक माध्यम बनी साइकिल पर सिनेमा की कहानियां भी बनने लगीं.

जिंदगी में साइकिल का दखल

महानगरों में रहने वाले अधिकतर लोग फिट रहने के लिए साइकिलिंग करते हैं, गांव, छोटे शहरों और कस्बों में साइकिल एक बड़ी आबादी की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा है. उत्तर भारत के कस्बों में लड़कियों ने जब साइकिल से स्कूल जाना शुरू किया, तो इसे एक बड़े सामाजिक बदलाव के तौर पर देखा गया. बिहार जैसे राज्य में जब लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू हुई, तो स्कूलों में छात्राओं की संख्या में बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ. छोटे कस्बों-गांवों में आज भी दूध और अखबार बांटने वाले, सब्जी बेचने वाले, गुब्बारे व हवा मिठाई बेचने वाले साइकिल से चलते हैं. देश भर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के गेट से हजारों-हजार कामगार अपनी-अपनी साइकिलों से एक साथ निकलते हैं और शहरों की गलियों-मोहल्लों में गुम हो जाते हैं. महानगरों में सड़कें तेज रफ्तार कारों के लिए जितनी तेजी से चौड़ी हुईं, साइकिलों के चलने की जगह कम होती गयी, लेकिन साइकिल के दोनों पहिये फिर भी घूम रहे हैं.

हिंदी सिनेमा में साइकिल

ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के दौर में कई फिल्मों में साइकिल नजर आती थी. वर्ष 1959 में आई फिल्म ‘अनाड़ी’ में नूतन अपनी सहेलियों के साथ साइकिल पर ‘बनके पंछी गाये प्यार का तराना’ गीत गाती हुई चली जा रही हैं. ‘पड़ोसन’ फिल्म में सायराबानो ‘मैं चली-चली’ गीत साइकिल चलाते हुए गाती हैं. 1960 में आई फिल्म ‘अपना घर’ के गाने ‘भीगे-भीगे’ में नंदा, हीरो प्रेमनाथ के साथ साइकिल पर आगे बैठी दिखती हैं, तो 1971 में बनी ‘तेरे मेरे सपने’ के गाने ‘मैंने कसम ली’ में मुमताज देवानंद के साथ. साइकिल को इस तरह परदे पर फिल्माये जाने का यह सिलसिला आज भी बरकरार है. ‘बर्फी’ फिल्म में इलियाना डिक्रूज रणबीर कपूर के साथ साइकिल पर आगे बैठे दिखीं, तो ‘सुई धागा’ में अनुष्का शर्मा वरुण धवन के साथ पीछे की सीट पर. आमिर खान अभिनीत ‘जो जीता वही सिंकदर’, तो याद ही होगी आपको. इस फिल्म की कहानी में उच्च वर्ग और मध्यवर्ग के किशोरों के बीच के संघर्ष में साइकिल की रेस भी एक अहम हिस्सा थी. आमिर खान ‘अकेले हम, अकेले तुम’ के गीत ‘तू मेरा दिल, तू मेरी जान’ और ‘पीके’ फिल्म में साइकिल चलाते दिखते हैं. अक्षय कुमार अपनी फिल्म ‘पैडमैन’ में साइकिल चलाते दिखे, शाहिद कपूर ‘जब वी मेट’ और ‘उड़ता पंजाब’ में. अनिल कपूर ने ‘1942 ए लवस्टोरी’ में साइकिल की सवारी की. ‘पीकू’ फिल्म में अमिताभ बच्चन और ‘बजरंगी भईजान’ में सलमान खान ने भी साइकिल चलाई. सलमान असल जिंदगी में भी खूब साइकिल चलाते हैं. फिल्म डियर जिंदगी में आलिया भट्ट और शाहरुख खान का साइकिल चलाने का बेहद खूबसूरत दृश्य है.

विश्व सिनेमा में साइकिल

दुनिया भर के फिल्मकारों ने साइकिल पर केंद्रित फिल्में बनायी हैं, लेकिन जब साइकिल पर बनी बेहतरीन फिल्मों की बात की जाती है, तो इटेलियन फिल्म ‘बाइसिकल थीव्ज’ का नाम सबसे पहले लिया जाता है. दुनिया की महानतम फिल्मों में शुमार इस फिल्म की कहानी एक साइकिल के खरीदे जाने, खो जाने और एक पिता व बेटे द्वारा जुनून की हद तक उसकी तलाश पर केंद्रित है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1948 में बनी ऑल टाइम क्लासिक इस फिल्म को फिल्मकार विटोरियो द सिका की ज़िंदगी की सबसे बेहतरीन फिल्म माना जाता है. फिल्म का नायक बेरोजगार है, घर में उसकी पत्नी और एक छोटा सा बच्चा है. नायक को बहुत मुश्किल से एक नौकरी मिलती है, वो भी इस शर्त पर कि उसके पास एक साइकिल होनी चाहिए. घर का कुछ सामान गिरवी रखकर वह साइकिल खरीदता है. एक दिन साइकिल चोरी हो जाती है और नायक अपने बेटे के साथ साइकिल की खोज शुरू करता है. प्रसिद्ध ब्रिटिश फिल्म पत्रिका ‘साइट एंड साउंड’ 1952 से हर दस साल में दुनिया की दस सबसे सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का चयन करती है. वर्ष 1952 की दस सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची में बाइसिकल थीव्ज सबसे ऊपर थी.

इसके अलावा कई भाषाओं में साइकिल पर केंद्रित कहानी को दर्शानेवाली फिल्में बनी हैं. इन फिल्मों के जिक्र शुरू होता है 1922 में बनी मूक फिल्म द व्हील्स ऑफ चांस से और सऊदी अरेबियन फिल्म वाद्ज्दा तक चला आता है. विश्व साइकिल दिवस, साइकिल पर बने सिनेमा की दुनिया में दाखिल होने का एक अच्छा समय है.

Preeti Singh Parihar
Preeti Singh Parihar
Senior Copywriter, 15 years experience in journalism. Have a good experience in Hindi Literature, Education, Travel & Lifestyle...

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